ख़ुदकुशी के रास्ते से लौटकर दूसरों के लिए मिसाल बनीं बॉडी बिल्डर निलपर्ना सेन
अनिच्छा से ग़ुलामों की तरह किये जाने वाले काम ने उन्हें बीमार बना दिया। खुशी ढूंढने के लिए उन्होंने स्मोकिंग, ड्रग्स और दूसरी चीज़ो की मदद लेनी शुरू कर दी। दर असल यह खुशी की तलाश में ख़ुदकुशी का रास्ता था। धीरे-धीरे हालात इतने बिगड़ने लगे कि वो अक्सर पार्टियों में शराब और सिगरेट का खूब सेवन करने लगीं। बल्कि पार्टियों में उन्होने ड्रग्स भी लेना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वह कई दिन नौकरी पर भी नहीं जा पाती। ड्रग्स लेने की आदत बढ़ती गई तो दिमाग ने भी काम करना कम कर दिया था। हालात समझ से भी बाहर होते गये, लेकिन उन्हीं हालात में एक दिन नया सूरज निकला, नयी सुबह हुई। ऐब्स बनाने के शौक ने नयी दिशा दी और बन गयीं बॉडी बिल्डर, ट्रेनर और निकल पड़ीं ज़िंदगी की नयी राहों पर, जहाँ सचमुच की खुशी उनका इंतज़ार कर रही थी।
जब भी कोई उनसे पहली बार मिलता है तो उनके शरीर और पॉजिटिव सोच से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता। 5 फीट 3 इंच लंबी इस महिला के मजबूत कंधे और उनकी हल्की सी मुस्कान बताती है कि उनका व्यक्तित्व कितना शानदार है। जब आप उनसे बात करेंगे तो पता चलेगा कि उम्र के साथ उन्होने अपने शरीर पर कितना ध्यान दिया है, इसे वो अपना जन्मसिद्ध अधिकार भी मानती हैं। निलपर्ना सेन अपने शरीर को आकार में रखने के लिए वो खास ध्यान रखती हैं। क्या आपने मानेंगे कि ये वो महिला है जो कभी ड्रग्स के चंगुल में फंस गई थी, जिसे कभी जीने का उद्देश्य नहीं पता था, लेकिन इन सब से बाहर निकल आज वो एक सफल महिला हैं।
निलपर्णा का अतीत
23 साल की निलपर्ना सेन बताती हैं, “मैं सूरत में पली बढ़ी, लेकिन लोगों का विचार था कि मैं या तो मुंबई जाऊँ या फिर एमबीए करूँ। तब मैं सूरत के एक ब्रांडेड ज्वेलरी ब्रांड के लिए मार्केटिंग का काम देखती थीं। इस दौरान ग्राहकों के लिए ग़ुलामों की तरह काम करना पड़ता था। उस दौरान मुझे महसूस हुआ कि मैं जो करना चाहती हूँ, वो ये काम नहीं है, बावजूद इसके मैं वो काम किये जा रही थी। मैं ये नहीं जानती थी कि दूसरा काम क्या किया जाय, जिसमें मुझे संतुष्टि मिले। जुनून की कमी और बिना मतलब के काम ने मुझे बीमार बना दिया। इसलिए मैंने खुशी ढूंढने के लिए स्मोकिंग, ड्रग्स और दूसरी चीजों की मदद लेनी शुरू कर दी।”
दर असल यह खुशी की तलाश में खुदकुशी का रास्ता था। धीरे धीरे हालात इतने बिगड़ने लगे कि वो अक्सर पार्टियों में जाने लगी जहाँ पर ना सिर्फ वो शराब और सिगरेट का खूब सेवन करती, बल्कि कई पार्टियों में उन्होने ड्रग्स लेना भी शुरू कर दिया था। वो बताती है, “इस वजह से कई दिन मैं नौकरी पर भी नहीं जा पाती थीं और कभी जाती थी तो समय पर नहीं पहुंच पाती थी। जब मेरी ड्रग्स लेने की आदत बढ़ती गई तो मेरे दिमाग ने भी काम करना कम कर दिया था। तब हालात मेरी समझ से भी बाहर हो गये थे।”
उसे ढूंढों जिसे आप प्यार करते हो
वो दिन एक आम दिनों की तरह था। जब निलपर्ना ने एक जिम की मेम्बरशिप लेने का फैसला लिया, क्योंकि वो सिर्फ रोमांच के लिए एब्स बनाना चाहती थीं। “मैंने उन तरीकों का पालन करना शुरू किया जो मुझे बताये गये थे। जिसके बाद मैंने देखा कि मेरा शरीर आकार लेने लगा था जिसके बारे में मैंने कल्पना भी नहीं की थी।” ट्रेनिंग से निलपर्ना को जीने का सबक मिला। परिणाम के तौर पर सुडौल शरीर उनके सामने था। “बहुत जल्दी मैंने अपने आपको बुरी आदतों से दूर पाया और ये सब हुआ मेरी ट्रेनिंग की वजह से।इस तरह मेरे अंदर जंक फूड, शराब और पार्टियों में कोकीनलेने की तलब कम होती गई और मैं जिंदगी के दूसरी चीजों में मज़े लेने लगी। मैं काम पर ध्यान छोड़ कैट (CAT) परीक्षाओं की तैयारी करने लगी।”
निलपर्ना सेन 2.0
अपनी नरक सी जिंदगी को पीछे छोड़ उन्होंने अपनेी फिटनेस पर फिर ध्यान देना शुरू किया और अब वो ना सिर्फ एक आम पतली लड़की बन गई थीं, बल्कि उनके एब्स भी बनने लगे थे। “मैंने तय किया कि इस बदलाव को ना सिर्फ और ज्यादा प्रभावशाली बनाउँगी, बल्कि इसे कायम भी रखूँगी। इसलिए मैंने अपने मसल्स बनाने शुरू कर दिये। इसके बाद मुझे मेरे शरीर में नई ऊर्जा और ताकत का अहसास हुआ। मुझे ये जानकर रोमांच महसूस हुआ कि मैं अपनी शारीरिक क्षमता के मुताबिक काफी दूर तक जा सकती हूं।”
निलपर्ना ने हफ्ते में छह दिन ट्रेनिंग लेना शुरू किया साथ ही अपने खानपान पर ध्यान देने लगी। के11 संस्थान के संस्थापक कैजाद कपाड़िया जिन्होंने उनको ऐसी दुनिया की राह दिखाई, जहाँ पर ताकत की बजाये आकार पर जोर दिया जाता है, उनका कहना है कि “शुरूआत में मैंने दुबले होने के लिए कई कदम उठाये साथ ही अपने खानपान की आदत को ठीक किया” इसके बाद निलपर्ना ने पॉवर लिफ्टिंग और बॉडी बिल्डिंग करना शुरू कर दिया। फिलहाल वो बॉडी बिल्डिंग पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं।
सही रास्ते का चुनाव
जब उनकी कैट(CAT) की परीक्षा का परिणाम आया वो उनकी उम्मीद से बेहतर था, लेकिन वो इस दुविधा में फंस गई कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत। “तब मैंने एमबीए करने का विचार छोड़ दिया और शारीरिक रूप से मज़बूत होने का फैसला किया। ये विश्वास की लंबी छलांग थी।” इस तरह पक्का मन बनाने के बाद उन्होने फिटनेस इंडस्ट्री का हिस्सा बनने का फैसला लिया। “मैंने ट्रेनिंग और न्यूट्रिशन का कोर्स किया और सूरत के केजी फिटनेस सेंटर में फिटनेस कोच के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। मैं जानती थी कि ऐसा करने से महिलाओं के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा।”
महिला ही क्यों ? “पुरुष हमेशा मज़बूत होने पर रोमांच महसूस करते हैं, इसके लिए उनको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती। वहीं दूसरी ओर जो महिलाएं हैं, उनका स्वभाव शर्मीला होता है और ये उनकी वरीयता में भी नहीं होता। जब वो छोटी छोटी चीजों के लिए अपने पति पर आश्रित होना छोड़ देती हैं, तो उनकी जिंदगी एकदम बदल जाती है। तब उनको अपने आप पर ज्यादा विश्वास होता है।”
आज निलपर्ना ने अपना ध्यान महिलाओं को मज़बूत बनाने में लगा दिया है “मेरे साथ जुड़ी हर महिला एथलीट अपने पति से ज्यादा वजन उठाती है, लेकिन एक कोच की हैसियत से मुझे इससे ज्यादा खुशी नहीं मिलती। मैं एक असाधारण लीग तैयार कर रही हूँ, जिसके लिए मुझे अब तक सिर्फ एक महिला मिली है।” उनके अथक प्रयासों के कारण जिम में उनकी अलग पहचान है, आज वो जिम की ट्रेनर हेड की भूमिका बड़ी जिम्मेदारी से निभा रही हैं।
पसीना, लिफ्ट, प्रेरणा, दोहराव
उनके दिन की शुरूआत सुबह 4:30 बजे हो जाती है। “मैं दिन के लिए खाना तैयार करती हूं, साथ ही कुछ प्रेरणादायक चीजें सुनती हूँ। इसके बाद सुबह 6 बजे से दोपहर 3 बजे तक लोगों को कोचिंग देती हूँ और उसके बाद 5 बजे तक मैं वर्कआउट करती हूँ। इस तरह एक बार फिर शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक कोचिंग देने का काम करती हूँ। काम से लौटने और सोने से पहले मैं ट्रेनिंग और न्यूट्रिशन से जुड़ी किताबें पढ़ती हूं।”
आज निलपर्ना सेन के इंस्टाग्राम में 4 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं। वो अपनी ज्यादातर आश्चर्यजनक तस्वीरें अपलोड करती हैं इन तस्वीरों में वो मेहनत से कसरत करते हुए दिख जाएँगी। उनके विस्तृत और दिल को छू लेने वाले अकाउंट को देखकर पता लगाया जा सकता है कि वो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कितनी मेहनत कर रही हैं। “ये सब मैंने अपने प्रचार के लिए शुरू नहीं किया था, मैं केवल इतना चाहती थी कि मैं अपनी कहानी दूसरों को बताकर उनको भी प्रेरणा दे सकूँ। मैंने समय की बर्बादी से बचने के लिए इंस्टाग्राम का सहारा लिया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात कह सकूं।”
आगे क्या होगा ?
जब बात महिलाओं की शारीरिक क्षमता की होती तो उस वक्त निलपर्ना किसी भी शारीरिक चुनौती का सामना करने को तैयार रहती हैं। “बात अगर बॉडी बिल्डिंग की करें, तो जहाँ पर आपको मसल्स की ताकत हासिल करने के साथ साथ फेट के प्रतिशत पर ध्यान देना पड़ता है ऐसे में दोनों के बीच तालमेल बनाना किसी महिला के लिए काफी मुश्किल काम होता है। ये एक तरह का एस्थेटिक्स खेल है। जहां पर नियंत्रण के साथ साथ शरीर की बनावट पर भी ध्यान देना होता है। इसलिए मैं इसमें महारत हासिल कर रही हूं और मैं महिलाओं के बीच सौंदर्य की दृष्टि सेएक उदाहरण पेश करना चाहती हूं।” वहीं दूसरी ओर वो पॉवरलिफ्टिंग में भी काम करना चाहती हैं। जहां पर वजन उठाने के लिए शक्ति परीक्षण होता है। वेट लिफ्टिंग जहाँ पर आपके कौशल और ताकत का परीक्षण होता है। मैं महिलाओं से जुड़ी एक लीग बनाना चाहती हूं जहां पर बॉडीबिल्डर, बॉडी लिफ्टर और रनर दूसरों के लिए उदाहरण बन ये बतायें कि कैसे छरहरे बदन का होने के साथ साथ फीट भी रहा जा सकता है।
मूल- बिंजल शाह
अनुवाद- गीता बिष्ट