अपने डिलीवरी एक्सिकिटिव की सुरक्षा के लिए ये कदम उठा रही हैं ई-कॉमर्स कंपनियाँ
ये फर्म अपने डिलीवरी एक्सिकिटिव पर ही निर्भर करती हैं और इस समय उनकी सुरक्षा इन फर्मों की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच देश में तमाम सेवाएँ फिर से सामान्य होने की ओर बढ़ रही हैं। इस दौरान डिलीवरी सेवाएँ फिर से लगभग सामान्य हो चुकी हैं, फिर चाहे फ्लिपकार्ट हो ज़ोमैटो, स्विग्गी, बिगबास्केट या अमेज़न हो, सभी ने अपने ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए अपने डिलीवरी सेवाओं को शुरू कर दिया है, हालांकि इस बीच डिलीवरी एक्सिकिटिव की सुरक्षा भी इन कंपनियों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गई है।
इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए इन कंपनियों ने अपने डिलीवरी पार्टनर्स, स्थानीय विक्रेताओं और सप्लाई चेन सहयोगियों के लिए बीमा सुरक्षा और आय सुरक्षा योजना की पेशकश शुरू कर दी है।
इनमें से अधिकांश ने अधिकांश ने अपने वितरण कार्यबल, चाहे वो ऑन-द-रोल हो या फ्रीलांस स्टाफ हो, दोनों के लिए 50,000 से 5 लाख तक के मेडिकल बीमा कवर खरीदे हैं।
लाइवमिंट की रिपोर्ट की मानें तो स्वास्थ्य जोखिमों को कवर करने वाले इन स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के लिए प्रीमियम 3,000-4,000 रुपये के बीच है, इसकी अवधि साढ़े तीन महीने से लेकर साढ़े 9 महीने तक की है।
दूसरे व्यवसायों की तुलना में विशेष रूप से खाद्य और माल वितरण व्यवसाय में लगे ई-कॉमर्स फर्मों को राजस्व हानि का अधिक जोखिम है, क्योंकि वे अपने डिलीवरी एक्सिकिटिव पर ही निर्भर करती हैं और इस समय उनकी सुरक्षा इन फर्मों की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
रविवार देर शाम सामने आए आंकड़ों के अनुसार भारत 11 लाख 17 हज़ार से अधिक मामलों के साथ दुनिया का तीसरा सबसे अधिक कोरोना प्रभावित देश बना हुआ है। देश में अब तक 27 हज़ार 500 से अधिक लोग इसके चलते अपनी जानें गंवा चुके हैं।