धोनी ने अपने अंदाज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा
नयी दिल्ली, अपनी लाजवाब कप्तानी और ‘फिनिशिंग’ के हुनर से महानतम क्रिकेटरों में शुमार दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया।
वह हालांकि इंडियन प्रीमियर लीग में खेलेंगे जो 19 सितंबर से यूएई में आयोजित की जा रही है।
गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास के कई सुनहरे अध्याय लिखने वाले 39 वर्ष के धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया।
धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा,
‘‘अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिये धन्यवाद। शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये।’’
इससे एक दिन पहले ही वह यूएई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग के लिये चेन्नई सुपर किंग्स टीम से जुड़ने चेन्नई पहुंचे थे।
बीसीसीआई ने एक बयान में उनके कैरियर की ऐतिहासिक उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए कहा, ‘‘इस शानदार विरासत को दोहरा पाना मुश्किल होगा।’’
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा,
‘‘यह एक युग का अंत है। क्या शानदार क्रिकेटर रहा है देश के लिये और दुनिया के लिये। मैदान पर बिना किसी मलाल के उसने अलविदा कहा।’’
बोर्ड सचिव जय शाह ने कहा,
‘‘जब उन्होंने खेलना शुरू किया था , तब से आज तक खेल को बहुत कुछ देकर वह जा रहे हैं।’’
बोर्ड ने लिखा कि धोनी ने अपने शांतचित्त रवैये, खेल की बेहतरीन समझा और शानदार नेतृत्व क्षमता से भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल दिया।
धोनी ने भारत के लिये आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले साल जुलाई में विश्व कप सेमीफाइनल खेला था।
विकेटों के बीच बेहतरीन दौड़ के लिये मशहूर धोनी उस तनावपूर्ण मैच में 50 रन बनाकर रन आउट हो गए थे। उस मैच के बाद वह लंबे ब्रेक पर चले गए थे और पिछले एक साल से उनके संन्यास को लेकर लग रही अटकलों पर कोई जवाब नहीं दिया।
‘रांची का यह राजकुमार’ हालांकि क्रिकेट के इतिहास में महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा गया है। भारत के लिये उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 मैच खेले।
कैरियर के आखिरी चरण में वह खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाती रही।
उन्होंने वनडे क्रिकेट में पांचवें से सातवें नंबर के बीच में बल्लेबाजी के बावजूद 50 से अधिक की औसत से 10773 रन बनाये। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 38 . 09 की औसत से 4876 रन बनाये और भारत को 27 से ज्यादा जीत दिलाई।
आंकड़ों से हालांकि धोनी के कैरियर ग्राफ को नहीं आंका जा सकता। धोनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था।
वह कभी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटे। इसलिये 2007 टी20 विश्व कप का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे नये गेंदबाज को दिया जो 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में फार्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिये आये।
दोनों बार भारत ने खिताब जीता और धोनी देशवासियों के नूरे नजर बन गए।
आईपीएल में तीन बार चेन्नई को जिताकर वह ‘थाला’ कहलाये। चेन्नई टीम के सीईओ काशी विश्वनाथ ने हाल ही में कहा था कि वह कम से कम 2022 तक टीम के लिये खेलते रहेंगे।
पिछले साल धोनी ने प्रादेशिक सेना में अपनी यूनिट को सेवायें दी जिसमें वह मानद् लेफ्टिनेंट कर्नल है। इसके साथ ही रांची में जैविक खेती भी की और कुछ मौकों पर नेट पर अभ्यास करते भी नजर आये।
धोनी के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म ‘एम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी’ भी बनी जिसमें दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी का किरदार निभाया था। राजपूत जून में मुंबई स्थित अपने आवास में मृत पाये गए थे और उनका परिवार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है।
(सौजन्य से- भाषा पीटीआई)