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तेज रफ़्तार से भारतीय भाषाओं में गूगल की हिस्सेदारी बीस फीसदी तक पहुंची

तेज रफ़्तार से भारतीय भाषाओं में गूगल की हिस्सेदारी बीस फीसदी तक पहुंची

Tuesday December 03, 2019 , 3 min Read

इस समय विश्व स्तर पर गूगल असिस्टेंट सॉफ्टवेयर का सबसे अधिक इस्तेमाल हिंदी में हो रहा है। हमारे देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 46 करोड़ है, जिनमें ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं में से आज 10 में से 9 भारतीय भाषा के रहते हैं। ऐसे हालात में गूगल सर्च में भारतीय भाषाओं की हिस्सेदारी 20 फीसदी हो चुकी है।

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सांकेतिक फोटो (फोटो: फैक्टरडेली)

भारत जैसे बहुभाषी देश में अधिक से अधिक लोगों को उनकी अपनी भाषा में सूचना और सेवाओं के लिए सार्वभौमिक पहुँच उपलब्ध कराना अंतर्निहित प्राथमिक चिंता काफी चुनौतीपूर्ण है। एक अनुमान के मुताबाकि, वर्तमान में भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 46 करोड़ है, जिनमें ऑनलाइन आने वाले उपयोगकर्ताओं में से आज 10 में से 9 भारतीय भाषा के हैं। अनुकूल सॉफ्टवेयर विकसित करने के चलते गूगल ने भारत में अपनी पहुंच का आश्चर्यजनक विस्तार कर लिया है।


गूगल ने दावा किया है कि हिन्दी सहित भारतीय भाषाओं की हिस्सेदारी गूगल सर्च में 20 फीसदी पहुंच गई है। गूगल इंडिया की सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर निधि गुप्ता के मुताबिक, वर्ष 2014 में गूगल में जहां भारतीय भाषाओं का सर्च मात्र दो प्रतिशत था, अब यह बढ़कर 20 प्रतिशत तक दखल बना चुका है। हमारे देश में वॉइस सर्चिंग 270 प्रतिशत प्रतिवर्ष की रफ्तार से बढ़ रही है। अंग्रेजी में वॉइस सर्च की सुविधा तो 2008 से ही उपलबध है, गूगल ने 2014 में वॉइस सर्च सुविधा हिन्दी में प्रारंभ की थी। 


वर्तमान में भारत में 38 करोड़ से 40 करोड़ लोग स्मार्ट फोन उपयोग कर रहे हैं। हिन्दी सहित भारतीय भाषाओं में इंटरनेट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये गूगल ने कुछ साल पहले वॉइस सर्च इन हिन्दी, वर्ष 2016 में सर्च रिजल्ट पेज पर हिन्दी टैब, वर्ष 2017 में क्रोम में न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन इन क्रोम, वर्ष 2017 में गूगल असिस्टेंट तथा पिछले साल नवलेखा का शुभारंभ किया था। इन साफ्टवेयर के माध्यम से गूगल की पहुंच हिन्दी सहित भारतीय भाषाओं में बढ़ती जा रही है। इस समय पूरी दुनिया के स्तर पर गूगल असिस्टेंट सॉफ्टवेयर का सबसे अधिक इस्तेमाल हिन्दी में किया जा रहा है।





गूगल ने दो साल पहले अपने वायस सर्च फीचर में बंगाली, मलयालम व तमिल सहित आठ और भारतीय भाषाओं को शामिल किया था। इन भाषाओं में अब सिर्फ शब्द बोलकर ही ऑनलाइन सामग्री सर्च की जा सकती है। उससे पहले तक गूगल की यह वायस सर्च फीचर अंग्रेजी व हिंदी में ही उपलब्ध थी। कंपनी ने उस समय इसमें गुजराती, कन्नड़, मराठी, तेलुगु व उर्दू सहित आठ नई भाषाओं को भी शामिल कर लिया। वॉयस यानी आवाज आधारित सर्च फीचर के लिए यूजर्स को गूगल ऐप की वॉयस सेटिंग मीनू में अपनी भाषा तय करनी होती है। वैश्विक स्तर पर अब गूगल 119 भाषाओं में वॉयस सर्च करने में सक्षम है। अब इस फीचर में 30 नई भाषाओं को जोड़ दिया गया है, जिनमें से आठ भारतीय भाषाएं हैं।


इस बीच ऑनलाइन वीडियो आज भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सूचना जुटाने और खरीद संबंधी निर्णय लेने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। गूगल की 'ईयर इन सर्च-इंडिया: इनसाइट्स फॉर ब्रैंड्स' रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 2020 तक ऑनलाइन वीडियो देखने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 50 करोड़ पहुंच जाएगी। ऑनलाइन वीडियो के लिए एक-तिहाई सर्च मनोरंजन से संबंधित होते हैं।


इसके अलावा पिछले दो वर्षों में अन्य श्रेणियों जीवनशैली, शिक्षा और कारोबार में भी डेढ़ से तीन गुना की वृद्धि हुई है। ऑनलाइन वीडियो अब खरीद-फरोख्त संबंधी निर्णय लेने के नए-नए तरीके ईजाद करने लगे हैं। करीब 80 प्रतिशत कार खरीदार इसका इस्तेमाल शोध पर कर रहे हैं।