कोविड-19 मरीजों एवं योद्धाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश में फिर से चालू होगा 'आनंद विभाग'

कोविड-19 मरीजों एवं योद्धाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश में फिर से चालू होगा 'आनंद विभाग'

Monday April 27, 2020,

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भोपाल, कोविड—19 के मरीजों और कोविड—19 योद्धाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश में फिर से 'आनंद विभाग' चालू किया जाएगा।


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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए (फोटो क्रेडिट: jansamachar)


इस विभाग को पूर्ववर्ती कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार ने बंद कर दिया था और इसकी जगह आध्यात्मिक विभाग बना दिया था।


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति एवं नियंत्रण व्‍यवस्‍थाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा,

'कोरोना वायरस मरीजों का हल्‍के-फुल्‍के वातावरण में इलाज किया जाए। निरंतर उनका मनोबल बढाया जाए तथा तनाव कम करने के लिए उनका मनोरंजन भी किया जाए।'

उन्होंने कहा,

'इस कार्य के लिए 'आनंद विभाग' को पुनर्जीवित कर आनंदकों की सेवाएं ली जाएं।'


चौहान ने कहा,

'कोविड—19 अस्‍पतालों और पृथक-वास केंद्रों में ऑडियो-वीडियो के माध्‍यम से संगीत, फिल्‍म प्रदर्शन, प्रेरणादायक संदेश तथा मनोरंजक कार्यक्रम दिखाए जाएं। साथ ही, कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के कार्य में लगे अमले का भी मनोबल बढ़ाने के लिए कार्य किये जाएं, जिससे वे अपना कार्य बिना किसी तनाव के कर पाएं।'

यह जानकारी मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने दी है।


चौहान ने अपने वर्ष 2013 से वर्ष 2018 के पूर्व शासन काल के दौरान यह कह कर 'आनंद विभाग' का गठन किया था कि नागरिकों की खुशहाली एवं परिपूर्ण जीवन के लिए आंतरिक तथा बाह्य सकुशलता आवश्‍यक है। सिर्फ भौतिक प्रगति व सुविधाओं से अनिवार्य रूप से प्रसन्‍न रहना संभव नहीं है।


उन्होंने कहा था कि इस अवधारणा को साकार करने के लिए भौतिक प्रगति के पैमाने से आगे बढ़कर आनंद के मापकों को भी समझा जाए तथा उनको बढाने के लिए सुसंगत प्रयास किए जावे। इस उदद्देश्‍य से राज्‍य सरकार ने अगस्‍त 2016 में आनंद विभाग का गठन किया गया था।


लेकिन, इस विभाग को बाद में कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया था और इसकी जगह आध्यात्मिक विभाग बना दिया था।



Edited by रविकांत पारीक