रेड कार्ड: छेड़छाड़ की घटनाएं रोकने के लिए यूपी पुलिस की नई मुहिम
लड़कियों की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने की एक अच्छी पहल...
छेड़छाड़, छींटाकशी, फब्तियां। एक सभ्य समाज में ये सारी क्रियाएं कितनी भोंडी लगती हैं। लेकिन देश के अधिकतर इलाकों में आज भी शाम ढलते इन सारी प्रवृत्तियों के लोगों का घेराव आम बात है। ये दुखद है और गुस्सा दिलाने वाला भी। लड़कियों के लिए एक स्वस्थ समाज का निर्माण तभी हो पाएगा जब इन शोहदों और मनचलों पर पूरी तरह से लगाम लगा दी जाए। इसी सिलसिले में एक अच्छी पहल उत्तर प्रदेश पुलिस ने की है।
यूपी पुलिस रेड कार्ड लेकर आ रही है। लड़कियों की सुरक्षा को लेकर यूपी पुलिस ने अनोखी पहल की शुरुआत इलाहाबाद से की है। इस मुहिम में गर्ल्स स्कूल कालेज को प्रमुखता दी गई है। क्योंकि यहां छात्राओ को सीधे टारगेट किया जा रहा है। स्कूल कालेज में पढ़ रही हजारों छात्राओ को पुलिस ने एक एक फार्म दिया। इस फार्म में मनचलों से संबंधित जानकारी मांगी गई।
पुलिस की इस पहल से स्कूल-काॅलेज जाने वाली छात्राएं बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि पुलिस की रेड कार्ड जारी करने की योजना से मनचलों पर लगाम लगेगी। फिलहाल इस अनोखी पहल की शुरुआत तो इलाहाबाद पुलिस की तरफ से शुरू हो चुकी है, देखना ये होगा इस अनोखे प्रयोग को आने वाले वक्त में प्रदेश के अन्य जिलों में कबतक लागू किया जाएगा।
छेड़छाड़, छींटाकशी, फब्तियां। एक सभ्य समाज में ये सारी क्रियाएं कितनी भोंडी लगती हैं। लेकिन देश के अधिकतर इलाकों में आज भी शाम ढलते इन सारी प्रवृत्तियों के लोगों का घेराव आम बात है। ये दुखद है और गुस्सा दिलाने वाला भी। लड़कियों के लिए एक स्वस्थ समाज का निर्माण तभी हो पाएगा जब इन शोहदों और मनचलों पर पूरी तरह से लगाम लगा दी जाए। इसी सिलसिले में एक अच्छी पहल उत्तर प्रदेश पुलिस ने की है। यूपी में महिला सुरक्षा और छेड़खानी से रोकथाम के लिये एंटी रोमियो स्क्वायड की कड़ी में एक और व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब शोहदों की पहचान रिकार्ड में दर्ज होगी। यानी इनसे निपटने के लिये पुलिस लिखा-पढ़ी की कार्रवाई में सख्ती दिखाएगी। इसके लिये यूपी पुलिस रेड कार्ड लेकर आ रही है। बच्चियों की सुरक्षा को लेकर यूपी पुलिस ने अनोखी पहल की शुरुआत इलाहाबाद से की है।
इस मुहिम में गर्ल्स स्कूल कालेज को प्रमुखता दी गई है। क्योंकि यहां छात्राओ को सीधे टारगेट किया जा रहा है। स्कूल कालेज में पढ़ रही हजारों छात्राओ को पुलिस ने एक एक फार्म दिया। इस फार्म में मनचलों से संबंधित जानकारी मांगी गई। मसलन मनचलों के बैठने की जगह, उनका रास्ता, उनका नाम, घर, पता। फार्म में शोहदों के आने जाने का समय, बाइक, पहनावा आदि का भी फीडबैक लिया गया है। पुलिस ने फार्म के माध्यम से हर वह जानकारी निकाली है। जिससे शोहदों को पकड़ने के बाद उनका रेड कार्ड जारी किया जा सके। हर छात्रा ने कुछ न कुछ फीडबैक जरूर दिया है।
फीडबैक फॉर्म के आधार पर छानबीन-
इलाके के सीओ डीपी तिवारी के मुताबिक, 'यह रेड कार्ड छिछोरों के लिये शामत होगी क्योंकि जिनके नाम का रेड कार्ड जारी हुआ उनपर पुलिस की नजर होगी। साथ ही अगली बार कहीं गलत जगह दिखने या गलत हरकत या शिकायत में नाम सामने पर उन्हें सीधा जेल भेजा जाएगा। साथ ही उनका चरित्र सर्टिफिकेट पुलिस रिकार्ड में इस तरह दर्ज होगा कि किसी भी प्रक्रिया में जब पुलिस सत्यापन होगा तो उनका दागदार चरित्र उन्हे संबंधित सुविधा या योजना और नौकरी से वंचित कर देगा। अभी तक माफी मांगने, परिजनों के हस्तक्षेप और रास्ता, स्थान बदलकर मनचले अपनी घिनौनी हरकत को अंजाम दे रहे थे। ऐसे में वह अपनी हरकत के बाद भी बच निकलते थे लेकिन अब रेड कार्ड उन पर अंकुश लगाएगा।'
पुलिस टीम ने इस पहल को प्रभावी बनाने के लिए गर्ल्स स्कूल और काॅलेजों में एक फीडबैक फॉर्म का वितरण किया। जिले के स्कूल-कॉलेजों में हजारों फॉर्म वितरित किये गये। जिसके बाद 10 हजार से ज्यादा छात्राओं ने अपनी सलाह उस फीडबैक फार्म के जरिए पुलिस को दी है। इन फॉर्मों को गहनता से पढ़कर पुलिस ने शहर में 250 से ज्यादा स्थानों को चिन्हित किया है। छात्राओं की सलाह पर चिन्हित किये गये इन स्थानों पर एंटी रोमियो दल के साथ ही स्थानीय पुलिस सादी वर्दी में तैनात रहेगी। गली-मोहल्लों के अलावा दुकानों, मॉल्स, पार्कों, मंदिरों के साथ ही स्कूल-काॅलेजों के पास खड़े होकर राह चलती छात्राओं पर छींटाकशी करने वाले मनचलों को पुलिस पकड़कर उन्हें रेड कार्ड जारी करेगी। रेड कार्ड पाने वाले शोहदे दोबारा इस तरह की हरकत करते पाये जायेंगे तो पुलिस उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाई करेगी।
ताकि सुरक्षित रहें लड़कियां-
इलाके के एएसपी विनीत जायसवाल के मुताबिक, 'उन्हें लगातार छेड़खानी की शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद उन्होंने शोहदों का पता लगाने के लिये स्कूल-काॅलेज जाने वाली छात्राओं से ही फीडबैक फार्म के जरिये मनचलों के अड्डों की जानकारी हासिल की। जिससे जिले में घूम रहे मनचले चिन्हित किए जा सकें। रेड कार्ड जारी करने के पीछे पुलिस का मकसद साफ है कि हम उस जगह को चिन्हित कर सके जहां मनचलें लड़कों का हमेशा जमावड़ा लगा रहता है। वहीं इसका एक मकसद मनचलों पर प्रेशर डेवलप करने का है। जिससे उनके जहन में ये बात रहे कि उनका नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है।'
पुलिस की इस पहल से स्कूल-काॅलेज जाने वाली छात्राएं बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि पुलिस की रेड कार्ड जारी करने की योजना से मनचलों पर लगाम लगेगी। फिलहाल इस अनोखी पहल की शुरुआत तो इलाहाबाद पुलिस की तरफ से शुरू हो चुकी है, देखना ये होगा इस अनोखे प्रयोग को आने वाले वक्त में प्रदेश के अन्य जिलों में कबतक लागू किया जाएगा।
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