इस भारतीय मशीन को लंदन में मिला 10 लाख पाउंड का ईनाम, अब वायु प्रदूषण में आएगी भारी कमी!
हाल ही में एक भारतीय कंपनी ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे उसकी प्रशंसा दुनिया भर में हो रही है। इस कंपनी को उसके एक खास इनोवेशन के लिए ब्रिटेन में आयोजित हुए ‘अर्थशॉट पुरस्कार’ के साथ 10 लाख पाउंड की ईनामी राशि भी मिली है।
कंपनी द्वारा भारत में ही तैयार की गई यह खास पोर्टेबल मशीन पराली को खाद में बदल सकने में सक्षम है। इस मशीन की मदद लेकर किसान पराली को जलाने के बजाय उसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर खाद के उत्पादन में कर सकेंगे और इससे वायु प्रदूषण से निपटने में भी बड़ी मदद हासिल होगी। गौरतलब है कि ‘अर्थशॉट पुरस्कार’ को ‘पर्यावरण के लिए मिलने वाला ऑस्कर’ भी कहा जाता है।
खास इनोवेशन है ‘टकाचार’
कार्यक्रम में दिल्ली के उद्यमी विद्युत मोहन की ‘टकाचार’ परियोजना को ‘हमारी स्वच्छ वायु’ श्रेणी में विजेता घोषित किया गया है। मालूम हो कि विद्युत मोहन इस पुरस्कार के लिए दुनिया भर से चुने गए पांच विजेताओं में से एक हैं। गौरतलब है कि ‘टकाचार’ में इस्तेमाल हुई तकनीक के जरिये धुएँ के उत्सर्जन को 98 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
अगर दुनिया भर में ‘टकाचार’ तकनीक का इस्तेमाल किया जाए तो महज एक साल में ही एक अरब टन से भी अधिक कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सकता है। ‘टकाचार’ को छोटे पैमाने पर किफायती ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां इसे ट्रैक्टर के जरिये दूर-दराज के खेतों तक भी पहुंचाया जा सकता है।
वायु-प्रदूषण होगा कम
इस कार्यक्रम के तहत हर साल उन 5 लोगों में से प्रत्येक को 10 लाख पाउंड का पुरस्कार दिया जाता है जो धरती को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। पुरस्कार का उद्देश्य धरती को सवारने और जलवायु परिवर्तन की समस्या का हल खोजना है। भारत के साथ कोस्टा रिका, इटली और बहामास ने भी ये पुरस्कार जीता है।
इस कार्यक्रम के दौरान यह बताया गया कि दुनिया भर में हर साल 120 अरब डॉलर कीमत का ‘कृषि-कचरा’ पैदा होता है लेकिन ऐसे में अधिकतर किसान इसे बेंच नहीं पाते हैं और इसी के चलते वे इस कचरे को अपने खेतों में ही जला देते हैं जिससे निकलने वाला धुआँ बाद में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बनता है। विद्युत मोहन अपने इस इनोवेशन से वैश्विक स्तर पर इसी समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं।
ईको-फ्रेंडली था आयोजन
लंदन में आयोजित हुए इस कार्यक्रम को पूरी तरह ईको-फ्रेंडली रखा गया था। इस कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सभी लोगों ने यहाँ आने के लिए फ्लाइट का भी उपयोग नहीं किया था, इसी के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने ईको-फ्रेंडली कपड़े भी पहने हुए थे।
पर्यावरण की भलाई को ध्यान में रखते हुए दिये जाने वाले इन पुरस्कारों की शुरुआत रानी एलिजाबेथ के पोते प्रिंस विलियम ने की है, जिसका उद्देश्य है कि पर्यावरण से जुड़ी समस्यों से निपटने के लिए दुनिया भर के लोग नई तकनीक और नीतियों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित हों।
प्रिंस विलियम के द रॉयल फाउंडेशन द्वारा दिये जाने वाले इन पुरस्कारों की शुरुआत 2020 में हुई है।
कार्यक्रम के आयोजन के दौरान प्रिंस विलियम ने एक संदेश में कहा कि ‘अगले दस सालों में हमारे द्वारा जो कदम उठाए जाएंगे वे अगले 1 हज़ार सालों तक पृथ्वी का भविष्य तय करेंगे।‘
Edited by Ranjana Tripathi