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कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी से भारत की राष्ट्रीय आय में 27 प्रतिशत की वृद्धि होगी

महिलाओं का सशक्तिकरण किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को बदल कर उसे बहुत आगे ले जा सकता है: क्रिस्टीन लगार्दे

कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी से भारत की राष्ट्रीय आय में 27 प्रतिशत की वृद्धि होगी

Wednesday November 16, 2016 , 3 min Read

महिलाओं की भागीदारी से भारत की आय 27 प्रतिशत बढ़ेगी। अर्थात कहने का तात्पर्य यह है, कि भारत की राष्ट्रीय आय में 27 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है यदि यहां के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पुरूषों के स्तर के बराबर हो जाए। यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लगार्दे ने कही है। लॉस एंजिलिस में वीमेंस एंपावरमेंट: एन इकोनॉमिक गेम चेंजर में अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा, कि महिलाओं के लिए बेहतर आर्थिक अवसर और समान मेहनताने से बेहतर आर्थिक वृद्धि होगी।

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क्रिस्टीन ने कहा, ‘महिलाओं का सशक्तिकरण किसी भी देश के लिए आर्थिक तौर पर स्थितियां बदलने वाला हो सकता है। उदाहरण के तौर पर यदि महिलाएं भी पुरूष के बराबर कार्यबल में हिस्सेदारी करेंगी तो अमेरिका की राष्ट्रीय आय में पांच प्रतिशत, जापान में नौ प्रतिशत और भारत में 27 प्रतिशत वृद्धि होगी।’ उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए बेहतर अवसरों से विविधता को बढ़ावा मिलेगा और विश्वभर में आर्थिक असमानता में भी कमी आएगी।

उधर दूसरी तरफ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश की महिलाओं से आगे आने और राष्ट्र के पुनर्निर्माण में योगदान देने तथा इसे नयी उंचाइयों पर ले जाने की अपील की है। भागवत ने एक महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘महिला शक्ति (मातृ शक्ति) को अपने परिवार की सेवा करने के अलावा आगे आना चाहिए और देश एवं समाज के लिए काम करना चाहिए जो राष्ट्र को नयी उंचाइयों तक ले जाएगा और राष्ट्र का पुनर्निर्माण करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है, कि ‘महिलाओं को आगे आना चाहिए और समाज कल्याण के कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए। उन्हें मिनी इंडिया बनाने की शुरूआत अपने घर से करनी चाहिए और किसी के बहकावे में आए बगैर समाज के लिए काम करना चाहिए। उन्हें अपने घर से शुरूआत करनी चाहिए।’ आरएसएस प्रमुख के अनुसार, भारत की मातृ शक्ति सक्रिय नहीं होंगी तब तक भारत अपनी संभावनाओं और गौरव को हासिल करने में सक्षम नहीं होगा। महिलाओं के दिशानिर्देश में समूची दुनिया तरक्की कर रही है।

समाज में 50 फीसदी महिलाएं हैं और इसलिए महिलाएं समाज की तरक्की में एक सबसे अहम तत्व है। महिलाओं के भविष्य को बदले बगैर किसी देश, समाज और परिवार के भविष्य को नहीं बदला जा सकता। उन्होंने कहा कि महिलाओं और पुरूषों के बीच कोई तुलना नहीं होनी चाहिए। यह नहीं कहा जाना चाहिए कि पुरूष श्रेष्ठ हैं या महिलाएं श्रेष्ठ हैं, बल्कि दोनों का ही समाज के कल्याण के लिए साथ काम करना सर्वोच्च है 

महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी है क्योंकि एक मां ही अपने बच्चों की शिक्षिका होती हैं।