अपने अनोखे जुगाड़ को बिजनेस में बदल 8 महीने में बनाई 1 करोड़ की कंपनी
इवेन्चुएट इनोवेशन्स एक ऐसा स्टार्टअप है जिसे 2016 में मुंबई के तीन युवा इंजीनियरों ने शुरू किया था। इनके नाम हैं- रितु मल्होत्रा, प्रतीक मल्होत्रा और प्रतीक हरदे। इन युवाओं की खोजों में एक ऐसा अक्वेरियम भी शामिल है जो खुद ही अपने को साफ कर लेता है और मछलियों को चारा भी खिला देता है।
अभी इवेन्चुएट इनोवेशन्स की टीम में 22 लोग काम कर रहे हैं और ये लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं पर रिसर्च कर रहे हैं। इस कंपनी की शुरुआत कुछ सालों पहले बचपन के दोस्त रहे प्रतीक मल्होत्रा और प्रतीक हरदे ने की थी।
आज हम ऐसे युग में रह रहे हैं जहां एलेक्सा आपके लिए कैब ऑर्डर कर सकती है तो वहीं सिरी से आपको मौसम की जानकारी मिल जाती है। ऐसे समय में क्या हमारे घर में इस्तेमाल होने वाले बाकी सामान हमारी जिंदगी आसान कर सकते हैं? यही सोचकर तीन इंजीनियरों ने स्टार्टअप शुरू किया था। इवेन्चुएट इनोवेशन्स एक ऐसा स्टार्टअप है जिसे 2016 में मुंबई के तीन युवा इंजीनियरों ने शुरू किया था। इनके नाम हैं- रितु मल्होत्रा, प्रतीक मल्होत्रा और प्रतीक हरदे। इन युवाओं की खोजों में एक ऐसा अक्वेरियम भी शामिल है जो खुद ही अपने को साफ कर लेता है और मछलियों को चारा भी खिला देता है।
फाउंडर प्रतीक बताते हैं, 'हम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को और आसान बनाना चाहते थे। इसके लिए हमने पहले लोगों की राय ली। हमने यह जानने की कोशिश की कि ऐसी कौन सी दिक्कतें हैं जो हर किसी की लाइफ में मौजूद हैं। हमने उनसे पूछा कि बाजार में ऐसी कौन सी चीजें हैं जिनसे वे नाखुश हैं। इस तरह से अक्वेरियम और गार्डन में पानी देने जैसे यंत्र को बनाने की शुरुआत हुई।' लोगों से बात करके तीनों युवाओं को एक अंदाजा हो गया कि कौन सी चीजों पर उन्हें काम करना चाहिए जिससे कि लाइफ और आसान हो सके।
अभी इवेन्चुएट इनोवेशन्स की टीम में 22 लोग काम कर रहे हैं और ये लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं पर रिसर्च कर रहे हैं। इस कंपनी की शुरुआत कुछ सालों पहले बचपन के दोस्त रहे प्रतीक मल्होत्रा और प्रतीक हरदे ने की थी। दोनों ने 12वीं तक की पढ़ाई साथ में की और स्कूल के दिनों में ही उन्होंने सोच लिया था कि कुछ ऐसा करना है जिससे समाज को भी लाभ हो और देश का नाम ऊंचा हो सके।
प्रतीक हरदे कहते हैं, 'भारत में पानी की बहुत किल्लत है और हमें लगता है कि तकनीक का इस्तेमाल कर हम पानी की काफी बचत कर सकते हैं। हमने रिसर्च किया और यह पता लगाने की कोशिश की कि किन इलाकों में पानी की समस्या ज्यादा है।' इस पर काम करते हुए हमने पानी की बचत करने वाला एक वॉटर कूलर बनाया।
टीम की तीसरी सदस्य रितु प्रतीक मल्होत्रा की चचेरी बहन हैं। उन्होंने एनआईटी नागपुर से कंप्यूटर साइंस इंजिनियरिंग में बीटेक किया है। एक तरफ प्रतीक मल्होत्रा जहां एमिटी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियरिंग में पढ़े हैं तो वहीं प्रतीक हरदे आईटी इंजीनियर हैं। इन तीनों ने 2013 में ही अपने प्लान्स रेडी कर लिए थे, लेकिन उन्होंने 2016 में अपनी कंपनी स्टार्ट की। उन्होंने अब तक कई सारे प्रॉडक्ट बना लिए हैं, लेकिन इनमें ऑटोमेटिक डिजिटल अक्वेरियम, ऑटोमेटिक डिजिटल प्लांटर, स्पिट पैक और स्मार्ट वॉटर कूलर शामिल है।
ये सारे प्रॉडक्ट डिजाइन इट इजी प्लेटफॉर्म से लॉन्च किए गए। यह इवेन्चुएट इनोवेशन्स का ही एक वेंचर है जिसकी स्थापना 2017 में 2 लाख रुपये लगाकर की थी। रितु का कहना है, 'हमारा मकसद है कि इनोवेटिव और किफायती प्रॉडक्ट तैयार किए जाएं ताकि भारत में सभी लोग उसका इस्तेमाल कर सकें। हम इस पर भी ध्यान देते हैं कि इन्हें चलाना और इस्तेमाल करना आसान हो।'
ऑटोमेटिक डिजिटल एक्वैरियम: यह एक ऐसा स्मार्ट अक्वैरियम है जिसमें ऑटोमेटिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे एक तो मछलियों को अपने आप चारा मिल जाता है और यह अपने आप खुद को साफ भी कर लेता है। इसे ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार मोडिफाई भी किया जा सकता है। डिजिटल एक्वैरियम मछली के भोजन को 30 दिनों तक स्टोर कर सकता है, और यह 24-30 घंटे बिजली बैकअप सिस्टम के साथ आता है। यह केवल डिजाइन इज़ी वेबसाइट पर ही उपलब्ध है। पूरी तरह से ऑटोमेटिक डिजिटल एक्वैरियम की कीमत 5,400 रुपये से शुरू होती है। वहीं सेमी ऑटोमेटिक एक्वैरियम 1,990 रुपये में उपलब्ध है।
ऑटोमेटिक डिजिटल प्लांटर: इस प्रॉडक्ट का नाम इजीग्रो (EzyGrow) है, जिसे 2017 में लॉन्च किया गया था। यह खुद से ही पौधों में पानी डाल देता है। इसमें लगे सेंसर मिट्टी की नमी को पहचान लेते हैं और उसी हिसाब से पानी की व्यवस्था करते हैं। इसकी कीमत 600 रुपये प्रति स्वॉयर फीट है। इसके साथ इसमें एक साल की वॉरंटी भी मिलती है। कंपनी की वेबसाइट के अलावा यह एमेजॉन जैसी वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
इवेंटुएट इनोवेशन के डिजिटल एक्वेरियम ने हेवलेट पैकार्ड और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इनोवेशन ऑफ द ईयर पुरस्कार प्राप्त किया। हेवलेट पैकार्ड ने पूरे भारत में समाचार पत्र और होर्डिंग के माध्यम से कंपनी को पेश किया और बढ़ावा दिया। इसने डिजाइन को एजी ने आठ महीने में 1 करोड़ रुपये का कारोबार करने में मदद की; इसके पास 4.75 करोड़ रुपये के ऑर्डर भी हैं।
इन सारे प्रॉडक्ट्स के अलावा यह कंपनी कई सारे अन्य उत्पाद भी विकसित कर रही है जिसमें इजी हाइड्रो फाल, इजी हाइड्रो फाउंटेन, इजी हाइड्रो वॉर्टेक्स शामिल हैं। दो अन्य प्रॉडक्ट इजीस्पिट और इजीकूलर भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इजीस्पिट एक ऐसा उत्पाद है जिसे जेब में आसानी से रखा जा सकता है। इससे पान गुटखा खाने वाले लोगों के लिए तैयार किया गया है। सबसे अच्छी बात ये है कि इसकी कीमत काफी कम है। एक तरह से ये युवा अपने काम के जरिए स्वच्छ भारत अभियान को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इजीस्पिट को इस साल भारतीय वेंचर से 5 करोड़ रुपये की फंडिंग भी मिली है।
चुनौतियां
किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले तमाम तरह की चुनोतियों का सामना करना पड़ता है। इन युवाओं को भी कई तरह की मुश्किलें मिलीं। सबसे पहले तो उन्हें पार्ट्स ही नहीं मिले जिससे कि प्रॉडक्ट तैयार किए जा सकें। लेकिन कंपनी ने फिर खुद ही इन पार्ट्स और मशीनों को बनाना शुरू किया। उन्होंने फूड डिस्पेन्सर से लेकर, सर्किट्स और कूलिंग सिस्टम जैसी चीजें खुद ही तैयार कीं। कंपनी का बेस अभी नागपुर है जहां से डीलर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स तक पहुंचने का काम होता है। कंपनी की योजना खुद के रीटेल स्टोर खोलने की है।
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