Amazon ने बिक्री शुल्क किया आधा, इन विक्रेताओं को मिलेगा कटौती का फायदा
Amazon ने यह भी कहा कि इस त्योहारी मौसम में ज्यादा बिक्री करने के अवसर का लाभ उठाने का उसके सभी विक्रेता इंतजार कर रहे हैं.
ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन इंडिया (Amazon India) ने आगामी त्योहारी सीजन (Festive Season) के ठीक पहले अपने प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले नए विक्रेताओं के लिए बिक्री शुल्क में 50 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है. Amazon India ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस त्योहारी सीजन में नए विक्रेताओं को बिक्री शुल्क में रियायत देने का फैसला किया गया है. बयान के अनुसार, 28 अगस्त से 26 अक्टूबर के बीच Amazon के प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले नए विक्रेताओं के लिए बिक्री शुल्क में 50 प्रतिशत तक की कटौती की गई है.
हालांकि इस छूट का लाभ वही विक्रेता उठा सकते हैं, जो रजिस्ट्रेशन के 90 दिनों के भीतर अपना कारोबार शुरू कर देंगे. कंपनी ने इस सुविधा के दायरे में सभी खंडों के विक्रेताओं को शामिल किया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट में Amazon India में डायरेक्टर फुलफिलमेंट चैनल्स विवेक सोमारेड्डी के हवाले से कहा गया है कि भारत में ऐमजॉन के 10 लाख से ज्यादा सेलर्स हैं, जिनके पास त्योहारी सीजन में ग्राहकों को अपने प्रॉडक्ट शोकेस करने का मौका होगा.
कैसे होती है सेलिंग फीस की गणना
ऑनलाइन सेलर्स प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करने वाले amazon.in पर अपने उत्पादों की बिक्री करने के लिए सभी विक्रेताओं के लिए शुल्क देना जरूरी है. सेलिंग फीस की गणना खरीदार द्वारा चुकाए गए कुल बिक्री मूल्य के प्रतिशत के आधार पर की जाती है. कंपनी की सालाना फेस्टिव सीजन सेल का नाम ‘ऐमजॉन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल’ (Amazon Great Indian Festival) है.
इसके साथ ही Amazon ने यह भी कहा कि इस त्योहारी मौसम में ज्यादा बिक्री करने के अवसर का लाभ उठाने का उसके सभी विक्रेता इंतजार कर रहे हैं. इनमें स्थापित कंपनियों के अलावा स्थानीय स्टोर और कारीगर एवं शिल्पकार भी शामिल हैं. सरकार ने 40 लाख रुपये से कम कारोबार वाली इकाइयों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन से छूट दी हुई है.
इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रही है कंपनी
कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में निवेश कर रही है, जिसे देश भर में 60 से अधिक पूर्ति केंद्रों के नेटवर्क के साथ तैयार किया गया है.
पिछले साल Amazon ने भारत के लिए 25 करोड़ डॉलर के वेंचर फंड की घोषणा की थी, जो देश के छोटे व्यवसायों को ऑनलाइन लाने पर केंद्रित था. इसके बाद Amazon को स्थानीय खुदरा विक्रेताओं की आलोचना का शिकार होना पड़ा. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कई खुदरा विक्रेता लंबे वक्त से आरोप लगा रहे हैं कि Amazon और Flipkart जैसे ई-कॉमर्स दिग्गज, फेडरल रेगुलेशंस का उल्लंघन करते हैं और उनकी बिजनेस प्रैक्टिसेज से छोटे व्यापारियों को नुकसान होता है. लेकिन इन कंपनियों ने सभी आरोपों से इनकार किया है.
Edited by Ritika Singh