कोरोना से लड़ने के लिए डीआरडीओ ने लॉन्च किए ये दो नए प्रोडक्ट
डीआरडीओ ने कोविड-19 कीटाणुशोधन प्रक्रिया में सक्षम बनाने के लिए दो नए उत्पाद लॉन्च किए।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) कोविड-19 से लड़ाई में योगदान देने के अपने सतत प्रयास में अपनी प्रौद्योगिकियों एवं अनुभव के वर्तमान शस्त्रागार से कई समाधानों का विकास करता रहा है। इनमें नवोन्मेषण एवं त्वरित गति से वर्तमान आवश्यकताओं के लिए उत्पादों की समाकृति बनाना शामिल है। डीआरडीओ ने दो नए उत्पाद लांच किए हैं जो महामारी के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर परिचालनों को बढ़ावा दे सकते हैं।
ऑटोमैटिक मिस्ट आधारित सैनिटाइजर डिस्पैंसिंग यूनिट
सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड इनविरोनमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस), दिल्ली ने एचपीओ 1 के साथ मिल कर आग बुझाने के लिए मिस्ट टेक्नोलॉजी में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए ऑटोमैटिक मिस्ट आधारित सैनिटाइजर डिस्पैंसिंग यूनिट का विकास किया है। यह एक संपर्करहित सैनिटाइजर डिस्पैंसर होता है जो भवनों/ कार्यालय परिसरों आदि में प्रवेश करने के दौरान हाथों के सैनिटाइजेशन के लिए अल्कोहल आधारित हैंड रब सैनिटाइजर सॉल्यूशंन का छिड़काव करता है। यह वाम्टर मिस्ट ऐरेटर टेक्नोलॉजी पर आधारित है जिसे जल संरक्षण के लिए विकसित किया गया था।
यह यूनिट बिना संपर्क के परिचालित होता है और एक अल्ट्रासोनिक सेंसर के जरिये गतिशील होता है। निम्न प्रवाह दर के साथ एक सिंगल फ्लुइड नोजल का उपयोग हैंड रब सैनिटाइजर को डिस्पैंस करने के लिए ऐरेटेड मिस्ट को जेनेरेट करने के लिए किया जाता है। यह न्यूनतम बर्बादी के साथ हाथों को सैनिटाइज कर देता है। एटोमाइजर का उपयोग करते हुए, एक परिचालन में 12 सेंकेंड के लिए केवल 5-6 एमएल सैनिटाइजर का उपयोग किया जाता है और यह दोनों हथेलियों के ऊपर फुल कोन स्प्रे देता है जिससे कि हाथों का कीटाणुशोधन परिचालन पूरा हो जाता है।
यह एक बहुत कैम्पैक्ट यूनिट है और बल्क फिल ऑप्शन इसे किफायती और दीर्घकालिक समय तक चलने वाला उत्पाद बना देता है। इस सिस्टम को किसी प्लेटफॉर्म पर या वॉल-माउंटेबल के रूप में संस्थापित करना आसान है। परिचालन के एक संकेत के रूप में, एक एलईडी स्प्रे को प्रकाशित करती है।
इस यूनिट का निर्माण मेसर्स रियोट लैब्ज प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा की सहायता से किया गया था और और एक यूनिट डीआरडीओ भवन में संस्थापित की गई है। यूनिट का उपयोग अस्पतालों, मॉल्स, कार्यालय भवनों, आवासीय भवनों, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों एवं महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के प्र्रवेश एवं निकास पर हाथों के सैनिटाइजेशन के लिए किया जा सकता है। इस उत्पाद के आइसोलेशन एवं क्वारांटाइन केंद्रों के प्रवेश एवं निकास पर भी काफी उपयोगी होने की उम्मीद है।
यूवी सैनिटाइजेशन बॉक्स एवं हैंड-हेल्ड यूवी
डिवाइसडिफेंस इंस्टीच्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलॉयड साईंसेज (डीआईपीएएस) एवं इंस्टीच्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाऑयड साईंसेज (आईएनएमएएस), दिल्ली में डीआरडीओ प्रयोगशालाओं ने अल्ट्रा-वॉयलेट सी लाइट आधारित सैनिटाइजेशन बॉक्स एवं हैंड-हेल्ड यूवी-सी (वेवलेंथ 254 नैनोमीटर के साथ अल्ट्रा-वॉयलेट लाइट) डिवाइस की डिजाइन एवं विकास किया है। यूवी-सी एक छोटा, लाइट के अधिक इनर्जेटिक वेवलेंथ से बना होता है।
यह विशेष रूप से कोविड-19 में जेनेटिक मैटेरियल को नष्ट करने में अच्छा होता है। रैडियेशन स्ट्रक्चर आरएनए को बिगाड़ देता है जो वायरल पार्टिकल्स को अपनी और अधिक प्रतियां बनाने से रोकता है। यूवी-सी माइक्रोब्स को तेजी से मार डालता है। यूवी-सी लाइट तैनात करने के द्वारा मदों का सैनिटाइजेशन कीटाणुशोधन के लिए प्रयुक्त रसायनों के हानिकारक प्रभावों से रोकता है। यह पर्यावरण के अनुकूल होता है और संपर्करहित प्रभावी सैनिटाइजेशन प्रणाली है।
यूवी-सी बॉक्स की डिजाइन मोबाइल फोन, टैबलेट, पर्स, करेंसी, ऑफिस फाइल के कवर आदि जैसे व्यक्तिगत सामानों के कीटाणुशोधन के लिए तैयार की गई है। कोविड-19 वायरस 100 एमजे/सीएम पावर 2 के यूवी डोज के साथ एक बाॅक्स में एक मिनट के लिए समान दूरी पर रखे गए यूवीसी लैम्पों के उपयोग के द्वारा डिएक्टीवेट किए जाएंगे। सैनिटाइजेशन बॉक्स में प्रयुक्त यूवी लैम्प 185 एनएम भी उत्सर्जित करते हैं जो ओजोन का निर्माण करते हैं और बॉक्स में रखे गए वस्तुओं की सतहों पर अनपेक्षित क्षेत्र की देखभाल करने में सक्षम हैं।
आठ वाट यूवी सी लैम्प वाले हाथ में रखे जाने वाले डिवाइस कुर्सियों, फाइलों, डाक से भेजी जाने वाली वस्तुओं एवं दो इंच से कम दूरी पर रखे गए 100 एमजे/सीएम पावर 2 इरैडिएंस पर 45 सेकेंड के एक्सपोजर के साथ फूड पैकेटों जैसे कार्यालय एवं घरेलू वस्तुओं का कीटाणुशोधन कर देते हैं।
यह उपाय कार्यालय एवं सार्वजनिक वातावरण, जिसकी सभी स्थितियों में कार्य करने की आवश्यकता होती है, में कोरोना वायरस के संचरण को कम कर सकता है।
(सौजन्य से : PIB_Delhi)
Edited by रविकांत पारीक