कश्मीरी अलगाववादियों ने सैलानियों और तीर्थयात्रियों को कश्मीर आने की दावत दी
कश्मीर घाटी में पांच महीने तक चली अशांति में मुख्य भूमिका निभाने वाले अलगाववादी नेता ने आज अचानक पलटी लेते हुए सैलानियों और तीर्थयात्रियों को कश्मीर आने तथा यहां की पारंपरिक मेजबानी का लुत्फ उठाने की दावत दी और उनकी हिफाजत का वादा किया। अलगाववादी हुर्रियत कान्फ्रेंस के दोनों धड़ों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर लोगों को कश्मीर आने की दावत दी और उन्हें कश्मीरियों की ‘‘मिसाली मेजबानी’’ की याद दिलाई। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘हमें मेजबानी, इंसानियत और मेहमानों के अधिकारों की हिफाजत सिखाई गई है।’’ हुर्रियत के कट्टरवादी धड़े के नेता सैयद अली शाह जिलानी, नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज मोहम्मद उमर फारूक और जेकेएलएफ यासिन मलिक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘कश्मीर आना चाह रहे सैलानियों और तीर्थयात्रियों का पूरा स्वागत है।’’ उन्होंने सैलानियों और तीर्थयात्रियों का दिल से स्वागत करते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों को ‘‘अपने मेहमानों के साथ अच्छा बर्ताव करना और उनकी सेवा करना और किसी भी कीमत पर उनके अधिकारों की रक्षा करना’’ सिखाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी कश्मीरी संस्कृति और लोकनीति में शामिल है और यही कारण है कि हमारी मेजबानी पूरे इतिहास में मिसाल रही है।’’