विश्व यूनानी चिकित्सा विज्ञान दिवस पर दिए जाएंगे पुरस्कार
यूनानी डॉक्टरों की संस्था ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सैयद खान ने बुधवार को बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले देश-विदेश के यूनानी विद्वानों को 12 फरवरी को विश्व यूनानी चिकित्सा विज्ञान दिवस पर पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।
विश्व यूनानी चिकित्सा विज्ञान दिवस पर एक संस्था चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विभिन्न लोगों को पुरस्कृत करेगी।
यूनानी डॉक्टरों की संस्था ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सैयद खान ने बुधवार को बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले देश-विदेश के यूनानी विद्वानों को 12 फरवरी को विश्व यूनानी चिकित्सा विज्ञान दिवस पर पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।
डॉ. खान ने बताया कि दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में स्वतंत्रत सैनानी और यूनानी डॉक्टर हकीम अजमल खां पर एक संगोष्ठि भी होगी।
हकीम अजमल खां, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत आने वाले आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बिया कॉलेज के संस्थापकों में शुमार रहे। वह कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे थे। उनका निधन 1927 में हो गया था।
आपको बता दें कि मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने नई दिल्ली में 11 फरवरी, 2018 को दो दिवसीय (11-12 फरवरी) यूनानी चिकित्सा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया था। पूरे विश्व में मेनस्ट्रीम हेल्थ सिस्टम (एलौपेथिक) के साथ यूनानी चिकित्सा के एकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रथम यूनानी दिवस साल 2017 में हैदराबाद में मनाया गया था।
यूनानी औषधि प्रणाली
यह एक किस्म की पर्शियन-अरबी पारंपरिक औषधि प्रणाली है। इसका उपयोग मुगलकालीन भारत में किया गया, इसके अतिरिक्त दक्षिण एशियाई तथा मध्य एशिया में भी यूनानी चिकित्सा पद्धति का उपयोग किया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति का आरंभ यूनान में हुआ था। हिप्पोक्रेट्स को इस चिकित्सा पद्धति का जनम माना जाता है। भारत में इस चिकित्सा पद्धति की शुरुआत 13वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना के साथ हुई थी। इसे यूनानी-टिब्ब के नाम से भी जाना जाता है।
यह चिकित्सा पद्धति हर्ब-एनोमो-मूल खनिज का मिश्रित रूप है जिसमें 90% हर्बल, 4.5% जानवर अंश और 5.6% खनिज मिले होते हैं।
(Edited by रविकांत पारीक )