एनिमेशन फिल्म बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था : हैरी बावेजा
निर्देशक हैरी बावेजा का कहना है कि उन्होंने एनिमेशन फिल्म ‘‘चार साहिबज़ादे’’ इसलिए बनाई क्योंकि उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। ‘‘चार साहिबज़ादे’’ वर्ष 2014 में रिलीज हुई थी।
उन्होंने पीटीआई को एक साक्षात्कार में बताया ‘‘मैं गुरूओं पर एक फीचर फिल्म बनाना चाहता था, लेकिन उन्होंने और उनके परिवार वालों ने इसके लिए इंकार कर दिया। तब मेरे पास एक एनिमेशन फिल्म बनाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था। इसलिए मैंने यह जोखिम उठाया और आगे बढने के लिए तैयार हो गया।’’
हैरी ने अब ‘‘चार साहिबज़ादे .. राइस ऑफ बन्दासिंह बहादुर’’ का निर्देशन किया है जो कि पहली फिल्म का सीक्वल है। इसका निर्माण उनकी पत्नी पम्मी बावेजा ने किया है।
उन्होंने बताया कि ‘‘मैं जब पहली फिल्म बना रहा था तो मुझे पता चला कि बंदासिंह बहादुर इसका अभिन्न हिस्सा है। यह पहली फिल्म के साथ जुड़ा हुआ प्रमुख पात्र है, जिसकी कहानी खत्म होने पर लोगों को कहीं न कहीं दुख हुआ।’’ एनीमेशन और फिल्म में 3-डी का प्रभाव प्राइम फोकस द्वारा किया गया है।
उन्होंने बताया कि आखिरी फिल्म रिलीज होने के बाद उसकी गुणवत्ता को लेकर प्रतिक्रियाएं उतनी अच्छी नहीं मिली। ‘‘तब मैंने इसके बजट पर ध्यान दिया जोकि 1800 करोड़ रूपये था और मेरे पास तब इसका एक फीसदी भी नहीं था।’’ बावेजा ने कहा ‘‘सीक्वल में हमने एनिमेशन की बेहतरीन गुणवत्ता देने की कोशिश की है।’’ ‘‘चार साहिबज़ादे .. राइस ऑफ बंदासिंह बहादुर सिंह’’ 11 नवंबर को हिन्दी, अंग्रेजी और पंजाबी तीनों भाषाओं में रिलीज होगी। (पीटीआई )