देश की 585 कृषि मंडियाँ जुड़ेंगी ई बाज़ार प्लेटफॉर्म से
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज कहा कि सरकार किसानों की जानकारी बढ़ाने के लिए तमाम तगर के कदम उठा रही है और सरकार देश भर की 585 कृषि मंडियों को ई बाजार प्लेटफॉर्म से जोड़ने को प्रतिबद्ध है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद . राष्ट्रीय कृषि शोध प्रबंधन अकादमी :आईसीएआर. एनएएआरएम: के कार्यक्रम में सिंह ने कहा, राष्ट्रीय कृषि बाजार सरकार की एक और ताजा पहल है जहां देश की 585 विनियमित कृषि मंडियों का एक साझा ई.मार्केट प्लेटफॉर्म स्थापित किया जायेगा।
कृषि मंत्री ने कहा, ये डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों को ई.मार्केटिंग के ज़रिए अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनायेंगे। आप सब युवा वैज्ञानिक है , आप डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने वाले है, मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि आईसीटी :सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी: के क्षेत्र की ऐसी सभी पहलों को किसान के बीच लोक प्रिय बना कर आप इनमें अपना योगदान करें। मंत्री ने कहा कि राजग सरकार ने वेब आधारित किसानों का पोर्टल और मोबाइल आधारित एम.किसान एसएमएस पोर्टल विकसित किया है। इसके अलावा किसान कॉल सेन्टर और डीडी किसान चैनल के जरिये किसानों को सूचनायें प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने कहा, किसानों के लिए दो मोबाइल एप्स :किसान सुविधा और पूसा कृषि: की पेशकश की गई है।
मंत्री ने कहा कि कृषि और सहायक क्षेत्र सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में 18 प्रतिशत का योगदान करते हैं क्योंकि करीब 26 करोड़ टन का खाद्यान्न उत्पादन गुणवत्तायुक्त बीजों जैसी प्रौद्योगिकी और किसानों को सहायक सेवाओं की उपलब्धता के जरिये संभव है। सिंह ने देश भर में आईसीएसआर संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों के शोध प्रयासों की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1951 के बाद से देश में खाद्यान्न उत्पादन पांच गुना बढ़ा है जबकि बागवानी उत्पाद 9.5 गुना, दूध उत्पादन 7.8 गुना और अंडे का उत्पादन 39 गुना बढ़ा है।
वर्ष 2016.17 के बजट में सरकार ने खेती और किसानों के लिए कई सारे उपायों का प्रस्ताव किये हैं। इस सिलसिले में उन्होंने 28.5 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में लाने, ग्राम पंचायतों और नगरपालिकाओं को 2,87,000 करोड़ रपये की अनुदान सहायता तथा वर्ष 2018 तक 100 फीसदी ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी पहलों को जिक्र किया।
इससे पूर्व पॉल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया की महापरिषद की 28वी वाषिर्क बैठक मंत्री ने कहा कि वर्ष 2015.16 में पॉल्ट्री मीट का उत्पादन करीब 30 लाख टन होने और पॉल्ट्री उत्पादों का निर्यात करीब 768 करोड़ रपये का होने का अनुमान है। (पीटीआई)