न्यूज़ीलैंड कुछ ऐसे हुआ कोरोना संक्रमण मुक्त, जल्द ही पटरी पर आ जाएगी इसकी अर्थव्यवस्था

न्यूज़ीलैंड की पीएम जेसिंडा आर्डन को जब ये खबर पता चली कि देश कोरोना संक्रमण मुक्त हो चुका है, उन्होने खबर सुनने के बाद तो झूमना शुरू कर दिया।

(चित्र साभार: ट्विटर/@ PureNewZealand)

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भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार समाने आ रहे हैं, जबकि इस बीच एक देश ने खुद को कोरोना मुक्त भी घोषित कर दिया है। 50 लाख की आबादी वाला यह देश न्यूज़ीलैंड है। गौरतलब है कि न्यूज़ीलैंड कोरोना का अंतिम केस 17 दिनों पहले आया था। देश ने बीते 17 दिनों में 40 हज़ार लोगों की जांच की है, जबकि 12 दिनों से कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में भी नहीं है। न्यूज़ीलैंड की पीएम जेसिंडा आर्डन को जब ये खबर पता चली कि देश कोरोना संक्रमण मुक्त हो चुका है, उन्होने खबर सुनने के बाद तो झूमना शुरू कर दिया।


भारत से इतर न्यूज़ीलैंड में कोरोना वायरस संक्रमण अधिक फैल नहीं पाया। न्यूज़ीलैंड में सिर्फ 15 सौ लोग इससे संक्रमित पाये गए थे, जबकि देश में इस वायरस की  चपेट में आने से 22 मौतें भी हुई हैं, लेकिन न्यूज़ीलैंड ने यह काम इतनी बखूबी किया कैसे? एक ओर जहां भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की लहर आने का इंतज़ार किया जा रहा है, वहीं न्यूज़ीलैंड में अब गतिविधियां सामान्य होने की ओर बढ़ रही है।


सबसे पहले न्यूज़ीलैंड ने लॉकडाउन को बेहद गंभीरता से लिया। 15 मार्च तक देश में सिर्फ 100 मामले ही सामने आए थे, लेकिन इसी के साथ लॉकडाउन लागू करते हुए विदेशी नागरिकों के देश में प्रवेश पर बैन लगा दिया गया था, जबकि बाहर से आने वाले देश के नागरिकों को 14 दिनों के लिए निश्चित होम क्वारंटाइन में भेजा गया। 10 दिनों बाद लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया और सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही इसमें छूट दी गई।


हालांकि स्थिति सुधरने के साथ ही लॉकडाउन में ढील देने की शुरूआत की जाने लगी, हालांकि अभी भी देश में विदेशी नागरिकों के आने पर प्रतिबंध बरकरार है।





देश में कोरोना वायरस को लेकर बड़े स्तर पर टेस्ट हुए। प्रति व्यक्ति टेस्ट के मामले में न्यूज़ीलैंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है। देश में रोजाना 8 हज़ार टेस्ट किए जा रहे थे, जबकि देश में कुल 2 लाख 95 हज़ार लोगों का टेस्ट किया गया है। लॉकडाउन की घोषणा और लोगों के ठहर जाने के चलते संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का टेस्ट करना आसान हो गया था।


गौरतलब है कि न्यूज़ीलैंड की भौगोलिक संरचना ने उसे इस वायरस के प्रसार से बचाने में काफी मदद की। देश में जनसंख्या घनत्व भी कम है, इसके चलते वायरस तेजी से नहीं फैल सका।


न्यूज़ीलैंड ने लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही इसके नियमों से अपने नागरिकों को वाकिफ करा दिया था। न्यूज़ीलैंड ने लॉकडाउन की शुरुआत के साथ ही अपने नागरिकों को एक टेक्स्ट मैसेज भेज कर यह सूचित किया था कि जो नागरिक इस समय जहां हैं, वो अब कुछ समय के लिए वहीं रहें।


इस दौरान न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री ने भी अपने देश के नागरिकों को बराबर सूचना जारी की और उनसे सहयोग की अपील की। नियमों के पालन को लेकर न्यूज़ीलैंड ने वो कर दिखाया जो तमाम देश नहीं कर सके और बुरी तरह कोरोना की चपेट में आ गए।

वायरस को काबू में करने के लिए न्यूज़ीलैंड ने इस महामारी को लेकर सभी नियमों का पालन किया। वायरस के प्रसार को रोकने में कामयाब होने के बाद अब न्यूज़ीलैंड अपनी आर्थिक गतिविधियों को फिर से तेजी से आगे ले जाने के लिए तैयार है।