कोरोना वायरस आज भी मौजूद, इसके स्वरूप बदलने की संभावना बनी हुई है: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने 'कोविड 19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स प्रोग्राम' लॉन्च किया।
"प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोविड-19 अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के लिये ‘विशेष क्रैश-कोर्स’ कार्यक्रम लॉन्च किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 26 राज्यों के 111 केंद्रों में चलाया जायेगा। इस पहल के तहत लगभग एक लाख अग्रिम पंक्तियों के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय, कई अन्य केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मंत्री, विशेषज्ञ और अन्य हितधारक उपस्थित थे।"
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस आज भी देश में मौजूद है और इसके स्वरूप बदलने की संभावना बनी हुई है इसलिए सभी सावधानियां बरतने के साथ ही भावी चुनौतियों से निपटने के लिए देश की तैयारियों को ज्यादा मजबूत करना होगा। हर देशवासी को मुफ्त टीका लगाने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से मास्क पहनने और उचित दूरी का पालन करने सहित बचाव के सभी उपायों का पालन करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे के योद्धाओं के लिए विशेष रूप से तैयार एक क्रैश कोर्स की शुरुआत करने के बाद अपने संबोधन में यह बातें कहीं। आपको बता दें, कि किसी विषय विशेष की जानकारी देने और कौशल विकसित करने के मकसद से अल्प अवधि के लिए चलाये जाने वाले कार्यक्रम को क्रैश कोर्स कहते हैं।
उन्होंने कहा,
"कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है। ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना भी बनी हुई है। हर सावधानी के साथ, आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को और ज्यादा बढ़ाना होगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी लक्ष्य के साथ आज देश में अग्रिम मोर्चे के करीब एक लाख कोरोना योद्धाओं को तैयार करने का ‘‘महा-अभियान’’ शुरु हो रहा है। उन्होंने कहा, "इस अभियान से कोविड से लड़ रहे स्वास्थ्य क्षेत्र के लोगों को नई ऊर्जा भी मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।"
इस कार्यक्रम की शुरुआत 26 राज्यों में फैले 111 प्रशिक्षण केन्द्रों में की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी ने दुनिया के हर देश, हर संस्था, हर समाज, हर परिवार और हर इंसान के सामर्थ्य और उसकी सीमाओं को बार-बार परखा है तथा साथ ही इसने विज्ञान, सरकार, समाज संस्था और व्यक्ति के रूप में भी अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए हमें सतर्क भी किया है। उन्होंने कहा कि इसी के मद्देनजर पीपीई किट से लेकर उपचार के अन्य जरूरी संसाधनों का एक बड़ा ढांचा आज भारत में बना है और इस पर अभी भी काम चल रहा है।
उन्होंने कहा,
"इसी का परिणाम है आज देश के दूर सुदूर इलाकों में अस्पतालों तक वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सांद्रक पहुंचाने का तेज गति से प्रयास किया जा रहा है। डेढ़ हजार से ज्यादा ऑक्सीजन संयंत्र बनाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। हिंदुस्तान के हर जिले में ऐसा करने के लिए एक भगीरथ प्रयास चल रहा है।"
देश में 21 जून से आरंभ हो रहे टीकाकरण अभियान के नये चरण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब 18 साल से ऊपर के लोगों को वही सुविधा मिलेगी जो अभी 43 साल के ऊपर के लोगों को मिल रही थी। कोरोना से बचाव के सभी उपायों का अनुसरण करने का आग्रह करते उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार हर देशवासी को मुफ्त टीका लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।"
इस अवसर पर केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, आर के सिंह, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे और जाने माने चिकित्सक नरेश त्रेहन उपस्थित थे।
(साभार : PTI)