ब्लड ऑक्सीमीटर की जगह ले लेगी ये ऐप! कोलकाता के स्टार्टअप ने कर दिखाया कमाल
कोलकाता स्थित स्टार्टअप CareNow ने ‘CarePlix Vital’s’ नाम की एक स्मार्टफोन ऐप डेवलप की है जिसकी मदद से व्यक्ति अपने स्मार्टफोन के पीछे लगे कैमरा और फ्लैशलाइट पर उंगली रख महज कुछ ही सेकंड में अपने ऑक्सीजन स्तर और पल्स के बारे में जानकारी ले सकता है।
देश में जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप अचानक बढ़ना शुरू हुआ तब सभी अस्पताल जल्द ही कोरोना मरीजों से भर गए। कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों के ऑक्सीजन स्तर पर भारी गिरावट दर्ज़ की गई जो कई बार जानलेवा भी साबित हुई। अस्पतालों में जगह न होने के चलते तमाम कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज घर पर ही जारी रहा और ऐसे में उन्हें ऑक्सीजन स्तर पर नज़र रखने के लिए ऑक्सीमीटर भी खरीदने पड़े।
अचानक बढ़ी ऑक्सीमीटर की डिमांड से इनकी कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी भी देखी गई, वहीं अधिकांश मेडिकल शॉप पर ऑक्सीमीटर मिलने ही बंद हो गए जिससे घर पर इलाज करा रहे कोरोना मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा।
अब कोलकाता के एक स्टार्टअप ने इसका समाधान खोज निकाला है जिसकी मदद से महज एक मोबाइल ऐप के जरिये घर पर ही मरीजों के ऑक्सीजन स्तर का पता लगाया जा सकता है।
स्मार्टफोन बना ऑक्सीमीटर
कोलकाता स्थित स्टार्टअप CareNow ने ‘CarePlix Vital’s’ नाम की एक स्मार्टफोन ऐप डेवलप की है जिसकी मदद से व्यक्ति अपने स्मार्टफोन के पीछे लगे कैमरा और फ्लैशलाइट पर उंगली रख महज कुछ ही सेकंड में अपने ऑक्सीजन स्तर और पल्स के बारे में जानकारी ले सकता है। ये सभी आंकड़े बड़ी आसानी से व्यक्ति की स्मार्टफोन स्क्रीन पर नज़र आ जाएंगे।
CareNow हेल्थकेयर के सह-संस्थापक शुभब्रत पॉल के अनुसार, “आज लोग पल्स ऑक्सीमीटर और इस तरह की स्मार्टवॉच आदि के जरिये ऑक्सीजन संतृप्ति और पल्स रेट की जानकारी जुटा रहे हैं। ये दोनों ही PPG तकनीक के जरिये रिजल्ट देती हैं और यही हम स्मार्टफोन के रियर कैमरे और फ्लैशलाइट के जरिये हासिल कर रहे हैं।“
AI के जरिये सटीक रिजल्ट
शुभब्रत पॉल के अनुसार अधिकतर स्मार्टवॉच और ऑक्सीमीटर में इंफ्रारेड सेंसर होते हैं लें जबकि फोन में यही काम करने के लिए फ्लैशलाइट है। ऐप के साथ फ्लैशलाइट और रियर कैमरे को उंगली से कवर करने के बाद लगभग 40 सेकंड तक स्कैन करने के बाद ऐप के जरिये प्रकाश की तीव्रता की गणना की जाती है इसे ही PPG ग्राफ में प्लांट किया जाता है जिसके जरिये लोगों को SpO2 और पल्स रेट हासिल होता है।
CarePlix Vital’s’ एक रजिस्ट्रेशन आधारित ऐप है। ऐप के भीतर मौजूद AI आपकी उंगली को सही जगह रखने में आपकी मदद करता है जिससे आपको सटीक रीडिंग मिलती है। महज 40 सेकंड के भीतर ही आपकी स्मार्टफोन स्क्रीन में रीडिंग नज़र आ जाती है। गौरतलब है कि इंटरनेट के साथ आप इस रीडिंग को क्लाउड पर भी सेव कर सकते हैं। यह ऐप IOS और एंड्रॉइड दोनों के लिए उपलब्ध है।
12 सौ लोगों पर हुए थे ट्रायल
इस ऐप को आम लोगों के लिए उपलब्ध किए जाने से पहले इसे क्लीनिकल ट्रायल पर भी परखा गया है। कोलकाता के सुखलाल करनानी मेमोरियल अस्पताल में करीब 1200 लोगों पर इस साल की शुरुआत में इस ऐप को टेस्ट किया गया था।
शुभब्रत पॉल ने दावा किया है कि अस्पताल में डॉक्टरों की टीम की देखरेख में अस्पताल की OPD में ये ट्रायल किए गए थे जहां CarePlix Vital ऐप ने हार्ट बीट के मामले में 96 प्रतिशत सटीकता और ऑक्सीजन संतृप्ति के मामले में 98 प्रतिशत सटीकता के साथ रिजल्ट दिये थे।
Edited by रविकांत पारीक