यूरोप के बाद अब चीन में भी गर्मी का प्रकोप: सूखा और बिजली संकट भी
यह गर्मियां ग्लोबल वार्मिंग की साफ़ निशानदेही करने वाली गर्मियां हैं. यूरोप के ठंडे मुल्कों में रिकार्ड गर्मी के बाद, चीन भी अभूतपूर्व गर्मी, और सूखे के दौर से गुजर रहा है.
इस साल उत्तर भारत में भीषण गर्मी और लू के प्रकोप के बीच यूरोप में प्रचंड गर्मी पड़ने की खबरें सामने आईं. ऐसे ही खबरें अब चीन से भी आ रही हैं कि चीन इस साल भीषण गर्मी की समस्या से जूझ रहा है. बताया जा रहा है कि इस साल चीन में 61 साल की सबसे भयंकर गर्मी पड़ी है.
चीन के सिचुआन प्रांत के चोंगक्विंग शहर में तापमान 45 डिग्री को पार कर गया है. देश के सेंट्रल और दक्षिण-पश्चिमी इलाकों के कई शहरों में भी तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया है. गर्मी के साथ ही चीन के लोग बिजली की कमी और भारी सूखे का भी सामना कर रहे हैं.
बिजली की कमी के कारण, चोंगक्विंग शहर में मॉल सिर्फ शाम चार बजे से रात नौ बजे तक ही खोले जा रहे हैं. शंघाई में मशहूर स्काईलाइन बुंद में दो रातों तक लाइट नहीं जलाई जाएगी.फॉक्सवैगन, एपल और टोयोटा जैसी कंपनियों के प्लांट में काम बंद हो गया है.
तेजी से बढ़ते तापमान को देखते हुए लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है. चीन के 165 शहरों के लिए हीट वॉर्निंग का रेड अलर्ट जारी किया गया है.
सूखे का सामना
बारिश ना होने की वजह से चीन के कई इलाकों में भयंकर सूखा पड़ गया है. यहां जुलाई में पिछले साल की तुलना में 40% कम बारिश हुई है, जो 1961 के बाद से जुलाई महीने में सबसे कम बारिश का रिकॉर्ड है.
चीन की सबसे लंबी नदी और चीन की लाइफलाइन कहलाने वाली यांग्त्जी नदी लगभग सूख चुकी है. यांग्त्जी चीन की सबसे लंबी और दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है. तिब्बत के पठारों से निकलकर 4 हजार मील की लंबी यात्रा के बाद यह नदी शंघाई के पास पूर्वी चीन सागर में गिरती है. यह चीन के सबसे उपजाऊ इलाक़े को सींचती है. यांग्त्जी नदी चीन के 40 करोड़ लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराती है, लेकिन इस बार सूखे से इसकी मुख्य धारा में पानी का फ्लो पिछले 5 सालों के औसत से 50% से भी कम रह गया है.
सूखे की वजह से चीन के कई प्रांत जैसे सिचुआन, जियांग्शी, अनहुई, हुबेई, हुनान, और चोंगक्विंग में 25 लाख लोग और 22 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल पूरी तरह सूख गई है. सूखे और गर्मी की वजह से कई फसलों की पैदावार न के बराबर हुई है जिसकी वजह से चीन को ये फसलें आयात करनी पड़ सकती हैं, और ये चीज़ें आम लोगों के लिए महंगी हो सकती हैं.
बिजली संकट
भीषण गर्मी के चलते नदियों और बांधों में पानी के सूख जाने से वहां के कई पावर प्लांट ठप्प पड़ गए हैं. बता दें कि चीन अपनी कुल खपत की 15% बिजली पानी से बनाता है. कम बारिश की वजह से उसकी हाइड्रोपॉवर क्षमता पर बुरा असर पड़ा है.
चीन ने भीषण गर्मी से निपटने के लिए यांग्त्जी नदी के आसपास सूखे से प्रभावित इलाकों में बारिश कराने के लिए क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन चलाया है. हुबेई और कई दूसरे प्रांतों में केमिकल ले जाने वाले रॉकेट छोड़े जा रहे हैं ताकि बारिश हो, लेकिन बादलों का घेरा न होने की वजह से ये कोशिश नाकाम हो गई.