सुपरहिट रहा Droneacharya Aerial Innovations का IPO, मिला 262 गुना ज्यादा सब्सक्रिप्शन
Droneacharya Aerial Innovations, एसएमई कैटेगरी का आईपीओ है.
13 दिसंबर को खुला Droneacharya Aerial Innovations का आईपीओ हिट रहा है. आखिरी दिन 15 दिसंबर 2022 को यह 262 गुना ज्यादा सब्सक्राइब हुआ है. आईपीओ के तहत 6018.78 करोड़ रुपये में 109.61 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां लगीं. ड्रोनाचार्य एरियल इनोवेशंस भारत का पहला ड्रोन स्टार्टअप है. कंपनी आईपीओ से मिलने वाले पैसे को ड्रोन्स व अन्य एक्सेसरीज की खरीद के लिए इस्तेमाल कर सकती है. इसके अलावा कमाई का कुछ हिस्सा जनरल कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए रखा जा सकता है.
आईपीओ का रिटेल पोर्शन 330.75 गुना सब्सक्राइब हुआ है. कैटेगरी के तहत रखे गए 20.92 लाख शेयरों के एवज में 69.19 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिलीं. वहीं नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर कैटेगरी 388.71 गुना सब्सक्राइब हुई, 8.98 लाख शेयरों को बिक्री के लिए रखा गया था और बोलियां 34.90 करोड़ शेयरों के लिए मिलीं. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर कैटेगरी 46.21 गुना सब्सक्राइब हुई आ।र 11.94 लाख शेयरों के एवज में 5.51 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिली.
SME कैटेगरी का IPO
, एसएमई कैटेगरी का आईपीओ है. कंपनी की योजना आईपीओ से करीब 34 करोड़ रुपये जुटाने की थी. Droneacharya Aerial Innovations के आईपीओ में 62.90 लाख इक्विटी शेयर का फ्रेश इश्यू था. आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 52 से लेकर 54 रुपये प्रति शेयर रखा गया था. इश्यू का 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए और बाकी का 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व था.
लैंडमार्क कार्स IPO का हाल
वाहन डीलरशिप कारोबार से जुड़ी लैंडमार्क कार्स लिमिटेड का आईपीओ भी 13 दिसंबर को खुला था. आईपीओ को 15 दिसंबर को अंतिम दिन 3.06 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. एनएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आईपीओ के तहत 80,41,805 शेयरों की पेशकश पर 2,46,45,186 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं. पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की श्रेणी में 8.71 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में 1.32 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. वहीं खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) के खंड को 59 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला. आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 481-506 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. नए निर्गम से प्राप्त आय का उपयोग कर्ज भुगतान और सामान्य कंपनी कार्यों के लिए किया जाएगा.
Edited by Ritika Singh