कोरोनावायरस : पंजाब ने लॉकडाउन एक मई तक बढ़ाया, 21 दिन का विस्तार कड़ाई से लागू होगा
चंडीगढ़, पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जाने के बीच लॉकडाउन (बंद) की अवधि एक मई तक के लिए बढ़ा दी। उसे संदेह है कि राज्य इस महामारी के सामुदायिक संक्रमण की ओर बढ़ रहा है।
पंजाब सरकार ने यहां जारी एक बयान में कहा कि लॉकडाउन बढ़ाने का यह निर्णय वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में किया गया। इसका लक्ष्य इस महामारी को सामुदायिक स्तर पर फैलने तथा आगामी फसल कटाई एवं खरीद सीजन में मंडियो में भीड़ से बचना है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया,
‘‘कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंत्रिमंडल ने लॉकडाउन एवं कर्फ्यू एक मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया। यह मुश्किल वक्त है और मैं सभी से घरों में ही रहने एवं स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने की अपील करता हूं जैसा आपने अबतक किया है और मैं उसके लिए आभारी हूं।’’
उससे पहले विशेष मुख्य सचिव के बी एस सिद्धू ने ट्वीट किया,
‘‘(मुख्यमंत्री) अमरिंदर सिंह की अगुवाई में मंत्रिमंडल ने पंजाब कर्फ्यू/लॉकडाउन को 30 अप्रैल 2020/एक मई, 2020 तक बढ़ाने को मंजूरी दी। आज से 21 दिन का विस्तार। कड़ाई से लागू होगा।’’
ओडिशा के बाद ऐसा करने वाला पंजाब दूसरा राज्य है। उधर केंद्र भी पाबंदियों को 14 अप्रैल के बाद बढ़ाने के राज्यों के प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। उसी दिन 21 दिन के वर्तमान लॉकडाउन का आखिरी दिन है।
पंजाब सरकार के बयान के अनुसार मुख्यमंत्री रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाले सम्मेलन लॉकडाउन बढ़ाने के निर्णय से प्रधानमंत्री को अवगत करायेंगे।
पंजाब पहला ऐसा राज्य था जिसने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 23 मार्च को कर्फ्यू लगाया था।
पंजाब में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं और यह 132 तक पहुंच गया। संक्रमितों में से 11 मरीजों की जान भी चली गयी। शुक्रवार को राज्य में 21 नये मामले सामने आये।
इससे पहले नयी दिल्ली में कांग्रेस द्वारा वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि बृहस्पतिवार को जो 27 नये मामले सामने आये उनमें से ज्यादातर द्वितीयक संक्रमण के परिणाम थे। उन्होंने आशंका जतायी कि ऐसे में राज्य ने शायद महामारी के दूसरे चरण में प्रवेश न कर जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि कर्फ्यू जरूरी था ताकि राज्य का मेडिकल बुनयादी ढांचा अपनी क्षमता से अधिक बोझ तले न आ जाए।
मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद ने कर्फ्यू/लॉकडाउन से क्रमिक तरीके से बाहर निकलने की रणनीति बनाने के लिए बहुविषयक कार्यबल के गठन का भी निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने कोविड-19 के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए रोडमैप सुझाने के वास्ते उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से उसकी अगुवाई करने का अनुरोध करेंगे।
Edited by रविकांत पारीक