इंसानियत की मिसाल: CRPF जवान ने नक्सली को खून देकर बचाई जान
भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों की वीरता और जिंदादिली की मिसालें दी जाती हैं। देश के नागरिकों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देने वाले जवान कुछ भी कर गुजरने को हमेशा तत्पर रहते हैं। हाल ही में झारखंड में सीआरपीएफ के एक जवान ने मुठभेड़ में घायल नक्सली को खून देकर वीरता की मिसाल पेश की। दरअसल झारखंड के खूंटी इलाके में मंगलवार को सुरक्षाबलों की नक्सलियों से मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए जबकि दो अन्य घायल हो गए।
घायल नक्सली को रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। गोली लग जाने के कारण उसके शरीर से काफी खून बह चुका था और उसे खून की जरूरत थी। सीआरपीएफ की 133वीं बटालियन के कॉन्स्टेबल राजकमल ने तुंरत रक्तदान किया और नक्सली की जान बचाई। आपको बता दें कि वही नक्सली कुछ वक्त पहले सुरक्षाबलों पर ही गोलियां बरसा रहा था। वह कोबरा की 209 बटालियन के साथ मुठभेड़ में घायल हुआ था।
झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी के जंगलों में 29 जनवरी को सीआरपीएफ की 209-कोबरा बटालियन और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में एक नक्सली घायल हो गया, जिसके साथी उसे छोड़कर भाग निकले थे। सीआरपीएफ के जवानों ने उसे उपचार के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया। जख्म हालत में हॉस्पिटल में भर्ती नक्सली को खून की जरूरत हुई, तब भी सीआरपीएफ का ही जवान सामने आया।
सीआरपीएफ के कॉन्स्टेबल राजकमल अपने दुश्मन नक्सली की जान बचाने के लिए रक्तदान करने के लिए तैयार हो गए। नक्सली की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। यह पहली बार नहीं है जब सीआरपीएफ के जवानों ने इंसानियत का परिचय दिया। बीते साल 8 फरवरी को पलामू जिले में 134 बटालियन के सैनिकों के साथ मुठभेड़ में महिला नक्सल मंजू बैगा गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे भी सीआरपीएफ के जवानों ने बचाया था।
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