महंगाई पर लगाम कसने में असफल RBI सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट, 3 नवंबर को स्पेशल मीटिंग
छह साल पहले मुद्रास्फीति-लक्षित मौद्रिक नीति व्यवस्था अपनाने के बाद यह पहली मीटिंग होने जा रही है.
लगातार बढ़ती महंगाई ने सरकार की नाक में दम कर रखा है. एक तरफ पूरी दुनिया पर मंदी का संकट मंडरा रहा है और दिग्गजों की सारी भविष्यवाणियां इस ओर इशारा कर रही हैं कि इस मंदी का असर भारत पर भी पड़ने वाला है. ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आगामी 3 नवंबर को एक एडिशनल मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग बुलाई है.
इस मीटिंग में RBI इस संबंध में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा कि वे पिछले 9 महीनों में महंगाई को काबू करने में क्यों असफल रहे हैं. इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक महंगाई दर लगातार छह फीसदी के पार रही है. पिछले सितंबर में तो यह बढ़कर 7 फीसदी के पार हो गई थी.
MPC स्ट्रक्चर के तहत भारत सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि महंगाई 2 फीसदी से लेकर 6 फीसदी के दायरे में बनी रहे. लेकिन रिजर्व बैंक लगातार 9 महीनों तक महंगाई को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने में असफल रहा है.
छह साल पहले भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जो मुद्रास्फीति-लक्षित मौद्रिक नीति व्यवस्था अपनाई थी, उसके बाद यह पहली मीटिंग है, जिस पर वो मुद्रास्फीति पर चर्चा करने वाले हैं.
ये बैठक RBI अधिनियम 1934 की धारा 45ZN के प्रावधानों के अंतर्गत होगी. सेंट्रल बैंक ने इस मीटिंग के संबंध में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के रेगुलेशन 7 और मॉनेटरी पॉलिसी प्रोसेस रेगुलेशन 2016 का भी जिक्र किया है.
क्या कहती है RBI एक्ट की धारा 45ZN
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट की धारा 45ZN कहती है कि RBI का एक निश्चित इंफ्लेशन टारगेट है, जिसे उसे पूरा करना है. यदि किसी कारणवश RBI उस लक्ष्य को हासिल करने में विफल होता है तो उसे भारत सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी, जिसके लक्ष्य को पूरा न कर पाने के कारणों को बताना होगा. साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया जाना जरूरी है कि RBI इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाने वाला है और इन उपायों से महंगाई को नियंत्रित करने में कितना वक्त लगेगा.
इस एक्ट के मुताबिक इंफ्लेशन टारगेट को पूरा करने के लक्ष्य में असफल होने के एक महीने के भीतर RBI को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होती है. सितंबर में 7 फीसदी का आंकड़ा पार कर चुकी महंगाई की रिपोर्ट 12 अक्तूबर को सरकार को सौंपी गई थी. इस तरह अब RBI को 12 नवंबर के भीतर सरकार को इसके कारणों और उपायों को विस्तार से बताते हुए सरकार को अपनी अगली रिपोर्ट देनी होगी.
Edited by Manisha Pandey