अपने लंचबॉक्स बिजनेस के जरिये हर महीने 45 लाख रुपये कमा रही है ये महिला उद्यमी
यह कंपनी रोजाना एक हज़ार से अधिक ऑर्डर पूरा करती है, जिसके चलते यह अपने कई प्रतिस्पर्धी कंपनियों से आगे है।
पहले आईटी प्रोफेशनल फिर होम मेकर और अब उद्यमिता के सफर पर तेजी से आगे बढ़ रही कृपा धर्मराज आज महीने के 45 लाख रुपये कमा रही हैं, वो भी सिर्फ अपने लंचबॉक्स बिजनेस से। कृपा बीते सात सालों से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं और इस दौरान उन्होने हर रोज़ करीब 1 हज़ार पौष्टिक मील सर्व की हैं।
कृपा ने अपनी ग्रैजुएशन के बाद बतौर आईटी प्रोफेशनल अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन जब उनकी शादी एक बिजनेस फैमिली में हुई तो उन्हे अपने पति के साथ उनके रियल स्टेट बिजनेस में भी हाथ बांटने का मौका मिला। साल 2010 में उन्हे एक बेटा माघी हुआ, जिसके लिए पौष्टिक खाने की खोज ने कृपा को एक नई सोच दी।
अपनी इसी सोच को लेकर कृपा ने आगे बढ़ते हुए साल 2013 में माघी कुकरी लंचबॉक्स (MC’s लंचबॉक्स) की शुरुआत की। शुरुआत में तो कृपा और उनके पति ने बतौर मार्केटिंग स्ट्रैटेजी अपने पौष्टिक खाने के लंच पैकेट्स को मुफ्त में ही चेन्नई के स्कूलों में बांटना शुरू कर दिया, ज्सिके बाद जल्द ही कंपनी को स्कूल और पैरेंट्स से बल्क ऑर्डर मिलने शुरू हो गए।
पैरेंट्स के पास पूरे महीने के एडवांस सेलेक्शन का ऑप्शन रहता है, जिसमें यह लंचबॉक्स सीधे स्कूलों में उन बच्चों के नाम के लेबल के साथ भेज दिया जाता है। हर एक लंचबॉक्स की कीमत सेलेक्शन के आधार पर 150 रुपये से 200 रुपये के बीच होती है।
पौष्टिक लंचबॉक्स को बच्चों और शिक्षकों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है और बच्चे खुद भी लंच बॉक्स के पौष्टिक अवयवों को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।
लंचबॉक्स की पैकेजिंग लीकप्रूफ होती है। आज यह कंपनी रोजाना एक हज़ार से अधिक ऑर्डर पूरा करती है, जिसके चलते यह अपने कई प्रतिस्पर्धी कंपनियों से आगे है।
द बेटर इंडिया से हुई बातचीत में उन्होने कहा, “मेरे खुद के व्यवसाय होने के सात साल बाद मैंने जो सीखा है, वह यह है कि आप जो कर रहे हैं उसके लिए आप में एक मजबूत जुनून होना आवश्यक है। यदि आपने केवल पैसे के लिए कोई व्यवसाय शुरू किया है, तो वह आपको कहीं भी नहीं मिलेगा। लेकिन अगर आप वास्तव में अपने उद्यम के पीछे एक उद्देश्य रखते हैं, तो लोग निश्चित रूप से आप पर भरोसा रखने वाले हैं।”