नकदी संकट जारी, संसद भवन के एटीएम में भी पैसे खत्म हुए
सरकार के 500, 1,000 के नोट चलन से वापस लेने के फैसले के बाद नकदी का संकट जारी है। राष्ट्रीय राजधानी के उच्च सुरक्षा क्षेत्र स्थित संसद भवन परिसर तथा नॉर्थ ब्लॉक जैसे इलाकों के एटीएम में भी नकदी आज कुछ ही घंटों में समाप्त हो गई। इसे देश भर में नकदी की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उत्तर व पश्चिमी भारत में बैंकों में सोमवार को अवकाश के कारण हालात और विकट रही। जहां तक एटीएम का सवाल है तो स्थिति दयनीय बनी हुई है हालांकि रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मूंदड़ा की अध्यक्षता में एक कार्यबल गठित किया गया है जो कि एटीएम परिचालन को जल्द से जल्द सामान्य बनाने पर गौर करेगा। दक्षिण भारत में बैंकों में पुराने नोट बदलवाने और नयी नकदी निकालने के लिए लोगों की भारी भीड़ रही। सरकार ने नकदी निकासी की साप्ताहिक सीमा बढाकर 24,000 रपये कर दी है।
दक्षिणी व पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में लोगों को औसतन कम से कम चार घंटे कतारों में खड़े रहना पड़ा। कई बार तो घंटों तक कतार में लगे रहने के बावजूद भी पैसा नहीं मिला क्योंकि एटीएम में नकदी तब तक खत्म हो गई। दैनिक जरूरतों को पूरा करने में परेशानी का सामना कर रहे लोग क्षुब्ध तो हैं ही कालाबाजारियों की भी उन पर निगाह है। लोगों के पास जमा पैसा गुजरते दिन के साथ समाप्त होता जा रहा है और वे सरकार द्वारा कल रात लिए गए फैसलों से प्रभावित नहीं दिखे। सरकार ने निकासी की दैनिक व साप्ताहिक सीमा बढाने की घोषणा कल रात की।
मुंबई के एक उपनगरीय इलाके में एटीएम पर प्रयास करने वाले दामोदर कांबले ने कहा, ‘अब तो असहनीय होता जा रहा है। अपनी कमाई के पैसे को हासिल करने के लिए हम कितने दिन कतारों में खड़े रहेंगे। मेरे परिवार के तो भूखे सोने की नौबत आ गई है।’ वैध मुद्रा नोटों की कमी का असर छोटे कारोबारों पर दिख रहा है। नोटों की कमी के कारण अर्ध शहरी व गा्रमीण इलाकों में उत्पादों की आपूर्ति ठप हो गई है। सरकार ने छोटे व्यापारियों के लिए नकदी निकासी की साप्ताहिक सीमा बढ़ाकर 50,000 रपये कर दी है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, ‘नकदी उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए तीन महीने पुराने चालू खाते वाली कारोबारी इकाई के लिए सीमा को बढ़ाकर 50,000 रपये प्रति सप्ताह कर दी गई है ताकि वह कामगारों को भुगतान व अन्य खर्च निकाल सके।’ दास ने यह भी कहा कि नकदी आपूर्ति बढ़ाने के लिये कई और कदम उठाये गये हैं। एटीएम में अब 500 रपये का नया नोट भी उपलब्ध कराया जायेगा। करीब 1.30 लाख डाकघर शाखाओं को नकदी के साथ तैयार किया गया है। इसके अलावा नई माइक्रो नकदी मशीनें भी विभिन्न स्थानों पर लगाई जायेंगी। पुराने 500, 1,000 रपये के नोट से बिजली, पानी, सरकारी कर और शुल्क के भुगतान का समय 24 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। पहले इसकी 14 नवंबर की मध्यरात्रि तक अनुमति थी। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों, रेलवे टिकट खरीदने, सार्वजनिक परिवहनों, एयरलाइन टिकट खरीदने, दूध के बूथों, दाह संस्कार स्थलों और पेट्रोल पंपों पर भी 24 नवंबर तक पुराने नोटों का इसतेमाल किया जा सकेगा।
सरकार ने हालात पर निगाह रखने के लिए सात संयुक्त सचिवों की एक टीम बनाई है जो कि देश में नकदी की उपलब्धता पर लगातार निगाह रखेगी। दास ने कहा कि हर संयुक्त सचिव को 3-4 राज्यों व बैंकों की जिम्मेदारी दी गई है। वे उसी के अनुसार हालात पर निगाह रखेंगे और कार्ययोजना बनाएंगे। देश भर में कल बैंक फिर खुलेंगे तो लोगों की भीड़ उमड़ने की अनुमान है। उल्ल्ेाखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रपये के नोटों का चलन बंद किए जाने के फैसले के असर की समीक्षा करने के लिए कल देर रात वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की थी। वित्त मंत्रालय द्वारा समीक्षा किए जाने के बाद बैंकों से 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोट बदलने की सीमा 4000 रूपये से बढ़ाकर 4500 रूपये कर दी गई है। इसके साथ ही अब एटीएम से नकदी निकासी की सीमा 2,000 रूपये से बढ़ाकर 2,500 रूपये प्रति दिन कर दी गई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैंक काउंटर से नकदी निकासी की साप्ताहिक सीमा 20,000 रूपये से बढ़ाकर 24,000 रूपये कर दी गई है। इसके अलावा बैंक से प्रतिदिन 10,000 रपये निकालने की अधिकतम सीमा खत्म कर दी गई है।