...आठवीं पास को दसवीं तथा दसवीं पास को मिलेगा 12वीं का प्रमाणपत्र!
आईटीआई पास विद्यार्थियों के जीवन में एनबीएसएसी लाएगा ऐतिहासिक परिवर्तन
सरकार गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक कानून लाने जा रही है जिसके जरिये राष्ट्रीय कौशल आकलन एवं प्रमाणन बोर्ड (एनबीएसएसी) की स्थापना की जाएगी। कौशल विकास राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने हाल में कहा था कि फिलहाल आकलन तथा प्रमाणन प्रक्रिया के लिए कोई साझा बोर्ड नहीं है।
अपने मंत्रालय के प्रदर्शन का ब्योरा देते हुए रूड़ी ने कहा था, ‘‘हम एनबीएसएसी के लिए एक कानून बना रहे हैं। यह एक बड़ा कदम होगा। इससे आकलन तथा प्रमाणन के लिए एक साझा बोर्ड बन सकेगा।’’ उन्होंने कहा कि कानून तैयार किया जा रहा है और ‘‘मुझे भरोसा है कि हम इसे संसद के मानसून सत्र में पेश कर पाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) तथा राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा के बीच जा रहे हैं। हम बोर्ड की स्थापना करेंगे।
इस बोर्ड में उद्योग की अगुवाई वाला एसएससी प्रमाणन प्रक्रिया तथा सरकार अधिकृत एनसीवीटी प्रमाणन जुड़ा रहेगा और यह परीक्षा, आकलन और एनएसक्यूएफ के अनुपालन में राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणपत्र देने के लिए एक स्थान की भूमिका निभाएगा।
रूडी ने यह भी सूचित किया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ एक करार हो चुका है। इसके तहत यदि किसी ने दो साल का आईटीआई का पाठ्यक्रम पूरा किया है, और छात्र ने आठवीं पहले ही पास कर ली है तो उसके दसवीं पास का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यदि छात्र ने दसवीं पास की है और उसके बाद आईटीआई किया है तो उसे 12वीं पास का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। हालांकि छात्र-छात्राओं को इन प्रमाणन के दो पेपर पास करने होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक फैसला है। 18 लाख विद्यार्थी आईटीआई पास कर रहे हैं। पिछले 66 बरस में करोड़ों विद्यार्थी पास कर चुके हैं। आईटीआई प्रमाणपत्र की आगे पढ़ाई के लिए कोई वैधता नहीं थी।’’ (पीटीआई)