दिल्ली में कोरोना संक्रमण पर ऐसे लगेगा ब्रेक, सरकार ने उठाया अब तक का सबसे बड़ा कदम
6 जुलाई से पहले हर एक घर को स्क्रीन किए जाने का कदम उठाया जा रहा है, जबकि कंटेनमेंट ज़ोन के भीतर आने वाले सभी घरों को 30 जून तक स्क्रीन कर लिया जाएगा।
तमाम विशेषज्ञों द्वारा ये दावा किया गया है कि अभी भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का महाकहर अभी बाकी हैं, ऐसे में जब लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ लगभग सभी गतिविधियां सामान्य होने की तरफ बढ़ रही हैं, संक्रमण का खतरा भी उतना ही बढ़ गया है।
महाराष्ट्र और दिल्ली दो सबसे अधिक कोरोना वायरस संक्रमित राज्य हैं, वहीं दिल्ली में रोजाना कोरोना वायरस संक्रमण के तीन से चार हज़ार नए मामले भी सामने आ रहे हैं, जो बड़ी चिंता का विषय है। इसी के साथ दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी अब सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ लोगों तक नहीं पहुँच रही हैं। हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम केजरीवाल के साथ दिल्ली की स्थिति पर बैठक की थी।
खबर है कि दिल्ली में 6 जुलाई से पहले हर एक घर को स्क्रीन किए जाने का कदम उठाया जा रहा है, जबकि कंटेनमेंट ज़ोन के भीतर आने वाले सभी घरों को 30 जून तक स्क्रीन कर लिया जाएगा। इसकी घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद की है
66 हज़ार से अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के साथ दिल्ली में 261 कंटेनमेंट ज़ोन बनाए गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की विस्तृत ट्रेसिंग के साथ संक्रमण के फैलने को लेकर भी सरकर कदम उठाने जा रही है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया है कि दिल्ली में होम आइसोलेशन प्लान काफी सही काम कर रहा है। केजरीवाल ने बताया है कि उन्होने मरीजों से खुद बात की है।
देश की राजधानी इस समय कोरोना वायरस संक्रमण से किस कदर प्रभावित है उसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि राज्य में अब तक 23 सौ से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिसके आधार पर मृत्यु दर 3.4 प्रतिशत है, जबकि देश स्तर पर यह दर 3.17 प्रतिशत है।
संशोधित रणनीति के अनुसार अब सख्त निगरानी वाली यह योजना जिला-स्तर पर लागू की जाएगी। अब COVID-19 टास्क फोर्स जो पहले केवल जिला मजिस्ट्रेटों द्वारा देखरेख कम करती थी, अब इसमें MCD (दिल्ली नगर निगम) के महामारी विज्ञानी, जिला पुलिस आयुक्त, नागरिक निकाय के अधिकारी और आरोग्य सेतु ऐप की निगरानी के लिए आईटी पेशेवर होंगे। इसी के साथ प्रभावित इलाकों में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल कर रहे हों।
नई गाइडलाइन के बाद अब कंटेनमेंट ज़ोन में पुलिस सीसीटीवी कैमरों की मदद से मूवमेंट रोकेगी और टेस्टिंग व आइसोलेशन पर भी खासा ध्यान दिया जाएगा। सरकार आईसीएमआर के अनुसार रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग पर भी फोकस करने जा रही है।
घनी आबादी वाले क्षेत्रों में मरीजों को कोविड-19 देखभाल केंद्रों में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। सभी लक्षण और बिना लक्षण वाले मामलों का परीक्षण 10 दिनों के भीतर किया जाएगा। इसी के साथ स्टेट टास्क फोर्स का नेतृत्व खुद मुख्यमंत्री करेंगे।
दिल्ली के जिंजर होटल और ट्यूलिप होटल को स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के लिए कोविड देखभाल केंद्र के रूप में समर्पित किए गए हैं। सरकार का प्रयास इसके साथ फ्रंटलाइन कर्मियों को संक्रमण से बचाने का है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुई हर मौत को रिपोर्ट करने को कहा है।