एक डॉक्टर, जो लिखते-लिखते बन गए उद्यमी
12 सदस्यों की मजबूत टीम...कई मल्टीनेशनल कंपनियों से है करार...Geronimo Healthcare का मुंबई में है ऑफिस...
अमित डांग एक डॉक्टर होने के साथ साथ पहली पीढ़ी के उद्यमी भी हैं। उनमें गाने की समझ है तो गिटार भी उतना ही अच्छा बजाते हैं। दिल्ली में पले बढ़े अमित ने गोवा मेडिकल कॉलेज से औषध विज्ञान में एमबीबीएस और एमडी किया है। वो संस्थापक हैं Geronimo Healthcare के। उनका ये उद्यम मुंबई से चल रहा है। जो चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़ी कई सेवाएं देता है जैसे चिकित्सा सामग्री, क्लिनिकल रिसर्च, दवा कंपनियों के लिए स्वास्थ्य सेवा इत्यादी। इससे पहले उनकी इस कंपनी का नाम था Pharmakeez लेकिन अपने काम के विस्तार को देखते हुए अंत में उन्होने अपनी कंपनी का नाम Geronimo Healthcare रखा।
अमित के मुताबिक उनके दोस्त और साथी इस बात को लेकर अचंभित थे कि वो औषध विज्ञान से एमडी करना चाहते हैं। जबकि वो चाहते तो क्लिनिकल का विकल्प भी चुन सकते थे। लेकिन वो एमडी करने के बाद रिसर्च का काम जारी रखना चाहते थे साथ ही जल्द से जल्द आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते थे और औषध विज्ञान में उनके दोनों उद्देश्य पूरे हो रहे थे। उनके मुताबिक उनको ये विषय काफी अच्छा भी लगता था और अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान उन्होने इसको लेकर काफी जानकारी भी इकठ्ठा की थी। उनका कहना कि उन्होने औषध विज्ञान की पढ़ाई अपनी पसंद से की थी लेकिन उद्यमी होने के फैसले के पीछे ये कारण नहीं था। अमित के मुताबिक एमडी करने के बाद वो नौकरी करने के लिए तैयार थे तब उनको वजीफे के तौर पर हर महिने 6 हजार रुपये मिलते थे लेकिन ज्यादा कमाने के चक्कर में उन्होने फ्रीलांस मेडिकल राइटर का काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान उनको लगा कि मेडिकल राइटिंग और इससे जुड़े क्षेत्र में कारोबार की कई संभावनाएं हैं। ये शुरूआत थी Geronimo Healthcare की। अब इनकी कंपनी दवाइयों के विकास और उनके संवर्धन के काम में लगी है।
जानकारी से भरी इस दुनिया में फार्मा कंपनियां डॉक्टरों को कई मामलों में सही जानकारियां देती हैं। इस कारण डॉक्टर भी हर नई जानकारी से अवगत रहते हैं और इसका सीधा असर उनके काम और मरीजों की देखभाल पर पड़ता है। Geronimo Healthcare भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचार का एक साधन है। जो वैज्ञानिक सुधार की जानकारी देता है। इसके अलावा ये दवाइयों से जुड़ी कई सेवाएं भी प्रदान करता है। इसके अलावा ये कंपनी स्वास्थ्य सेवाओं में रिसर्च की भी आउटसोर्सिंग करती है। ये एक बंटा हुआ क्षेत्र है जहां पर क्लिनिकल ट्रायल, मेडिकल राइटिंग की सेवा, क्लिनिकल डाटा मैनेजमेंट सेवा आदि शामिल हैं। अमित का दावा है कि ये एक बढ़ता हुआ बाजार है और अगले 5 सालों के दौरान इसके 65 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत धीरे-धीरे इन सेवाओं के लिए एक हब बनता जा रहा है खासतौर से मेडिकल राइटिंग के क्षेत्र में। इस क्षेत्र में कई बड़े दिग्गज हैं जैसे Karmic Lifescience, Sorento Healthcare, Cactus Communications आदि। बावजूद किसी भी मसले पर तुरंत प्रतिक्रिया और विशेष मूल्य निर्धारण की वजह से Geronimo Healthcare का अपना अलग वजूद है।
अब तक Geronimo Healthcare की आय अलग अलग प्रोजेक्ट और कुछ बार बार मिलने वाले प्रोजेक्ट से होती है। इसके लिए इनको जरूरत होती है एक लेपटॉप की और एक इंटरनेट कनेक्शन की। अमित का मानना है कि टीम के विकास से ही किसी भी प्रोजेक्ट के विकास में मददगार होता है। इसलिए उनकी कोशिश अपने खर्चों पर लगाम लगाने की होती है ताकि अपनी आय को बढ़ाया जा सके। 12 लोगों की उनकी टीम में कुछ फ्रीलांसर हैं तो कुछ उनके साथ पूरी तरह जुड़े हैं। अमित को उम्मीद है कि भविष्य में उनको ग्राहकों के साथ रणनीतिक साझेदारी निभानी होगी और ये काम भारत के साथ साथ विदेश में भी करना पड़ेगा। जल्द ही ये अपना रूख अंतरराष्ट्रीय बाजार की ओर करने वाले हैं। इससे इनको उम्मीद है कि आर्थिक तौर पर इनका विकास होगा। इससे ये लोग और ज्यादा लोगों को ना सिर्फ अपने साथ जोड़ पाएंगे बल्कि एक मजबूत टीम बनाने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा ये लोग अपने काम को अलग अलग विभागों में बांटने पर विचार कर रहे हैं जैसे क्लिनिकल रिसर्च विंग, वाणिज्यिक लेखन, फार्मा डिजिटल विंग और स्वास्थ्य अर्थशास्त्र और परिणाम अनुसंधान विंग।
अमित ने अपने काम की शुरूआत में अपने से वरिष्ठ लोगों की मदद ली जो कि फार्मा के क्षेत्र में पहले से काम कर रहे थे। बाद में उनके काम ने उनकी पहचान बढ़ाने में मदद की। शुरूआत में ज्यादातर ग्राहक ऐसे थे जो जान पहचान के थे। धीरे धीरे जब लोगों को काम पसंद आने लगा तो वो दूसरों से इनके काम का जिक्र करते और अमित का काम भी बढ़ता जाता। अमित का कहना है कि उन्होने अपने काम से अंत तक अपने ग्राहक को खुश रखा है। उनके मुताबिक फार्मा सेक्टर में लोग जल्दी जल्दी नौकरी बदलते हैं और इनका ताल्लुक मार्केटिंग और मेडिकल विभाग से जुड़े लोगों से ज्यादा रहता था। ऐसे में जब कोई नौकरी बदलता था तो उसके दूसरी कंपनी भी उनकी ग्राहक बन जाती। फिलहाल Geronimo Healthcare रैनबैक्सी, Dr.Reddy’s, सनोफी पाश्चर, बायर हेल्थकेयर, बायोकॉन आदि के लिए काम कर रही है।
अमित के मुताबिक किसी भी कारोबार में गलतियों की संभावना के साथ साथ रोज रोज सीखने को भी मिलता है। इसके अलावा इस उद्योग में 90 दिनों के बाद होने वाला भुगतान शुरूआत में काफी दिक्कत पैदा करता है। इसके लिए जरूरी है कि पहले से इससे निपटने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहिए। अगर कोई गैर-पेशेवर व्यक्ति इस बाजार में आता है तो बाजार और ग्राहक उसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता। इतना ही नहीं ये पूरा क्षेत्र काफी कम मार्जिन में काम करता है। इसलिए जरूरी है कि कभी भी लागत से कम दाम नहीं लगाने चाहिए। इसके अलावा आप इस क्षेत्र में किस तरह काम कर रहे हैं ये आपके कारोबार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही वजह है कि कई बार ग्राहक गलत भी होता है इसलिए इस क्षेत्र में काम करने वालों में इतनी ताकत होनी चाहिए कि वो ग्राहक को उसकी गलती बता सकें। अंत में सबसे बड़ी बात ग्राहक और किसी उद्यमी के बीच जो भी बातें हों वो लिखित में होनी चहिए और सभी समझौते तय वक्त में होने चाहिए।