वेटर ने क़ायम की ईमानदारी की मिसाल, 25 लाख की नकदी से भरा लावारिस बैग वापस लौटाया
समाज में बना रहे भरोसा, ऐसी मिसाल पेश की वेटर ने
31 वर्षीय रवि को ही सर्वाना भवन में एक टेबल पर पॉलीथिन बैग मिला था, जिसके अंदर 25 लाख रुपए थे। रेस्तरां में काफ़ी भीड़ थी और कोई ग्राहक ग़लती से अपना बैग टेबल पर भूल गया था। रवि ने बैग मिलने के बाद रेस्तरां के मैनेजर लोगंथन को सूचित किया और बैग उनके हवाले कर दिया।
रवि और उनका रेस्तरां, दोनों ही रातों-रात मशहूर हो चुके हैं। कहते हैं कि ईमानदारी से मिला मामूली इनाम भी, बेईमानी से हासिल की गई बेशक़ीमतों चीज़ों से कहीं ज़्यादा क़ीमती होता है। हमारे सामने सर्वाना भवन और रवि की कहानी है, जो इस बात पर मुहर लगाती है।
किसी रेस्तरां में कोई मेहमान ग़लती से अपना पैसों से भरा बैग, रेस्तरां की टेबल पर भूलकर चला जाए और फिर वह बैग, उस रेस्तरां में काम करने वाले एक वेटर को मिल जाए। वेटर बैग खोलकर देखता है और बैग में उसे 25 लाख रुपए मिलते हैं। इतनी बड़ी रकम के बावजूद वेटर का ईमान नहीं डोलता और वह बैग और उसके अंदर मिले पैसे लौटा देता है। सुनने और पढ़ने में यह कहानी कितनी फ़िल्मी लगती है, लेकिन यह कहानी पूरी तरह से वास्तविक है। जी हां, चेन्नई के सर्वाना भवन के वेटर रवि ने ईमानदारी की यह मिसाल क़ायम की है। आजकल सर्वाना भवन में सिर्फ़ एक ही चीज़ और एक ही नाम का चर्चा है, रवि।
31 वर्षीय रवि को ही सर्वाना भवन में एक टेबल पर पॉलीथिन बैग मिला था, जिसके अंदर 25 लाख रुपए थे। रेस्तरां में काफ़ी भीड़ थी और कोई ग्राहक ग़लती से अपना बैग टेबल पर भूल गया था। रवि ने बैग मिलने के बाद रेस्तरां के मैनेजर लोगंथन को सूचित किया और बैग उनके हवाले कर दिया। रवि ने पूरी कहानी बताते हुए स्पष्ट किया कि पिछले शुक्रवार सुबह करीबन 11 बजे, दो शख़्स खाना खाने आए थे। उनके चले जाने के बाद, टेबल साफ़ करते हुए रवि की नज़र सोफ़े पर पड़े पॉलीथिन बैग पर गई। रवि ने जब बैग खोलकर चेक किया तो पाया कि उसमें तो ढेर सारी नकदी थी।
चेन्नई के सर्वाना भवन में पिछले 13 सालों से काम कर रहे रवि ने ‘द न्यूज़ मिनट’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि बैग मिलने के बाद स्टाफ़ ने ठीक तरह से नोटों की जांच करके पता लगाया कि कहीं नोट नकली न हों। जब उन्हें इस बात का भरोसा हो गया कि नकदी असली है तो उन्होंने K-4 पुलिस स्टेशन में पैसे मिलने की सूचना दी। ‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस को मिले बैग में 2-2 हज़ार के नोटों के 23 बंडल थे।
जब पूरे एक दिन तक कोई भी बैग पर दावा करने नहीं आया तो मैनेजर और स्टाफ़ ने रेस्तरां के मालिक राजगोपालन को इसकी सूचना दी। रवि को उनकी ईमानदारी के लिए, होटल के मालिक राजगोपालन ने एक सोने की अंगूठी दी और एक घड़ी भी। इस पूरी कहानी के हीरे बने रवि बताते हैं, "लोग अक्सर अपने पर्स और फोन वगैरह भूलकर चले जाते हैं। हमें जो भी सामान मिलता है, हम उसे मैनेजर के पास पहुंचा देते हैं। हमें इसी बात की ट्रेनिंग मिली है। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि इस बार कोई ग्राहक अपना फोन या पर्स नहीं, बल्कि 25 लाख रुपए की नकदी छोड़ गया। मुझे पता था कि लोग अक्सर ऐसे सामान पर दावा करने वापस नहीं आते, लेकिन फिर भी मुझे जो सही लगा मैंने वही किया।"
रवि और उनका रेस्तरां, दोनों ही रातों-रात मशहूर हो चुके हैं। कहते हैं कि ईमानदारी से मिला मामूली इनाम भी, बेईमानी से हासिल की गई बेशक़ीमतों चीज़ों से कहीं ज़्यादा क़ीमती होता है। हमारे सामने सर्वाना भवन और रवि की कहानी है, जो इस बात पर मुहर लगाती है।
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