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ब्रिटेन के 'हाउस ऑफ कॉमन्स' के ब्रेक्जिट पर लगाई मुहर, इस महीने के अंत तक ईयू से बाहर आ जाएगा ब्रिटेन

ब्रिटेन के 'हाउस ऑफ कॉमन्स' के ब्रेक्जिट पर लगाई मुहर, इस महीने के अंत तक ईयू से बाहर आ जाएगा ब्रिटेन

Saturday January 11, 2020 , 2 min Read

इस महीने के अंत तक ब्रिटेन ईयू से बाहर आ जाएगा, इसी के साथ ब्रिटेन ऐसा करने वाला पहला देश भी बन जाएगा। ब्रिटेन की संसद ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया है।

ब्रिटेन

इस महीने के अंत तक ईयू से अलग हो जाएगा ब्रिटेन



ब्रिटेन की संसद ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ ने ब्रेक्जिट पर मुहर लगा दी है। संसद से मुहर लगने के साथ ही ब्रिटेन के इस महीने के अंत तक यूरोपीय संघ से बाहर आने की संभावना है।


ब्रिटेन की संसद में इस बिल को 231 के मुक़ाबले 330 मतों के साथ पारित किया गया है। गौरतलब है कि साल 2016 में बिक्जिट को लेकर एक जनमत संग्रह का आयोजन किया गया था, जिसमें ब्रिटेन की जनता से ब्रिक्जिट के पक्ष में मुहर लगाई थी। इस दौरान देश के 52 फीसदी लोगों ने ब्रेक्जिट का समर्थन किया था।


अब रास्ता साफ होने के साथ ही इस महीने के अंत तक ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर आने वाला पहला देश बन जाएगा। गौरतलब है कि पिछले कई सालों में ब्रिटेन समेत पूरे यूरोप के लिए ब्रिक्जिट एक बड़ा मुद्दा रहा है। ब्रिक्जिट को लेकर देश में अनिश्चितता का माहौल बना जिसके चलते देश की अर्थव्यवस्था में ख़ासी गिरावट दर्ज़ की गई।



ब्रिक्जिट हो जाने के बाद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती दूर होने की संभावना है, हालांकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था अभी आगे बढ़ रही है, इसी के साथ ही देश में महंगाई भी नियंत्रण में है।


ब्रिटेन की जनता अपने देश के हित में यूरोपीय संघ से बाहर आना चाहती है। साल 2008 में आई वैश्विक मंदी के दौरान जब महंगाई और बेरोजगारी ने भी अपने पैर पसारे तब ब्रिटेन में भी यह मांग उठी कि उसे यूरोपीय संघ से अलग हो जाना चाहिए।


गौरतलब है कि ब्रिटेन हर साल यूरोपीय संघ को बजट के लिए 9 अरब डॉलर की राशि का भुगतान करता है, वहीं ब्रिटेन के लोगों का मानना है कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ की काफी मदद करता है, लेकिन बदले में देश को कुछ खास हासिल नहीं होता।


ब्रेक्जिट को मुद्दा बनाकर चुनाव में उतरे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को देश की जनता ने समर्थन करते हुए सत्ता सौंपी थी। जॉनसन 326 सीटों की बहुमत वाली संसद में 364 सीटें जीतने में सफल रहे थे। अपनी जीत के बाद प्रधानमंत्री जॉनसन ने ब्रेक्जिट को लेकर किए गए अपने वादे को दोहराया था।