सस्ती मोबाइल ऐक्सेसरीज़ बेच खड़ी कर ली 10 करोड़ की कंपनी
7 लाख रूपये के निवेश से दो भाईयों ने 3 साल में खड़ी कर ली 10 करोड़ की कंपनी...
हर किसी का अपना बजट होता है और वह उस हिसाब से अपने लिए सबसे किफ़ायती प्रोडक्ट्स का चुनाव करना चाहता है। ऐसे में विकल्पों की कमी तो नहीं है, लेकिन लोगों के ज़हन में हमेशा यह संदेह रहता है कि नॉन-ब्रैंडेड सामान की गारंटी क्या होगी? सामान कितना चलेगा और उसकी क्वॉलिटी किस तरह की होगी? मुंबई के पास उल्हासनगर से ऑपरेट करने वाला ‘सेल बेल’ नाम का स्टार्टअप, अपने यूज़र्स के लिए इस समस्या का समाधान लेकर आया है।
उल्हासनगर के रहने वाले चिराग और पवन के पिता एक लोकल ट्रांसपोर्ट सर्विस चलाते थे। इस वजह से दोनों भाइयों का स्थानीय स्तर पर बिज़नेस करने वालों के साथ उठना-बैठना था। पवन आईटी इंजीनियर बने और चिराग ने फ़ाइनैंस से ग्रैजुएशन पूरा किया। दोनों ही भाई, हमेशा से ही ख़ुद का बिज़नेस करना चाहते थे।
स्टार्टअप: सेल बेल
फ़ाउंडर्स: चिराग डेमला और पवन डेमला
शुरूआत: 2015
जगह: उल्हासनगर
सेक्टर: मोबाइल ऐक्सेसरीज़
काम: कस्टमर सर्विस गारंटी के साथ मोबाइल ऐक्सेसरीज़ के किफ़ायती विकल्प
फ़ंडिंग: बूटस्ट्रैप्ड
हर किसी का अपना बजट होता है और वह उस हिसाब से अपने लिए सबसे किफ़ायती प्रोडक्ट्स का चुनाव करना चाहता है। ऐसे में विकल्पों की कमी तो नहीं है, लेकिन लोगों के ज़हन में हमेशा यह संदेह रहता है कि नॉन-ब्रैंडेड सामान की गारंटी क्या होगी? सामान कितना चलेगा और उसकी क्वॉलिटी किस तरह की होगी? मुंबई के पास उल्हासनगर से ऑपरेट करने वाला ‘सेल बेल’ नाम का स्टार्टअप, अपने यूज़र्स के लिए इस समस्या का समाधान लेकर आया है।
उल्हासनगर के रहने वाले चिराग डेमला (23 वर्षीय) और पवन डेमला (28 वर्षीय) के पिता एक लोकल ट्रांसपोर्ट सर्विस चलाते थे। इस वजह से दोनों भाइयों का स्थानीय स्तर पर बिज़नेस करने वालों के साथ उठना-बैठना था। पवन आईटी इंजीनियर बने और चिराग ने फ़ाइनैंस से ग्रैजुएशन पूरा किया। दोनों ही भाई, हमेशा से ही ख़ुद का बिज़नेस करना चाहते थे। 2014 में दोनों भाई पार्ट-टाइम बिज़नेस के तौर पर बैग बेचा करते थे।
चिराग ने महज़ शौक़ के नाम पर सेल-बेल नाम से एक इंस्टाग्राम हैंडल शुरू किया। इसके ज़रिए वह कई ब्रैंडिस की प्रीमियम रेंज की मोबाइल ऐक्सेसरीज़ की छोटे-छोटे शहरों में वन-डे डिलिवरी की सुविधा देने लगे। उनके इस छोटे से बिज़नेस आइडिया ने ज़ोर पकड़ा और उन्होंने सिर्फ़ दो महीनों में 40 हज़ार रुपयों का मुनाफ़ा कमाया। इस छोटी सी सफलता ने चिराग के अंदर काफ़ी हिम्मत जगाई और मोबाइल ऐक्सेसरीज़ के बिज़नेस को बड़े स्तर पर ले जाने के लिए उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ाया।
2015 के शुरूआती महीनों में ही 7 लाख रुपए के निवेश के साथ, चिराग और उनके भाई ने मोबाइल ऐक्सेसरीज़ (सेल्फ़ी स्टिक्स, हेडफोन्स, केबल्स, स्क्रीन ग्लास और कवर्स आदि) की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म (सेल बेल) की शुरूआत की। दोनों ने स्नैपडील के माध्यम से भी अपना सामान बेचना शुरू किया। उन्होंने 200 रुपयों से लेकर 1500 रुपयों तक अपना सामान बेचना शुरू किया। पहले ही हफ़्ते में उन्हें 110 ऑर्डर मिले।
पवन बताते हैं, “बिज़नेस और सर्विस की क्वॉलिटी को लगातार बनाए रखने के लिए हमें कैश फ्लो, कैटलॉग और सेल्स चैनल्स के बारे में एक मज़बूत रणनीति तैयार करनी थी।” उन्होंने जानकारी दी कि कंपनी ने मार्च 2015 तक अपने कैटलॉग को सिर्फ़ तीन कैटेगरीज़ तक ही सीमित कर दिया। वे सिर्फ़ सेल्फ़ी स्टिक, स्क्रीन टेंपर्ड ग्लास और ट्रांसपरेंट केस की सेलिंग करने लगे। उन्होंने ऐमज़ॉन पर भी रजिस्ट्रेशन कराया और बिज़नेस को आगे बढ़ाया। दो महीनों के अंदर, मासिक तौर पर कंपनी को औसतन 250 ऑर्डर्स मिलने लगे और सबसे अच्छी बात यह रही कि रिटर्न ऑर्डर्स का प्रतिशत बेहद कम (10 प्रतिशत) था। ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में औसत रूप से 25 प्रतिशत सामान रिटर्न आता है।
इसके बाद कंपनी ने अपने कैटलॉग को और भी सीमित कर लिया और 2016 के अंत तक वह सिर्फ़ स्क्रीन टेंपर्ड ग्लास की बिक्री करने लगी। स्पेशलाइज़ेशन का कंपनी को ख़ास फ़ायदा मिला और कंपनी के मासिक बिज़नेस में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। कंपनी ने अपने कैटलॉग को फिर से विस्तृत कर लिया है और फ़िलहाल कंपनी फोन केस, कवर्स, चार्जर्स, केबल्स और फोटो फ़्रेम्स की सेलिंग कर रही है। फ़िलहाल कंपनी की ग्रॉस मार्केट वैल्यू 10.6 करोड़ रुपए की है और कंपनी रोज़ाना 500 ऑर्डर्स की सप्लाई कर रही है।
लगातार बेहतरीन सेल्स के लिए ऐमज़ॉन ने सेल बेल को स्ट्रैटजिक अकाउंट के लिए चुना। सेल बेल, ऐमज़ॉन के माध्यम से हर महीने 20 हज़ार प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है। पवन ने बताया कि ऐमज़ॉन पर पहले महीने उनकी 5 लाख रुपयों की सेल हुई थी और तीन सालों बाद अब यह मासिक आंकड़ा 60 लाख रुपयों तक पहुंच चुका है। सेल बेल के प्रोडक्ट्स अब सेल बेल. इन, फ़्लिपकार्ट, पेटीएम, स्नैपडील और अन्य कई लोकर रीटेल स्टोर्स पर भी उपलब्ध हैं।
पवन ने योरस्टोरी से हुई बातचीत में जानकारी दी कि कंपनी को पहले दिन से ही हर प्रोडक्ट पर 5-10 का मुनाफ़ा होने लगा था। उन्होंने कहा कि कंपनी को होने वाले मुनाफ़े को बिज़नेस बढ़ाने में लगाया गया। पवन कहते हैं कि उन्होंने अपने स्टार्टअप की शुरूआत एक बेहद छोटे शहर से की और इसलिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि छोटे शहर में आपको निवेशक या कैपिटल जुटाने में काफ़ी मुश्किल पेश आती है। पवन कहते हैं कि ऐसी स्थिति में लोगों को सिर्फ़ पर्सनल लोन या परिवार वालों से आर्थिक मदद का सहारा होता है। पवन ने आमतौर पर आने वाली समस्याएं गिनाते हुए बताया कि उनके पास बड़े ट्रक आदि की पार्किंग के लिए जगह नहीं थी। इतना ही नहीं, कई मार्केटप्लेसेज़ पर पिक-अप लोकेशन के तौर पर उल्हासनगर का पिनकोड ही नहीं होता है और इस वजह से कंपनी का कैटलॉग भी सीमित हो जाता है।
पवन कहते हैं कि उनके बिज़नेस कनेक्शन्स अच्छे रहे हैं और इस वजह से उनकी कंपनी एक दिन के भीतर गुजरात, मुंबई और चीन से सामान मंगा सकती है। उन्होंने आगे बताया कि संपर्क के बल पर ही उन्हें कम से कम नकदी की उपलब्धता में भी कम समय में पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन आदि का जुगाड़ करने में भी मदद मिलती है।
शुरूआती समस्याओं के बारे में बताते हुए पवन ने कहा, "2015 में जब हमने शुरूआत की थी, तब ग्राहक अक्सर टूटे या डिलिवरी के दौरान ख़राब हुए सामान की शिकायत करते थे। इस समस्या से निजात पाने के लिए हमने अपने प्रोडक्ट्स के पुख़्ता टेस्ट करने शुरू कर दिए और पैकेजिंग पर भी काम किया। हम अब अपने प्रोडक्ट्स के साथ इन्सटॉलेशन किट भी देते हैं।" सेल बेल ग्राहकों को एक महीने की मनी बैक गारंटी और 12 महीने की वॉरंटी देता है। सेल बेल अपने ग्राहकों को सेंट्रलाइज़्ड कस्टमर सर्विस भी देता है। सेल बेल अपने ग्राहकों को 24 महीनों की लो-कॉस्ट वॉरंटी देता है और इसके अंतर्गत किसी भी सेल्स चैनल से सेल बेल के प्रोडक्ट्स की शॉपिंग पर ग्राहकों को 50 % डिस्काउंट का कूपन दिया जाता है।
सेल बेल जल्द ही प्रीमियम रेंज प्रोडक्ट्स भी लॉन्च करने जा रहा है, जिसमें कार चार्जर्स, ट्रेंडी डेटा केबल्स, ब्लूटूथ स्पीकर्स और 5डी टेंपर्ड ग्लास आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। पवन ने बताया, "2018 में हम कस्टमर रेफ़रल स्कीम के तहत अपनी ब्रैंड विज़िबिलटी को बढ़ाएंगे। 2019 तक हम ऑफ़लाइन रीसेलर्स के बीच कॉन्टेस्ट की शुरूआत कर सकते हैं, ताकि ऑफ़लाइन मार्केट को भी अच्छी बढ़त मिल
यह भी पढ़ें: मिलिए भारत की पहली महिला फायरफाइटर तानिया से जो एयरपोर्ट्स को रखेंगी सुरक्षित