मुंबई की इस ऐतिहासिक इमारत को यूनेस्को ने घोषित किया विश्व धरोहर संपदा
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यानी यूनेस्को ने मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स को विश्व धरोहर संपदा सूची में शामिल कर लिया है...
बॉम्बे हाईकोर्ट का भवन विक्टोरियन गोथिक शैली का बेहतरीन उदाहरण है। इनका निर्माण 19वीं सदी में हुआ था। ओवल मैदान के पश्चिमी इलाके में स्थित आर्ट डेको भवनों का निर्माण 1930 से 1950 के बीच हुआ है।
दक्षिण मुंबई में स्थित विक्टोरियन गोथिक आर्ट डेको के भवनों को मियामी के बाद दुनिया की सबसे बड़ी भवन श्रृंखला में शामिल किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यानी यूनेस्को ने मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल्स को विश्व धरोहर संपदा सूची में शामिल कर लिया है। यह निर्णय बहरीन के मनामा में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र में लिया गया। विश्व धरोहर समिति ने इसे विश्व धरोहर के रूप में शामिल करने की अनुशंसा की थी। एलिफेंटा गुफाओं और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन (विक्टोरिया टर्मिनस) के बाद विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया जाना मुंबई को मिला तीसरा ऐसा सम्मान है।
बॉम्बे हाईकोर्ट का भवन विक्टोरियन गोथिक शैली का बेहतरीन उदाहरण है। इनका निर्माण 19वीं सदी में हुआ था। ओवल मैदान के पश्चिमी इलाके में स्थित आर्ट डेको भवनों का निर्माण 1930 से 1950 के बीच हुआ है। मुंबई की आर्ट डेको बिल्डिंग में आवासीय भवन, व्यवसायिक दफ्तर, अस्पताल, मूवी थियेटर आदि आते हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि यूनेस्को के इस फैसले से देश में विश्व धरोहर स्थलों की संख्या बढ़कर अब 37 हो गई है जिनमें 29 सांस्कृतिक, सात प्राकृतिक और एक मिश्रित स्थल हैं। दिल्ली में लाल किला , कुतुब मीनार और हुमायूं का मकबरा विश्व धरोहर स्थल हैं।
इससे मुंबई सिटी अहमदाबाद के बाद भारत में ऐसा दूसरा शहर बन गया है जो यूनेस्को की विश्व धरोहर संपदा की सूची में अंकित है। भारत मानदंड (2) एवं (4) के तहत, जैसाकि यूनेस्को के संचालनगत दिशानिर्देशों में निर्धारित किया गया है, ‘मुंबई के विक्टोरियन गोथिक एवं आर्ट डेको इंसेबल‘ को विश्व धरोहर संपदा की सूची में अंकित करवाने में सफल रहा है। इस ऐतिहासिक क्षण पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने मुंबई के निवासियों और पूरे देश को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है।
यह इंसेम्बल दो वास्तुशिल्पीय शैलियों, 19वीं सदी की विक्टोरियन संरचनाओं के संग्रह एवं समुद्र तट के साथ 20वीं सदी के आर्ट डेको भवनों से निर्मित्त है।
दक्षिण मुंबई में स्थित विक्टोरियन गोथिक आर्ट डेको के भवनों को मियामी के बाद दुनिया की सबसे बड़ी भवन श्रंखला में शामिल किया जाता है। ये भवन में विशाल मैदान के आसपास स्थित हैं इनका निर्माण 19वीं सदी में हुआ था। बांबे हाईकोर्ट के भवन का निर्माण 1871 में आरंभ हुआ और 1878 में पूरा हुआ। उस वक्त 16.44 लाख रुपये की लागत में बने इस भवन के वास्तुविद जेए फुलेर थे। इसके अतिरिक्त, देश के 42 स्थल विश्व धरोहर की प्रायोगिक सूची में हैं और संस्कृति मंत्रालय प्रत्येक वर्ष यूनेस्को को नामांकन के लिए एक संपत्ति की अनुशंसा करता है।
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