ईंधन के विकल्प के रूप में जल का उपयोग
LPG उद्योग में भारी बदलाव की सम्भावना
हाइड्रो गैस एक प्रकार का स्टोव है जो स्वयं गैस उत्सर्जित करता है. इसमें पानी को बिजली के द्वारा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में परिवर्तित करके इनका उपयोग खाना बनाने में किया जाता है. इस प्रक्रिया में गैस के भंडारण की कोई आवश्यकता नहीं होती क्योंकि गैस आवश्यकतानुसार उत्पन्न की जाती है. इस प्रकार यह उत्पाद एलपीजी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक है. रेंवों लैब्स(Reinwo Labs) के सह-संस्थापक और प्रमुख (आपरेशंस) ऋस्विन एम एच ने उत्साह पूर्वक बताया कि इस पूरी प्रक्रिया और उत्पाद को सौर ऊर्जा के साथ समाहित किया जा सकता है.
रेंवों लैब्स (Reinwo Labs) शुरुआत कुछ उत्साही युवाओं द्वारा स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा को ध्यान में रख कर 2014 में की गयी थी और हाइड्रो गैस उनका एक प्रमुख उत्पाद है. रेंवों लैब्स (Reinwo Labs) का नाम इसकी युवा टीम और उनकी सोच को बताता है जिसका तात्पर्य होता है Re - Inventing इसी शब्द से बना है रेंवों लैब्स (Reinwo Labs) का नाम. इस युवा टीम के सदस्य अपने कालेज के दूसरे वर्ष में थे तब वो एक वेबसाइट या एंडरॉयड एप्प बनाने के बारे में सोचा करते थे लेकिन आज वो लोग अपने एक क्रन्तिकारी और उपयोगी उत्पाद हाइड्रो गैस से एक नया इतिहास लिखने की राह पर हैं. एक ऐसा उत्पाद जो कि सामान्य नल के पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में बदल देता है और फिर जिसका उपयोग होटलों, घरो और अन्य स्थानो पर खाना बनाने के लिए होता है. "यह एलपीजी या अन्य किसी खाना बनाने के माध्यम का एक स्वछ, सस्ता और सुरक्षित विकल्प है."
हाइड्रो गैस का निर्माण की कहानी अवसर के उपयोग का एक सटीक उदहारण है. अपनी पढ़ाई के तीसरे साल में, अपने शैक्षिक गतिविधयों से असंतुष्ट लेकिन कुछ बदलाव लाने कि उत्कंठा के साथ ही यह क्या किया जाय यह निश्चित नहीं, ऐसे मानसिक दुविधा के हालत में इस टीम को एक अंतर विद्यालय रेसिंग प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिला. हर एक को प्रतियोगिता, जो कि प्रसिद्ध बुद्धा सर्किट में होनी थी, में भाग लेने के लिए एक कार बनानी थी. अपनी कार के लिए उपयुक्त बैटरी की तलाश के दौरान प्रयोग करते हुए इन्होने हाइड्रोजन को निरंतर सह-उत्पाद के रूप में पाया. और तब उन्होंने अपनी खोज का केंद्र इसी तथ्य पर आधारित अक्षय ऊर्जा को बनाया.
भारत में गैस का वितरण बहुत ही विवादित विषय है और इस पर एक तरह से सरकारी कम्पनियो या अन्य कुछ चुनी हुयी कम्पनियो का पूरी तरह नियंत्रण है. परिणामस्वरूप न केवल शहरी उपभोक्ताओं के लिए इनकी उपलब्ध्ता एवं क्रय क्षमता एक बड़ा प्रश्न है अपितु इसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्र के लोगो के लिए यह और भी दुरूह हो जाता है. इसके साथ ही इसके साथ जुडी हुई सुरक्षा की चिन्ताओ ने भी इस युवा टीम को इस अनोखी खोज के लिए प्रेरित किया.
ऋस्विन कहते हैं " भारत में गैस वितरण कुछ बड़ी कंपनियों के हाथो तक सीमित हैं, जबकि हमारा प्रयास इसके वितरण को जितना संभव हो सके उतना विकेन्द्रित करने का हैं"
इस उत्पाद की खासियत जिस पर की यह टीम भरोसा कर रही है वो हैं इससे सम्बंधित न्यूनतम जोखिम साथ ही चूंकि इसमें पानी का प्रयोग ईंधन के रूप में होता हैं इस लिए व्यवहारिक रूप से यह शत-प्रतिशत प्रदूषण रहित हैं. हाइड्रोजन के जलने से केवल सह उत्पाद के रूप में पानी उत्सर्जित होता हैं. इसमें किसी प्रकार का गैस स्टोरेज नहीं हैं अतः यह पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं. यह भोजन बनाने की प्रक्रिया को मुफ्त, सुरक्षित और स्वच्छ बना देता हैं.
रेवो लैब्स (Reinwo Labs) ने Hyd Gas के लिए दो प्रकार के उपभोक्ताओं को लक्षित किया हैं. पहला, रेस्टोरेंट और होटल, एक सामान्य होटल में भी एक दिन में 3-4 एलपीजी सिलिंडर की जरूरत होती है. रिश्विन् कहते हैं कि " हमें आशा है इन होटलों और रेस्टोरेंट को उनके जरूरत के अनुसार हम एक सस्ता, सुरक्षित एवं स्वच्छ विकल्प दे पायेगे. हमारे दूसरे संभावित ग्राहक घरेलू उपभोक्ता है क्योंकि एलपीजी कि बढ़ती कीमतों और सुरक्षा सम्बंधित कारणों से वो हमारे प्राथमिक बाजार हैं. शुरुआत में हम अपने उत्पाद केवल होटलों और रेस्टोरेंट को ही बेचेंगे क्योंकि हमें अभी भी अपने घरेलु श्रेणी के उत्पाद पर अभी और अनुसन्धान एवं विकास का कार्य करना हैं.'
वो बताते हैं- " पूरी तरह से कार्यशील उत्पाद बनाने के रास्ते में अनेको बाधाएं आयीं. शुरुआत के अनुभव बहुत उत्साह जनक नहीं थे क्योंकि यह उत्पाद अपने तरह का पहला था और इस से सम्बंधित संदर्भ या अन्य जानकारी सीमित रूप में ही उपलब्ध थी. साथ ही घरेलू उपभोक्ताओं को बेचने से पहले इस की कीमत को काम रखना भी हमारे सामने एक चुनौती है"
वो आगे बताते हैं " विकास के प्राथमिक चरणो में तकनीकी चुनौतियाँ बहुत अधिक थी किन्तु अब उनमे से ज्यादातर का समाधान कर लिया गया हैं. और अब हमें नवाचार और विक्रय कि कठिनाइयों से पार पाना है."
अभी इस टीम के पास CUSAT कॉलेज (जहाँ इस टीम के ५ में से ४ सदस्यों ने पढाई की है) के रूप में एक ही ग्राहक है किन्तु र्रिस्विन अभी तक बाजार की प्रतिक्रिया को लेकर अत्यंत उत्साहित हैं. वो कहते हैं-" बाजार से हमें बहुत ही अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही हैं. हमने कई होटल समूहों एवं अच्छी संख्या में रेस्ट्रोरेन्ट से अपना प्रारंभिक सौदा पक्का कर लिया हैं. और साथ ही कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी हमारे उत्पाद में गहरी रूचि दिखाई है."
"अपनी शुरुआत के दो महीनो में रेंवों लैब्स(Reinwo Labs) अपने संसाधनों पर ही निर्भर थी, तदन्तर चीजें बेहतर होनी शुरू हुई और हमें थोड़ी प्रारंभिक मदद केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड स्टार्ट अप विलेज से प्राप्त हुई. और अब कुछ निवेशकों से अगले चरण के लिए वित्तीय निवेश हेतु हमारी बातचीत अंतिम चरण में है."
रिश्विन् के अनुसार उद्यमी बनने के लिए जिम्मेदारी और छोटे से लेकर बड़ा निर्णय लेने की क्षमता का होना सबसे आवश्यक होता है. चूंकि तकनीकी सहित हम ज्यादातर मामलों में नए थे इस लिए हमें कदम कदम पर परेशानियों का सामना करना पड़ा. लेकिन हमें नहीं लगता की टीम का कोई भी सदस्य किसी प्रकार का कोई बलिदान कर रहा है क्योंकि हम जो कर रहे हैं उसे करने में हमें मज़ा आता है और हम अपने काम से प्यार करते हैं.
पूरी टीम विमल गोपाल, विजीश टीवी, नितिन मोहन, प्रवीण श्रीधर और र्रिस्विन को उद्यमी होना अच्छा लगता है क्योंकि-" हम अपने लिए काम करते हैं. हमारे मन में जो भी विचार आते हैं हम वो कर सकते हैं और इस तरह से हम दुनिया को बदलना चाहते हैं "
"किन्तु अभी के लिए हमारे पास अपने ग्राहक की आवश्यकता और अपनी कंपनी के विकास के बीच में एक स्मार्ट संतुलन बनाने का बड़ा स्पष्ट उद्देश्य हैं" र्रिश्विन् की मुस्कराहट उनके इरादे और दूरगामी सोच को उजागर कर देती हैं.