कुकिंग टीचर से फूड एक्सपर्ट बनीं नीता मेहता आज हैं कई फूड कंपनियों की मालकिन
अपने दम पर बनीं कुकिंग टीचर से फूड एक्सपर्ट...
नीता मेहता दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी इरविन कॉलेज से ग्रैजुएट हैं। फूड और न्यूट्रिशन से एमएससी में उन्हें गोल्ड मेडल मिल चुका है। दिल्ली में 'नीता मेहता कुकिंग क्लासेस' नाम से उनके संस्थान भी चल रहे हैं, जहां पर वह कुकिंग का शौक रखने वालों को एक्सपर्ट कुकिंग सिखाती हैं...
नीता बताती हैं कि पहले जब रात में वह 12 बजे तक काम करती थीं, तब बच्चे हैरान होते थे। आज उन्हें भी यह बात समझ आती है कि सिर्फ स्मार्टवर्क से काम नहीं होता, आपको अपने काम को पर्याप्त वक्त देना होगा।
नीता मेहता, बतौर फूड ऐंड न्यूट्रीएंट्स ऐक्सपर्ट, देश और विदेश में बेहद लोकप्रिय हैं। नीता की इस लोकप्रियता के पीछे तीन दशकों से भी लंबी यात्रा है। नीता ने 1982 में अपने घर पर ही कुकिंग क्लास चलाकर, अपने पैशन को सींचना शुरू किया था और आज वह अपने खुद के पब्लिकेशन हाउस से किताबें निकाल रही हैं। टीवी पर आने वाले कुकरी शोज में वह बतौर सेलिब्रिटी नजर आती हैं। पब्लिकेशन और कुकिंग क्लासेज के अलावा फूड प्रोडक्ट्स के भी बिजनस में नीता सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही हैं। उनके ब्रैंड नेम से लुधियाना, चंडीगढ़ और जयपुर आदि शहरों में रेस्तरां चल रहे हैं। अपने जुनून के चलते नीता सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में बेहद लोकप्रिय हैं। उनका पूरा परिवार उनके बिजनस से जुड़ा हुआ है।
कुकिंग क्लास से किताब तक का सफर
नीता को इस बात का अहसास हुआ कि कुकिंग ही उनका पैशन है और टाइम मैनेजमेंट के जरिए वह अपने इस जुनून से कुछ बेहतर कर सकती हैं। इस सोच को अंजाम देने के लिए नीता ने बहुत छोटे स्तर से शुरूआत की। उन्होंने अपने घर पर ही कुकिंग क्लास शुरू की। नीता मानती हैं कि जब तक आप कुछ अलग नहीं करेंगे, तब तक लोग आपसे आकर्षित नहीं होंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए नीता ने सिर्फ एक दिन की कुकिंग क्लास शुरू की, जबकि दूसरी इस तरह की क्लासेज कई महीनों का कोर्स कराती थीं। इस नई सोच ने काम किया और नीता को अपनी क्लास के लिए लोग मिलने लगे। वक्त के साथ बदलते रहना भी जरूरी है और इसलिए ही नीता ने खास तरह के कुजीन्स पर भी क्लास लेना शुरू किया। जैसे कि आइसक्रीम मेकिंग आदि।
पहला पड़ाव पार करने के बाद उन्होंने कुकिंग पर किताब लिखने के बारे में सोचा। नीता मानती हैं कि काम को वक्त देना बहुत जरूरी है। वह कहती हैं कि रेसपी लिखने के लिए अंदाजे से काम नहीं चलता और इसलिए ही उन्होंने रेसपीज पहले खुद बनाईं और पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही उन्होंने रेसपीज को कागज पर उतारा। उन्होंने 1992 में अपनी पहली किताब (वेजिटेरियन वंडर्स) लिखना शुरू किया था।
पहली किताब को नहीं मिला एक भी पब्लिशर
नीता की पहली किताब 'वेजिटेरियन वंडर्स' को एक भी पब्लिशर छापने के लिए तैयार नहीं था। नीता ने हार नहीं मानी और 1994 में स्नैब (SNAB) नाम से अपना खुद का पब्लिकेशन हाउस शुरू किया। स्नैब यानी सुभाष (पति), नीता, अनुराग (बेटा) और भावना (बेटी)। 4 लाख रुपए के निवेश के साथ शुरू हुआ यह पब्लिकेशन अब 4 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाला हो गया है। नीता ने खुद ही इस किताब का डिस्ट्रीब्यूशन किया और उनकी किताब को औसत सफलता भी मिली। पहली बड़ी सफलता और नाम उन्हें अपनी दूसरी किताब से मिले, जिसका नाम था 'पनीर ऑल द वे'।
'मेहनत का नहीं कोई दूसरा विकल्प'
नीता बताती हैं कि सफलता मिलने के बाद भी उन्होंने रेसपी इंटरनेट से नहीं कॉपी की। पुराना वाकया साझा करते हुए नीता बताती हैं कि पहले जब रात में वह 12 बजे तक काम करती थीं, तब बच्चे हैरान होते थे। आज उन्हें भी यह बात समझ आती है कि सिर्फ स्मार्टवर्क से काम नहीं होता, आपको अपने काम को पर्याप्त वक्त देना होगा। टाइम मैनेजमेंट भी बहुत जरूरी है और खासकर लड़कियों और महिलाओं के लिए। अगर आप अपने परिवार को वक्त नहीं देंगे तो आपको उनका सहयोग भी नहीं मिलेगा। नीता मानती हैं कि यही वजह है कि आज उनका पूरा परिवार उनके बिजनस में हाथ बंटा रहा है।
मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
नीता की कई कुक बुक्स को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उनकी किताबें सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि यूएसए, यूके, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर और मध्यपूर्व के देशों में भी काफी लोकप्रिय हैं। भारत की क्षेत्रीय भाषाओं के साथ-साथ उनकी कुछ किताबों का अरबी भाषा में भी अनुवाद हो चुका है। पैरिस में होने वाले वर्सेल्स वर्ल्ड बुक फेयर में उनकी किताब 'फ्लेवर्स ऑफ इंडियन कुकिंग' को बेस्ट एशियन कुकबुक का अवॉर्ड मिल चुका है। उनकी तीन और किताबों को भी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। नीता मेहता ने कई टीवी चैनल्स के कुकिंग प्रोग्राम्स भी होस्ट किए हैं। यूएसए, यूके, कनाडा और कई अन्य देशों में भी वह कुकिंग क्लास ले चुकी हैं।
नीता मेहता दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी इरविन कॉलेज से ग्रैजुएट हैं। फूड और न्यूट्रिशन से एमएससी में उन्हें गोल्ड मेडल मिल चुका है। दिल्ली में 'नीता मेहता कुकिंग क्लासेस' नाम से उनके संस्थान भी चल रहे हैं, जहां पर वह कुकिंग का शौक रखने वालों को एक्सपर्ट कुकिंग सिखाती हैं। इसके अलावा दुनियाभर की फूड कंपनियों के लिए नीता अपनी खास रेसपीज तैयार करती हैं। अपने काम के दौरान नीता लगातार अलग-अलग परिवेश की महिलाओं से मिलती रहीं। उनसे बातचीत के दौरान एक वक्त पर नीता को इस बात का अहसास हुआ कि बाजार में बच्चों के लिए मूल्यवान किताबों की उपलब्धता की भी खास मांग और जरूरत है। इस सोच ने नीता मेहता पब्लिकेशन्स को जन्म दिया। इस बिजनस में नीता के बेटे अनुराग उनके सहयोगी हैं। अनुराग नीता की पब्लिकेशन कंपनियों के सीईओ हैं। कुकिंग और चिल्ड्रेन बुक्स के अलावा नीता लाइफस्टाइल से संबंधित मैगजीन भी पब्लिश करती हैं।
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