वीमेन स्टूडेंट्स की डिस्टेंस एजुकेशन का खर्च उठाएगी इस राज्य की सरकार
गहलोत ने योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष कुल 36 हजार 300 बालिकाओं और महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए 14.83 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इसके तहत ऐसी बालिकाओं और महिलाओं को दूरस्थ माध्यम से उच्च शिक्षा से जोड़ा जाएगा जो विभिन्न कारणों से नियमित रूप से महाविद्यालय और विश्वविद्यालय नहीं जा सकती
किसी कारणवश नियमित रूप से महाविद्यालय और विश्वविद्यालय की पढ़ाई करने में असक्षम वीमेन स्टूडेंट्स के लिए राजस्थान सरकार ने ‘बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना‘ की शुरुआत की है. एक सरकारी बयान के अनुसार इससे वे पढ़ाई जारी रखकर भविष्य संवार सकेंगी.
इसके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बालिका उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन देने के वास्ते बालिकाओं और महिलाओं के लिए दूरस्थ शिक्षा के सिलसिले में शिक्षण संस्थानों की फीस की भरपाई करने को मंजूरी दी है.
गहलोत ने योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष कुल 36 हजार 300 बालिकाओं और महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए 14.83 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इसके तहत ऐसी बालिकाओं और महिलाओं को दूरस्थ माध्यम से उच्च शिक्षा से जोड़ा जाएगा जो विभिन्न कारणों से नियमित रूप से महाविद्यालय और विश्वविद्यालय नहीं जा सकती हैं.
बयान के अनुसार दूरस्थ माध्यम से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाली किशोरियों और महिलाओं की फीस की भरपाई हेतु इस योजना के अंतर्गत स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में 16000 सीटें, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 5300, डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 10000, पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 3000 तथा प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों में 2000 सीटों का प्रावधान किया गया है.
योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा अनुदानित विश्वविद्यालय, राज्य के राजकीय संस्थान/वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के द्वारा दूरस्थ शिक्षा योजना के माध्यम से अध्ययन कराया जाएगा. उनके द्वारा अध्ययन के लिए संस्थानों को भुगतान की गई फीस राशि की भरपाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना लागू करने की घोषणा की थी. उक्त घोषणा के क्रियान्वयन के सिलसिले में ही मुख्यमंत्री द्वारा यह स्वीकृति प्रदान की गई है.
बता दें कि, यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) ने मंगलवार को ओपन एवं डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ऑनलाइन मोड में एनरोल करने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए गाइडलाइंस जारी की है. नया सत्र सितंबर से शुरू होगा. ओडीएल या ऑनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर होगी.
अधिसूचना में शामिल कार्यक्रमों की सूची में ओडीएल या ऑनलाइन लर्निंग मोड के ऐसे कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी गई जो कि इसका हिस्सा नहीं होंगे. यह भी अधिसूचित किया गया है कि ओडीएल या ऑनलाइन लर्निंग मोड के माध्यम से सभी विषयों में एमफिल और पीएचडी कार्यक्रम पर पाबंदी है.
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ओडीएल या ऑनलाइन लर्निंग मोड के तहत कोर्सेस के माध्यम से यूजी या पीजी स्तर पर दी जाने वाली डिग्री और डिप्लोमा को पारंपरिक मोड के माध्यम से दिए जाने वाले संबंधित डिग्री के बराबर माना जाएगा.
Edited by Vishal Jaiswal