इंटरनेट की दुनिया में दो भाईयों की युगलबंदी
GirnarSoft की 2007 में हुई स्थापनाCarDekho और PriceDekho जैसे बनाए कई उत्पाद600 लोग करते हैं इनकी कंपनी में काम
दो भाई जो सोचते एक जैसा थे, सपने भी एक जैसे देखते थे, उन्होने पढ़ाई भी लगभग एक जैसी की और जो उद्यम आज खड़ा किया है उसमें मेहनत उन दोनों भाइयों की है। अमित जैन और अनुराग जैन जयपुर में रहते हैं। दोनों भाइयों में अमित बड़े हैं। जिन्होने 1999 में आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की तो उनके छोटे भाई अमित ने भी अपने बड़े भाई के नक्शे कदम पर चलते हुए दो साल बाद इस काम को अंजाम दिया। तब तक अमित टीसीएस में नौकरी करने लगे थे और बाद में यहां से ट्राईलोजी के लिए काम करने के लिए अमेरिका चले गए। यहां पर उन पर जिम्मेदारी थी भारत में मौजूद कंपनी के कामकाज को देखने की। करीब 8 सालों तक कॉरपोरेट में नौकरी करने के दौरान उनको कई तरह के अनुभव हुए। आखिरकार अब वो वक्त आ गया था जब वो अपने सपने को हकीकत में बदल सकते थे। सपनों को पूरा करने के लिए वो भारत लौट आए और साल 2007 में अपने छोटे भाई अनुराग जैन के साथ मिलकर GirnarSoft की स्थापना की।

जयपुर में अमित का परिवार आभूषणों का कारोबार करता था। जब अमित अमेरिका से लौटे तो उन्होने सोचा कि क्यों ना आभूषणों का ऑनलाइन स्टोर खोला जाए। अमित के मुताबिक वो अक्सर अपने पिता को आभूषणों का कारोबार बढ़ाने के लिए सलाह देते रहते थे लेकिन जब वो खुद इस कारोबार में उतरना चाहते थे तब उनको जमीनी हकीकत का पता चला और उन्होने इस काम को करने का विचार छोड़ दिया। इसके बाद वो दूसरे काम धंधे के बारे में विचार करने लगे। कई बार किसी काम को करने के लिए हालात भी मजबूर करते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ GirnarSoft की स्थापना में भी। दोनों भाईयों ने फैसला लिया कि वो एक आईटी आउटसोर्सिंग कंपनी चलाएंगे लेकिन इसके लिए नकदी का प्रवाह भी जरूरी था। अमित को विश्वास था कि वो इस काम में समय रहते आ गए हैं क्योंकि समय के साथ जिम्मेदारियों का ढेर भी बढ़ जाता है ऐसे में जोखिम उठाना मुश्किल हो जाता है।
काम की शुरूआत हुई एक छोटे से कमरे में कम्प्यूटर और ग्राहकों को मेल भेजे जाने के साथ। शुरूआत में कोई भी ऐसा जवाब इन लोगों को नहीं मिला जिससे इनके चेहरों पर रौनक आती। अमित के मुताबिक “हमने अपने काम को ऊंची महत्वकांक्षा के साथ शुरू किया था ताकि हम बड़े प्रोजेक्ट हासिल कर सकें और हमने उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जिनको प्रौद्योगिकी सेवाओं की जरूरत थी।” आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उनको पहला प्रोजेक्ट 50 हजार रुपये का मिला हालांकि ये मानक मूल्यों से काफी कम था लेकिन इन लोगों ने इसको करने का फैसला लिया। इसके बाद एक के बाद एक कई प्रोजक्ट इन लोगों की झोली में आते गए और धीरे धीरे ऐसे हालत बनने लगे कि इनको और लोगों की जरूरत पड़ने लगी। अप्रैल, 2007 में इन लोगों ने एक व्यक्ति को नौकरी दी और अगले साल ये संख्या 40 तक पहुंच गई। अमित का कहना है कि “जयपुर एक शानदार जगह है जहां पर सभी जरूरी सुविधाएं हैं इतना ही नहीं यहां की स्थानीय प्रतिभा काफी अच्छा काम कर रही है।” ये लोग ज्यादातर फ्रेशर्स लोगों को मौके देते हैं और कई बार ये इतना अच्छा काम करते हैं कि उनको प्रोजक्ट लीडर तक की जिम्मेदारी दी जाती है।
कोई भी प्रौद्योगिकी कंपनी अगर तय कर ले कि उसे सेवाओं के क्षेत्र में काम करना है तो उसके खुद का उत्पाद प्रभावित हो सकता है, क्योंकि सेवाएं ज्यादा वक्त लेती हैं ऐसे में खुद का उत्पाद देखने में ज्यादा वक्त नहीं मिलता। CarDekho के लिए काम करने से पहले अमित और उनकी टीम ने कई चीजों को आजमाया, लेकिन वो परवान नहीं चढ़ सकी। इसके बाद जब वो ऑटो एक्सपो में घूमने के लिए आए तो उनको विचार आया कि क्यों न एक ऑटो क्षेत्र के लिए पोर्टल बनाया जाए। 2010 में इस पोर्टल के बनने के बाद इसे काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इसके साथ साथ कंपनी ने अपनी सेवाओं के कारोबार को बनाये रखा। अमित का कहना है कि उनकी काम को लेकर सोच स्पष्ट है। उत्पाद पर तो ध्यान देना ही है लेकिन साथ ही साथ कंपनी की आय को बढ़ाना भी जरूरी
है। CarDekho, PriceDekho के साथ साथ GirnarSoft के पास अपने उत्पादों की स्पष्ट दिशा है।
आज दोनों भाइयों की इस कंपनी में 600 लोग काम करते हैं। जहां पर सबके काम बंटे हुए हैँ। अमित जहां इसके मुखिया हैं वहीं अनुराग PriceDekho और सेवा क्षेत्र में आनी वाली चुनौतियों से निपटते हैं। CarDekho ने काफी प्रभावशाली काम किया है शुरूआत में इनकी आय इसमें आने वाले विज्ञापनों से होती थी, लेकिन धीरे धीरे इनकी टीम जमीनी स्तर पर भी काम करने लगी और कार निर्माताओं और डीलरों को भी अपने साथ जोड़ने का काम किया। आज की भी CarDekho से कोई भी वाहन खरीदता है तो इनकी टीम कार बिकने तक पूरी प्रक्रिया में साथ रहती है। ये दोनों भाईयों की मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि पिछले 5 सालों के दौरान GirnarSoft को कभी नुकसान नहीं उठाना पड़ा। 2012 तक CarDekho भारत में सबसे बड़ा ऑटो पोर्टल था जहां पर हर महिने 70 लाख लोग आते थे। अमित और उनकी टीम को मालूम है कि वो जहां पर हैं वो काफी बड़ी जगह है जहां से अगले स्तर पर पहुंचा जा सकता है। ऐसे में इन लोगों को निवेशक की जगह एक बड़े सहारे की जरूरत है। हालांकि कई निवेशकों ने इनकी कंपनी ने निवेश की दिलचस्पी दिखाई लेकिन इन लोगों ने कभी भी नए निवेश की जरूरत नहीं समझी। अब इन लोगों को लंबी छलांग मारनी थी। लिहाजा Sequoia साल 2013 में इनकी कंपनी में 15 मिलियन डॉलर का निवेश किया ताकि निरतंर बढ़ रहा इनका कारोबार अगले स्तर में तेजी से पहुंच सके।