बजट 2021 आत्मनिर्भर भारत का विजन है, बढ़ेगा देश का आत्मविश्वास : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बजट 2021 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दे दी है। उनका मानना है कि इस बजट से देश का आत्मविश्वास बढ़ेगा, साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण काल में यह बजट आत्मनिर्भर भारत का विजन है।
"इस बार का बजट दस्तावेज सभी सांसदों समेत आम जनता के लिए भी डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध कराया जायेगा। बजट के बाद देश के प्रधानमंत्री ने खुलकर इस पर राय दी, उनके अनुसार इस बार का बजट नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आम लोगों के जीवन में ‘ease of living’ को बढ़ाने और बेहतर बनाने वाला बजट है। अपने वक्ततव्य के माध्यम से प्रधानमंत्री ने देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, उनके साथी मंत्री अनुराग और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाईयां भी दीं।"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। इस बार का बजट कागज पर प्रिंट नहीं हुआ। वित्तमंत्री ने इस बजट को मेड इन इंडिया टैब में पढ़ा। वित्तमंत्री ने इस बार हर बार से अलग तरीके से देश का बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री सत्ता पक्ष की दूसरी कतार में रहीं।
आपको बता दें कि इस बार का बजट दस्तावेज सभी सांसदों समेत आम जनता के लिए भी डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध कराया जायेगा। बजट के बाद देश के प्रधानमंत्री ने खुलकर इस पर राय दी, उनके अनुसार इस बार का बजट नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आम लोगों के जीवन में ‘ease of living’ को बढ़ाने और बेहतर बनाने वाला बजट है। अपने वक्ततव्य के माध्यम से प्रधानमंत्री ने देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, उनके साथी मंत्री अनुराग और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाईयां भी दीं।
अपने वक्तव्य में देश के हर नागरिक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
"वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है। इसमें यथार्थ का एहसास भी और विकास का विश्वास भी है। कोरोना ने दुनिया में जो प्रभाव पैदा किया, उसने पूरी मानव जाति को हिलाकर रख दिया है। इन परिस्थितियों के बीच, आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है। और साथ ही दुनिया में एक नया आत्मविश्वास भरने वाला है।"
उन्होंने कहा,
"आज के बजट में आत्मनिर्भरता का विजन भी है और हर नागरिक, हर वर्ग का समावेश भी है। हम इस बजट में जिन सिद्धांतों को लेकर चले हैं, वो हैं- ग्रोथ के लिए नए अवसरों, नई संभावनाओं का विस्तार करना, युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करना। मानव संसाधन को एक नया आयाम देना। इनफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए नए नए क्षेत्रों को विकसित करना, आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ना, नए सुधार लाना।"
साथ ही उन्होंने यह भी कहा,
नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आम लोगों के जीवन में ‘ease of living’ को बढ़ाने पर इस बजट में जोर दिया गया है। ये बजट individuals, investors, industry और साथ ही Infrastructure sector में बहुत सकारात्मक बदलाव लाएगा। मैं इसके लिए देश की वित्तमंत्री निर्मला जी को और उनके साथी मंत्री, अनुराग जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
मोदी के अनुसार,
ऐसे बजट देखने को कम ही मिलते हैं जिसमें शुरू के एक दो घंटों में ही इतने सकारात्मक रिस्पॉन्सेस आएं। कोरोना के चलते कई एक्सपर्ट ये मानकर चल रहे थे सरकार आम नागरिकों पर बोझ बढ़ाएगी। लेकिन फिस्कल सस्टे-नेबिलिटी के प्रति अपने दायित्वों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बजट साइज बढ़ाने पर जोर दिया। हमारी सरकार ने निरंतर प्रयास किया है कि बजट ट्रांसपेरेंट होना चाहिए। मुझे खुशी है कि आज अनेक विद्वानों ने इस बजट की ट्रांसपेरेंसी की सराहना की है।
उन्होंने कहा,
भारत, कोरोना की लड़ाई में रीएक्टिव होने के स्थान पर हमेशा ही प्रो-एक्टिव रहा है। चाहे वों कोरोना काल में किए गए रीफॉर्म्स होंया फिर आत्मनिर्भर भारत का संकल्प हों। इसी प्रोएक्टिवनेस को बढ़ाते हुए आज के बजट में भी रीएक्टिविटी का नामोनिशान नहींहै। साथ ही, हम एक्टिव पर भी अटके नहीं है और हमने इस बजट में भी प्रो-एक्टिव बजट देकर देश के सामने प्रो-एक्टिव होने का संदेश दिया है। ये बजट उन सेक्टर्स पर विशेष रूप से केन्द्रित है जिनसे वेल्थ और वेलनेस, दोनों ही तेज गति से बढ़ेंगे - जान भी, जहान भी। इसमें MSMEs और infrastructure पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया है। इसी तरह, ये बजट जिस तरह से healthcare पर केन्द्रित है, वो भी अभूतपूर्व है। ये बजट देश के हर क्षेत्र में विकास, यानी all round development की बात करता है। खास तौर पर, मुझे खुशी है कि इस बजट में दक्षिण के हमारे राज्यों, पूर्वोत्तर के हमारे राज्यों और उत्तर में लेह लद्दाख जैसे क्षेत्रों में विकास पर विशेष ध्यान दिया है। ये बजट भारत के कोस्टल स्टेट्स जैसे तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल को एक बिजनेस पावर हाउस बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नॉर्थ ईस्ट के राज्य, जैसे असम के Unexplored potential को टैप करने में ये बजट बहुत बड़ी मदद करेगा। इस बजट में जिस तरह से रिसर्च एंड इनोवेशन ecosystem पर बल दिया गया है, जो प्रावधान किए गए हैं, उनसे हमारे युवाओं को ताकत मिलेगी, भारत उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत ठोस कदम रखेगा।
पीएम ने कहा,
देश के सामान्य मानवी का, महिलाओं का जीवन आसान बनाने के लिए उनके स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण, शुद्ध जल और अवसरों की समानता पर इस बजट में विशेष बल दिया गया है। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ-साथ कई व्यवस्था-गत सुधार किए गए हैं जिसका बहुत बड़ा फायदा देश में ग्रोथ और जॉब क्रिएशन, रोजगार के लिए बहुत लाभ होगा। देश में एग्रीकल्चर सेक्टर को मजबूती देने के लिए, किसानों की आय बढ़ाने के लिए, इस पर बजट में बहुत जोर दिया गया है, कई प्रावधान किए गए हैं। एग्रीकल्चर सेक्टर में किसानों को और आसानी से, और ज्यादा ऋण मिल सकेगा। देश की मंडियों को यानि APMC को और मजबूत करने के लिए, सशक्त करने के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से मदद का प्रावधान किया गया है। ये सब निर्णय, ये दिखाते हैं कि इस बजट के दिल में गांव है, हमारे किसान हैं। MSME सेक्टर को गति देने के लिए, रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए, इस बार MSME सेक्टर का बजट भी पिछले साल की तुलना में, दोगुने से ज्यादा कर दिया गया है।
और अंत में मोदी ने कहा,
ये बजट आत्मनिर्भरता के उस रास्ते को लेकर आगे बढ़ा है, जिसमें देश के हर नागरिक की प्रगति शामिल है। ये बजट, इस दशक की शुरुआत की एक मजबूत नींव रखने वाला है। सभी देशवासियों को, आत्मनिर्भर भारत के इस महत्वपूर्ण बजट के लिए मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। फिर से एक बार वित्त मंत्री जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत अभिनन्दन करता हूं, धन्यवाद करता हूं।
यह सच है कि बजट आने से पहले और बजट के दौरान हर आम इंसान की नज़र इस बात पर होती है, कि नये बजट के आने से क्या चीज़ देश में सस्ती हुई है और क्या महंगी। वित्तमंत्री ने अपने इस बजट में कई ऐसी चीज़ों के दाम बढ़ा दिये हैं, जिनका इस्तेमाल रोज़मर्रा की ज़रूरतों में बहुत होता है, लेकिन वहीं कई ऐसी चीज़ें भी हैं जिनके दाम घटा दिये हैं। ऐसे में अब देखना यह है कि क्या कस्टम ड्यूटी के बढ़ जाने से देश में मैन्युफैक्चरिंग और MSME को बढ़ावा और साथ ही आत्मनिर्भर भारत के वोकल फॉर लोकल अभियान को मजबूती मिलेगी कि नहीं मिलेगी।