आप स्टार्टअप की तैयारी में हैं तो ओपन स्कूल लर्निंग स्टार्टअप 'इकोवेशन' की मदद लें
IIT के दो छात्रों ने शुरू किया ओपन स्कूल लर्निंग स्टार्टअप...रितेश सिंह और अक्षत गोयल ने शुरू किया 'इकोवेशन'...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी स्टार्टअप योजना को सफल बनाने में देश के युवा भी अपनी तरफ से लगातार कोशिश कर रहे हैं। स्टार्टअप संस्कृति की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आईआईटी के दो छात्रों ने इस दिशा में आने वाले नए स्टार्टअप को सही शुरूआत देेने के लिए एक मंच तैयार किया है। अकसर सुनने में आता है कि स्टार्टअप हैं लेकिन समझ में नहीं आ रहा है कहां से शुरुआत की जाए। इन्हीं समस्याओं को निपटाने के लिए दो युवा सामने आए।
आईआईटी के छात्रों रितेश सिंह और अक्षत गोयल ने एक विशिष्ट ओपन स्कूल कम्युनिकेशन और सोशल लर्निंग प्लेटफार्म शुरू किया है जिसके जरिये शिक्षक, अभिभावक और छात्र मोबाइल फोन पर खुलकर प्रभावी तरीके से परिचर्चा कर सकते हैं।
रितेश सिंह और अक्षत गोयल प्रभावी तरीके से ज्ञान के स्थानांतरण के लिए नवोन्मेषी साल्यूशंस उपलब्ध कराना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने इकोवेशन नाम से स्टार्टअप शुरू किया। इसका गठन मार्च, 2014 में किया गया और इस एप को इसी साल जून में एक साल तक बाजार अनुसंधान और अध्ययन के बाद पेश किया गया।
इकोवेशन के मुख्य कार्यकारी सिंह बिहार के तीसरी श्रेणी के शहर छपरा से हैं। शुरुआत से ही उनको भाषा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा-
‘‘मैं हमेशा ऐसे साल्यूशंस के बारे में सोचता था जिससे मेरे जैसे लोगों को मदद मिल सके, जिन्होंने शुरुआत में गुणवत्ता वाली शिक्षा से वंचित रहना पड़ा है। मैं हमेशा से उन स्थानों पर भी गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराना चाहता था जहां सिर्फ न्यूनतम ढांचा उपलब्ध है।’’
उन्होंने कहा कि हमने चार शहरों में 30,000 विद्यार्थियों के साथ बाजार अध्ययन किया। उनके अनुसार पीटीएम में सिर्फ 15 से 20 फीसद अभिभावक ही आते हैं। ऐसे में हमने ऐसा उत्पाद बनाने का फैसला किया जिसके जरिये अभिभावक, छात्र, शिक्षा और स्कूली प्रशासन को परिचर्चा के लिए मंच मिल सके। इकोवेशन से न सिर्फ अभिभावकों को शिक्षकों से जोड़ने में मदद मिलती है, बल्कि इससे छात्र ऐसे शिक्षकों से भी संपर्क कर सकते हैं जो कक्षा के बाहर ज्ञान बांटने को तैयार हैं।