एक गृहणी ने समझा दूसरों का दर्द, शुरु किया 'बाइकर्सहाइवे'
सेकेण्ड हैण्ड दुपहिया वाहन बेचने के लिए चित्रा बनर्जी ने शुरू किया बाइकर्सहाइवे
कई बार कुछ ऐसी ख़बरें मिलती हैं, जो एक दम से आपको सन्न कर देती हैं। बिल्कुल यही स्थिति थी जब विकास कुमार बनर्जी ने गर्व से अपनी पत्नी कि उपलब्धि के बारे में हमें लिखा। नार्थ उड़ीसा विश्वविद्यालय की इकोनॉमिक्स ऑनर्स की छात्रा चित्रा, शादी के बाद घर पर परिवार को देखने लगी थी। लेकिन अब उनका खुद का उद्यम है।
चित्रा के इस उद्यम की कहानी 2013 की एक शाम को कॉफ़ी पीते हुए शुरू हुई, जब वह अपने पति से बात कर रही थी कि एक लड़की को सेकेण्ड हैण्ड टू व्हीलर ख़रीदते समय कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस विचार ने उन्हें तब ही चैन दिया, जब उन्होंने मल्टी-ब्रैंड प्रामाणित दोपहिया वाहनों के ऑनलाइन शोरूम “बाइकर्सहाइवे” की शुरुआत करके छोड़ी।
चित्रा कहती हैं “आजकल लोग सब्जियां भी ऑनलाइन लेते हैं, लोगों को उपयोग की गयी वस्तुयें (सेकेण्ड हैण्ड) खरीदने में परेशानी होती है, क्योंकि उपयोग की गयी वस्तुओं का बाज़ार भारत में असंगठित है। हमने उपयोग किये हुए प्रामाणित दोपहिया वाहनों को वारंटी और घर पर मुफ़्त सर्विस के साथ बेचने की सोची। बहुत रिसर्च के बाद अब पुणे इसका संचालन शुरू कर दिया है।
चित्रा ने बताया कि “पुणे में कोई भी ऐसा नहीं मिला जो गुणवत्ता में सख्ती रखते हुए मुफ़्त वारंटी और सर्विस दे। कार के मामले में यह मांगे पूरी हैं” यह चौंकाता नहीं है कि बाइकर्सहाइवे ने नवम्बर 2013 से नवम्बर 2014 के बीच 426 दोपहियों की बिक्री।
ज्यादातर लोगों के लिए ऑनलाइन दोपहिया वाहन खरीदने की जरूरतें
1) ओएलक्स, क्विकर, बाइकवाले पर ऑनलाइन सर्च करें,
2) फिर कॉल कर के डीलर या विक्रेता से गाड़ी की ज्यादा जानकारी लें,
3) वाहन खरीदने के लिए हो सकता है लम्बा सफ़र करना पड़े,
4) सेकेण्ड हैण्ड दो पहिया वाहन बेचने के बाद, विक्रेता या डीलर कोई वारंटी नहीं लेता और ना ही कोई सेल सर्विस देता है।
इन बातों का समाधान देना चित्रा, विकास और उनकी दस लोगों की टीम के लिए आसान नहीं था, चित्रा कहती हैं “हम चाहते थे कि लोगों को बाइकर्सहाइवे से वाहन खरीदने पर गर्व हो। ग्राहक घर पर बैठे ही वारंटी और मुफ़्त सर्विस के साथ अच्छी गुणवत्ता का सेकेण्ड हैण्ड दोपहिया वाहन खरीदें।” वह बताती हैं कि हम घर पर वाहन ले जाकर ग्राहक को टेस्ट ड्राइव का मौका देते हैं जिसका मतलब है कि आपको अच्छा सेकेण्ड हैण्ड वाहन खरीदने के लिए अब लम्बा सफ़र नहीं करना पड़ता।
शुरुआत में उन्हें किसी और के वाहन पर वारंटी देना एजेंट की तरह का काम लगा. लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चला, इसके बाद चित्रा ने स्वयं वाहन खरीदे और उनका नवीनीकरण व सुधार करवाने के बाद बेचे गए। बाहर से वाहनों की मरम्मत का खर्चा ज्यादा आने के कारण उन्होंने दिसम्बर 2014 में अपना सर्विस सेंटर खोल दिया।
विकाश कहते हैं “हमने पैसा जोड़ना शुरू किया। हमने मात्र तीन लाख की पूँजी से यह योजना शुरू की और अब हमारी बचत 20 लाख रुपये तक है” अब उन्हें एचएनआई निवेशक भी मिल गया है, जो आने वाले समय में 50 लाख रूपये तक निवेश कर रहा है और समय के साथ पूँजी को और बढ़ाएगा भी।
वाहनों के क्षेत्र में जिगव्हील्स, कारदेखो, कारवाले, क्षरट्रेड जैसे प्रतियोगियों के होने से बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा है, लेकिन इन सबका ध्यान ज्यादातर कारों के ऊपर है। लेकिन ऑएलेक्स और क्विकर वास्तव में टक्कर में हैं। चित्रा के जुनून ने विकाश को भी इस कारोबार में जोड़ लिया और उन्होंने एजेंट, कॉल सेंटर कार्यकर्ता और टेकनीशियन को साथ टीम भी बना ली। अभी यह पुणे में ही चालू है लेकिन जल्द ही मुंबई और बैंगलौर में कम्पनी की विस्तार करने की योजना है।