Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

2 महीनों बाद विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में लौटा भरोसा, जानिए क्या है वजह

NSDL के आंकड़ों के मुताबिक 25 नवंबर तक उन्होंने 31,000 करोड़ रुपये डाले हैं. इससे पहले दो महीनों तक सितंबर अक्टूबर में FPI शुद्ध रूप से बिकवाल रहे थे. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि FPI अगले कुछ महीनों तक इसी तरह निवेश जारी रख सकते हैं.

2 महीनों बाद विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में लौटा भरोसा, जानिए क्या है वजह

Monday November 28, 2022 , 3 min Read

फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों(FPI) ने लगातार दो महीने भारतीय बाजारों में जमकर बिकवाली की. हालांकि नवंबर में उनके मिजाज बदले नजर आ रहे हैं. भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक 25 नवंबर तक उन्होंने 31,000 करोड़ रुपये डाले हैं.

सितंबर और अक्टूबर में एफपीआई ने जमकर बिकवाली की थी. जबकि, इससे पहले अगस्त में FPI ने 51,200 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी जबकि जुलाई में यह आंकड़ा 5000 करोड़ रुपये था. खरीदारी का ट्रेंड शुरू करने से पहले एफपीआई अक्टूबर 2021 से लेकर लगातार नौ महीनों तक शुद्ध बिकवाल रहे थे.

विदेशी निवेशकों की तरफ से भारी भरकम लिवाली की वजह से बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स 25 नवंबर, 2022 को 62447.73 पर पहुंच गया जो इसका ऑलटाइम हाई है.

25 अक्टूबर से लेकर 25 नवंबर तक इंडेक्स अब तक 2.5 फीसदी चढ़ चुका है. वहीं दूसरी तरफ घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1500 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की है.

शेयर मार्केट के जानकारों का मानना है कि जबरदस्त टैक्स कलेक्शन, फेस्टिव सीजन के दौरान घरेलू खपत में तेजी, पॉजिटिव कॉरपोरेट अर्निंग्स, मजबूत वैल्यूएशंस और सफल आईपीओ कुछ ऐसी वजहें हैं जो भारत की ग्रोथ की दिशा को मजबूत बनाने के साथ-साथ विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं.

फाइनैंशल सर्विसेज टैक्स, बीडीओ में लीडर और पार्टनर मनोज पुरोहित ने विदेशी निवेशकों के इनवेस्टमेंट पर कहा कि सरकार स्टार्टअप्स, एंजल फंड्स में पूंजी लगाने वाले निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नियमों पर काम कर रही है, डिजिटाइजेशन, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी स्पेस को बढ़ावा दे रही है.

इसका असर एफपीआई की तरफ से निवेश के रूप में नजर आ रहा है. इंडिया ही नहीं ब्राजील, इंडोनेशिया और ताइवान जैसे इमर्जिंग मार्केट्स में भी यही ट्रेंड नजर आ रहा है.

NSDL के पास मौजूद आंकड़ों का आकलन करें तो पता चलता है कि एफपीआई की तरफ से 31 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच फाइनैंशल सर्विसेज, मेटल्स और माइनिंग, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और कैपिटल गुड्स सेक्टर्स में निवेश किया है.

अब सवाल उठ रहा है कि क्या FII आगे भी इतने ही दिलदार बने रहेंगे? पुरोहित की मानें तो FPI अभी अगले कुछ महीनों तक इसी आक्रमकता के साथ निवेश करते रहेंगे.

उनके अनुसार ब्याज दरों में तेजी का सिलसिला धीरे होने, महंगाई के काबू में आने और इकॉनमी में जारी विकास को देखते हुए इंटरनैशनल निवेशकों के पास निवेश करने के विकल्प आराम से खुले हैं.

ऐसी स्थिति में उनके लिए इंडिया निवेश के लिहाज से पसंदीदा जगह के तौर पर बनकर उभरा है और भारत से बेहतर उनके सामने शायद ही कोई दूसरा विकल्प हो.


Edited by Upasana