गुजरात को पूरे देश के लिए मॉडल राज्य बनाना चाहते हैं विजय रूपानी
राजकोट पश्चिम सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले रूपानी 1971 में जनसंघ से जुड़े थे और वह भाजपा से उसकी स्थापना के समय से ही जुड़े हैं। उनके पास फिलहाल परिवहन, जलापूर्ति, श्रम एवं रोज़गार विभाग है। रूपानी की उम्मीदवारी को दलित और पाटीदार समुदायों के बीच किसी भी टकराव को टालने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
गुजरात के अगले मुख्यमंत्री चुने गए विजय रूपानी ने आज कहा कि वह ‘पूरे देश के लिए गुजरात को एक मॉडल राज्य बनाने का प्रयास करेंगे।’ मुख्यमंत्री पद के लिए अपने नाम का एलान होने के बाद रूपानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा संसदीय बोर्ड का आभार व्यक्त किया।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ संवाददाता सम्मेलन में रूपानी ने कहा कि वह और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल जिम्मेदारी के साथ ‘विकास की राजनीति’ को आगे बढ़ाएंगे। गडकरी ने कहा कि रूपानी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत और सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री और नितिन पटेल को उप मुख्यमंत्री चुना गया।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां आने के बाद मैंने पार्टी अध्यक्ष (अमित शाह) और आनंदीबेन पटेल से बात की। विजयभाई रूपानी के नाम पर फैसला सभी लोगों से चर्चा के बाद किया गया। आनंदीबेन पटेल के प्रस्ताव के अनुसार नितिन पटेल को उप मुख्यमंत्री चुना गया है।’’
चौंका देने वाले एक फैसले के तहत प्रदेश अध्यक्ष एवं अमित शाह के समर्थक विजय रूपानी नितिन पटेल को पछाड़ते हुए गुजरात के नये मुख्यमंत्री चुने गए। वह आनंदीबेन पटेल के उत्तराधिकारी होंगे। आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे की पेशकश के बाद इस शीर्ष पद के लिए दौड़ में सबसे आगे बताये गए नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। पहले उनके लिए अगले साल विधानसभा चुनाव में जा रहे गुजरात में यह शीर्ष पद पक्का समझा जा रहा था। पार्टी के पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद यह घोषणा की। विधायक दल ने रूपानी को अपना नेता चुना। रूपानी और नितिन पटेल के नामों का प्रस्ताव आनंदीबेन पटेल ने रखा और कई विधायकों ने उसका समर्थन किया।
रूपानी को मुख्यमंत्री और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला व्यापक बातचीत के बाद किया गया। इस बातचीत में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और गडकरी शामिल हुए। भाजपा विधायक दल की बैठक शाम चार बजे शुरू होनी थी लेकिन शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत जारी रहने के कारण यह दो घंटे विलंब से प्रारंभ हुई। दिन में पहले नितिन पटेल के कार्यालय ने दावा किया था कि उनके नाम को भाजपा ने अंतिम रूप दे दिया है। आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के कारण मुख्यमंत्री का पद खाली हुआ है।
नितिन पटेल ने राष्ट्रीय चैनलों को एक के बाद एक कई साक्षात्कार दिए और उन्होंने यह बताया कि गुजरात को कैसे आगे ले जाने की उनकी मंशा है खासकर तब जब यह राज्य पटेल आरक्षण आंदोलन और दलित आक्रोश जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। जैन बनिया समाज से संबद्ध रूपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं, जबकि नितिन पटेल आनंदीबेन पटेल के नज़दीकी बताये जाते हैं।
राजकोट पश्चिम सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले रूपानी 1971 में जनसंघ से जुड़े थे और वह भाजपा से उसकी स्थापना के समय से ही जुड़े हैं। उनके पास फिलहाल परिवहन, जलापूर्ति, श्रम एवं रोज़गार विभाग है। रूपानी की उम्मीदवारी को दलित और पाटीदार समुदायों के बीच किसी भी टकराव को टालने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। पाटीदार समुदाय ओबीसी आरक्षण की अपनी मांग को लेकर सरकार के साथ दो दो हाथ कर चुका है।..पीटीआई