डेबिट कार्ड से पेमेंट करने पर नहीं लगेगा रेल टिकट बुकिंग के वक्त लगने वाला चार्ज
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा है कि अब डेबिट कार्ड के जरिए एक लाख रुपये तक के रेल टिकट बुक करने में यात्रियों पर मर्चेंट डिस्काउंट रेल (एमडीआर) प्रभार नहीं लगाया जाएगा।
साथ ही रेलवे ने अब अनरिज़र्व टिकटों पर स्थानीय भाषा में जानकारी प्रकाशित करनी शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत कन्नड़ भाषा से की गई है। पहला विवरण कन्नड़ में छपेगा।
आप जब अपने एटीएम या डेबिट कार्ड से रेलवे का टिकट बुक करते होंगे तो आपको हर बुकिंग पर कुछ चार्ज भी अलग से देने होते होंगे। इसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) चार्ज कहते हैं। सरकार के वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा है कि अब वह यह चार्ज नहीं लेगा। डेबिट कार्ड के जरिए एक लाख रुपये तक के रेल टिकट बुक करने में (रेल टिकट काउंटरों पर या आईआरसीटीसी टिकट वेबसाइट के माध्यम से) यात्रियों पर मर्चेंट डिस्काउंट रेल (एमडीआर) प्रभार नहीं लगाया जाएगा। इस संबंध में वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने बैंकों को निर्देश जारी किया है। इससे डिजिटल और नकद रहित लेन-देन में मदद मिलेगी।
रेलवे का कहना है कि इससे डिजिटल और कैशलैस लेन देन को बढ़ावा मिलेगा। रेल मंत्रालय ने व्यय विभाग को बताया था कि आईआरसीटीसी वेबसाइट/टिकट काउंटरों पर हुई टिकटों की बिक्री से प्राप्त राशि रेल मंत्रालय के माध्यम से भारत की संचित निधि में जाएगी और ऐसे लेन-देन को सरकारी प्राप्तियां समझा जाना चाहिए। सरकारी लेन-देन पर हुए लाभ को जनता तक पहुंचना चाहिए और सरकार को भुगतान करते समय जनता पर एमडीआर प्रभार नहीं लगाया जाना चाहिए।
इसके साथ ही रेलवे ने अनरिजर्व टिकटों पर स्थानीय भाषा में जानकारी प्रकाशित करनी शुरू की है। इसकी शुरुआत कन्नड़ भाषा से की गई है। पहला विवरण कन्नड़ में छपेगा। परीक्षण के तौर पर दक्षिण-पश्चिमी रेलवे के मैसूरू, बंगलुरू तथा हुबली स्टेशनों पर एक मार्च से एक काउंटर से टिकट जारी किए जा रहे हैं। 2 मार्च से इस सुविधा का विस्तार कर्नाटक के सभी स्टेशनों पर कर दिया जाएगा। अब कर्नाटक के अन्य रेलवे स्टेशनों से बिकने वाली अनरिजर्व टिकटों पर भी स्थानीय भाषा में जानकारी छापी जाएगी।
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