CII के अध्यक्ष ने कहा, तीसरी लहर से बचाव को अनलॉक में सावधानी बरतने की जरूरत
नरेंद्रन ने कहा कि शुरुआत में आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
"अनलॉक करते समय काफी सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर तीसरी लहर का खतरा पैदा हो जाएगा। कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में कमी के बीच कई राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने अंकुशों में ढील दी है।"
नयी दिल्ली: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष टी वी नरेंद्रन ने सुझाव दिया है कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार को सभी गतिविधियों को खोलने के लिए सतर्कता का रुख अपनाना चाहिए।
नरेंद्रन ने कहा कि शुरुआत में आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। विशेषरूप से आपूर्ति श्रृंखला को फिर शुरू करने पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि वृद्धि को वापस लाने और एक बड़े श्रमबल की आजीविका की दृष्टि से यह बेहद जरूरी है।
सीआईआई के अध्यक्ष ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा,
"हमें सभी कुछ खोलने के बजाय इस बात की प्राथमिकता तय करनी चाहिए कि किन गतिविधियों को अनुमति दी जाए। ऐसी गतिविधियों को खोलने से बचा जाए, जिनसे बचा जा सकता है। कई ऐसी चीजें है जिन्हें करने की जरूरत नहीं है। वहीं आर्थिक गतिविधियां जैसी कई चीजें हैं जिनकी जरूरत है। लेकिन सामाजिक कार्यक्रमों को अभी रोका जाना चाहिए। जोखिम बढ़ाने की जरूरत क्या है। सामाजिक कार्यक्रम अभी कुछ माह इंतजार कर सकते हैं।"
उन्होंने चेताया कि अनलॉक करते समय काफी सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर तीसरी लहर का खतरा पैदा हो जाएगा। कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में कमी के बीच कई राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने अंकुशों में ढील दी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली के विभिन्न बाजारों में कोविड-19 प्रोटोकॉल की अनदेखी पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि इस तरह के उल्लंघन से तीसरी लहर का खतरा बन जाएगा, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
सीआईआई के नए अध्यक्ष ने कहा कि मई और कुछ हद तक अप्रैल में आर्थिक गतिविधियां सिकुड़ी हैं। हर कोई स्थानीय लॉकडाउन और आपूर्ति श्रृंखला में अड़चनों से प्रभावित हुआ है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का संकेत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण के आंकड़ों से भी मिलता है। दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार को पटरी से उतार दिया। नरेंद्रन ने कहा कि दिसंबर, 2021 तक समूची बालिग आबादी के टीकाकरण के लिए प्रतिदिन औसतन 71.2 लाख टीकों की खुराक दिए जाने की जरूरत है।
(साभार : PTI)