फेसबुक ने बेंगलुरु के स्टार्टअप मीशो में किया अपना पहला भारतीय निवेश
"फेसबुक ने पहली बार किसी भारतीय कंपनी के साथ आर्थिक साझेदारी शुरू की है। उसने बेंगलुरु की स्टार्टअप कंपनी मीशो में अपना असाधारण निवेश किया है, जिसकी फंड राशि अभी उजागर नहीं की गई है। आईआईटी दिल्ली के दो सहपाठियों विदित आत्रे और संजीव बरनवाल ने चार साल पहले मीशो कंपनी बनाई थी।"
भारत के बाईस लाख कारोबारियों से जुड़ी एवं ज्वैलरी से लेकर मोबाइल फोन तक रीसेल करने वाली बेंगलुरु की स्टार्टअप कंपनी मीशो को फंडिंग के तौर पर फेसबुक ने जून में भारत में अपना पहला असाधारण निवेश किया है। इससे पहले मीशो को शुनवेई कैपिटल, आरपीएस वेंचर्स, डीएसटी पार्टनर्स आदि कंपनियां लगभग 50 मिलियन डॉलर की फंडिंग कर चुकी हैं। आज से लगभग चार साल पहले 2015 में आईआईटी दिल्ली के दो सहपाठियों विदित आत्रे और संजीव बरनवाल ने मिलकर मीशो कंपनी बनाई थी, जो फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ग्राहकों के बीच अपनी कामयाब पहुंच विस्तारित करती जा रही है।
करीब एक साल पहले 250 मिलियन डॉलर का बाजार मूल्य साबित कर चुकी मीशो प्रबंधन ने 13 जून को मेनलो पार्क, केलिफोर्निया स्थित फेसबुक कार्यालय से यह अघोषित मूल्य की फंडिंग हासिल की है। मीशो में अपनी बेहद कम साझेदारी के साथ फेसबुक ने इस निवेश राशि को अभी गोपनीय रखा है।
दरअसल, मीशो एप्प एक सोशल प्लेटफार्म है, जो छोटे-मझोले विक्रेताओं को व्हाट्सएप्प, फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से कस्टमर्स उपलब्ध कराने के साथ ही विक्रेताओं को कोरियर और पेमेंट की भी सहूलियतें दे रही है। फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन का कहना है कि फेसबुक भारत और इसके तेजी से बढ़ते इंटरनेट पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर उत्साहित है। मीशो में अपने निवेश के साथ, उनकी कंपनी एक नए व्यावसायिक मॉडल को मजबूत बनाना चाहती है ताकि भारत में अधिक से अधिक रोजगार की संभावनाएं पैदा की जा सकें।
इस नए व्यावसायिक मॉडल के जरिए फेसबुक और मीशो का सबसे महत्वपूर्ण टारगेट भारत की उद्यमी गृहिणियां हैं। उनके विकास, बेहतर भविष्य के लिए मीशो ऑनलाइन आर्थिक अवसरों का विस्तार कर रही है। गौरतलब है कि दो साल पहले भी फेसबुक ने महिलाओं द्वारा स्थापित 'शीलेड्स टेक' की मदद के लिए एक कार्यक्रम पेश किया था।
मीशो के सह-संस्थापक विदित आत्रे का कहना है कि फेसबुक से साझेदारी मीशो टीम के लिए एक अद्भुत उपलब्धि है। हमारा स्टार्टअप अब और अधिक इंतजार नहीं कर सकता क्योंकि हम एक बड़े समुदाय के निर्माण के अपने लक्ष्य की दिशा में तेजी से अग्रसर हो रहे हैं ताकि भारत के लाखों उद्यमियों को उनके कामयाबी के लक्ष्य तक पहुंचाया जा सके। मीशो ने पिछले चार वर्षों में लगभग डेढ़ हजार आपूर्तिकर्ताओं और पूरे भारत में बीस लाख पुनर्विक्रेताओं को सपोर्ट किया है। मीशो की इस कामयाबी में फेसबुक की फंडिंग व्यावसायिक साझेदारी की दृष्टि से एक मील का पत्थर साबित होने जा रही है। मीशो के लक्ष्य से फेसबुक ने भी अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
बेंगलुरु स्थित सामाजिक वाणिज्य मंच मीशो (Meesho) को अनुमानतः असाधारण फंडिंग करते हुए सिलिकॉन वैली कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि यह भारत स्थित स्टार्टअप में फेसबुक का पहला निवेश है, और देश के जीवंत इंटरनेट पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता का एक मजबूत प्रदर्शन होगा। दरअसल, मीशो भारत में पुनर्विक्रेताओं और उभरते ब्रांड्स को सोशल मीडिया के जरिए व्यवसाय बढ़ाने में मदद कर रही है।
यह स्टार्टअप उद्यमियों, महिलाओं, छात्रों को कारोबारी बनने में भी मदद कर रही है। इस समय 'मीशोएप्प' अंग्रेजी के अलावा सात से अधिक अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी सक्रिय है। इस प्लेटफॉर्म का रोजमर्रा में इस्तेमाल करने वालों में चालीस फीसद से अधिक गैरअंग्रेजीदां क्षेत्रीय भाषाभाषी लोग हैं।