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View Brand Publisherराजस्थान के उभरते स्टार्टअप फाउंडर्स ने एक्सपर्ट्स से सीखी कंपनी चलाने और सफल बनाने की बारीकियां
वर्कशॉप में गेस्ट स्पीकर्स के तौर पर योरस्टोरी में न्यू इनीशिएटिव्स के हेड अयप्पा सोमायंदा(Aiyappa Somayanda), Shepays की फाउंडर सोनिया सिंह और PaySprint के फाउंडर और सीईओ और S. Anand ने फंडालमेंटल्स ऑफ फंडरेजिंग से लेकर स्टार्टअप को GTM रेडी करने जैसी चीजों पर फाउंडर्स को सलाह दी.
राजस्थान सरकार द्वारा जोधपुर में शुरू किए गए आईस्टार्ट नेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर में शुक्रवार को स्टार्टअप फाउंडर्स के लिए वर्कशॉप आयोजित किया गया. iStart Inspire वर्कशॉप में तीन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने इनक्यूबेशन में काम कर रहे स्टार्टअप फाउंडर्स, उनकी टीम के साथ अपने अनुभव और सलाह साझा की.
वर्कशॉप में गेस्ट स्पीकर्स के तौर पर योरस्टोरी में न्यू इनीशिएटिव्स के हेड अयप्पा सोमायंदा(Aiyappa Somayanda),
की फाउंडर और Collectcent Digital Media की को-फाउंडर सोनिया सिंह और के फाउंडर और सीईओ और S. Anand ने फंडालमेंटल्स ऑफ फंडरेजिंग से लेकर स्टार्टअप को GTM रेडी करने और स्टार्टअप को शुरू करने और उसे सही ट्रैक पर रखने के लिए जरूरी बातों पर अपने अनुभव और सलाह साझा किए.अयप्पा सोमायंदा ने मास्टरक्लास में बताया कि स्टार्टअप्स फाउंडर्स किन तरीकों से फंड जुटा सकते हैं. वैल्यूएशन फंड रेजिंग के दौरान कंपनी की वैल्यूएशन कौन तय करता है, किन मानकों के आधार पर तय करता है और फंड जुटाते समय फाउंडर्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान गेस्ट स्पीकर और आंत्रप्रेन्योर्स के बीच सवाल जवाब का सिलसिला भी चला.
दूसरे सेशन में Shepays की फाउंडर और Collectcent Digital Media की को-फाउंडर सोनिया सिंह ने फायर साइड चैट में स्टार्टअप को मार्केट के लिए तैयार करने लायक बनाने के लिए जरूरी फैक्टर्स पर बात की. उन्होंने बताया कि मार्केट में उतरने से पहले टारगेट ऑडियंस/उचित कस्टमर की प्रोफाइल तैयार करना क्यों जरूरी होता है. इसके अलावा ब्रैंड बिल्डिंग, यूएसपी की अहमियत के बारे में भी बात की.
मास्टरक्लास के आखिर में फिनटेक प्लैटफॉर्म PaySprint के फाउंडर और सीईओ S Anand से भी वर्कशॉप में हिस्सा लेने वाले फाउंडर्स को काफी कुछ सीखने को मिला. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर के स्टार्टअप्स को अपने सफर में नेटवर्किंग, रिक्रूटमेंट से लेकर मार्केट स्टडी, इनवेस्टर पिच जैसी चीजों का क्या रोल होता है और इन पर कैसे काम करना चाहिए.
उन्होंने बताया कि एक स्टार्टअप फाउंडर के लिए आईडिया को रिफाइन करने, आपके विजन में फिट बैठते बिजनेस मेंटर्स को चुनने, पूंजी जुटाने से लेकर कैश फ्लो बरकरार रखने के तरीकों पर गहराई से बात की. एक कंपनी शुरू करने के बाद लीगल और फाइनेंशियल जरूरतों पर भी जोर दिया, जिसके अंदर उन्होंने लीगल मसलों के लिए एक वकील रखने से लेकर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, ट्रेडमार्क इशू जैसी चीजों पर बात की.
एस आनंद के पास अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न टीमों के साथ काम करने का 2 दशक से भी ज्यादा का अनुभव है. उन्होंने एमवीपी बनाने, उसके लिए सही मार्केट फिट हासिल करने और उसे स्केल करने की बारिकियों पर जानकारी दी.
कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले इनक्यूबेशन के फाउंडर्स ने भी कहा कि वर्कशॉप मोटिवेशन से भरपूर था. इस वर्कशॉप से उनके कई तरह के भ्रम दूर हुए. किन चीजों पर उन्हें दोबारा काम करने की जरूरत है, फंडिंग विंटर के बीच किन चीजों पर ध्यान देकर निवेशकों से फंडिंग हासिल की जा सकती है ये सारी जानकारियां हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाली हैं. आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने पिछले साल नवंबर में जोधपुर में आईस्टार्ट इनक्यूबेशन सेंटर की शुरुआत की थी.
Edited by Upasana