छह धुनों वाले हनुमान चालीसा से वंदना ने मचाया तहलका
गायन और संगीत-साधना अब सिर्फ सुनने-गुनगुनाने का इंटरटेनमेंट ही नहीं रहा। नई प्रतिभाएं इस क्षेत्र में अपना हुनर दिखाकर रातोरात करोड़पति हो जा रही हैं। भारतीय मूल की एक ऐसी ही अफ्रीकी टैलेंट हैं वंदना नारन, जिन्होंने हनुमान चालीसा की छह अलग-अलग धुनो वाली सीडी लांच कर दुनिया में तहलका मचा दिया है।
हमारे देश में आज संगीत का कारोबार 960 करोड़ रुपए का हो चुका है। अकेले मोबाइल रिंगटोन का ही कारोबार चार सौ करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। ऐसे स्वयं अनुमान लगाया जा सकता है कि तरह-तरह के तनावों के बीच आज दुनिया में सुरों के इंटरटेनमेंट का बाजार किस तरह लहलहा रहा है। बड़ी संख्या में युवा प्रतिभाएं इस चकाचौंध की ओर आकर्षित हो रही हैं। ऐसी ही भारतीय मूल की एक नई गायिका वंदना नारन छह धुनों वाले अपने 'हनुमान चालीसा' पैकेज के साथ अफ्रिका में रहकर दुनिया भर के करोड़ों सुधी श्रोताओं के दिलो पर राज करने लगी हैं।
अपने पिता के साथ कभी चार साल तक अमेरिका में रहीं, लेकिन अब जोहान्सबर्ग (द.अफ्रीका) में रह रहीं भारतीय मूल की वंदना नारन ने पिछले साल 2018 में नेलसन मंडेला की 150वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी एक अनूठी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। एक बार फिर उन्होंने जोहान्सबर्ग के साउथ में स्थित इंडियन टाउनशिप लेनासिया में आयोजित वार्षिक संयुक्त हनुमान चालीसा कार्यक्रम में गोस्वामी तुलसीदास रचित हनुमान चालीसा छह अलग-अलग धुनों में सुनाकर हजारों लोगों को तालियां बजाने के लिए बेसुध कर दिया।
गौरतलब है कि फिल्म, टीवी, खेल, बैंड, मीडिया चैनल, वीडियो गेम, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग, विज्ञापन, शिक्षण संस्थान, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, हर कहीं आज संगीत ने जिस तरह अपनी सबसे जरूरी जगह बना ली है, इस क्षेत्र में शामिल संगीतकारों, वाद्ययंत्र विशेषज्ञों, निर्माताओं, कारोबारियों की एक अच्छी-खासी तादाद खड़ी हो चुकी है। इस काम ने एक विश्वव्यापी उद्योग का रूप ले लिया है। आज हर म्युजिकल वीडियो बनाने, बेचने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों को वंदना नारन जैसी प्रतिभाओं की बड़ी बेचैनी से प्रतीक्षा रहती है। इस बाजार की ताकत को समझने के लिए एक मात्र सूचना ही काफी होगी कि किस तरह 5 मई 1951 को दिल्ली के पंजाबी परिवार में पैदा हुए गुलशन कुमार ठेले पर ऑडियो रिकॉर्ड्स बेचते-बेचते करोड़पति बन गए।
आज उनकी कंपनी 'टी-सीरीज' देश में संगीत और वीडियोज की सबसे बड़ी संगीत कारोबारी है। इंडियन म्युजिक इंडस्ट्री के करीब 60 फीसदी पर इसी कंपनी का कब्जा है। यह कंपनी 6 महाद्वीपों के 24 से ज्यादा देशों में संगीत का एक्सापोर्ट कर रही है, जबकि ढाई हजार से अधिक डीलरों के साथ टी-सीरीज देश का सबसे बड़ा डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क भी है।
इससे आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि वंदना नारन की चालीसा सुर-साधना आने वाले दिनो में किस तरह उनकी माली हालत में भी आश्चर्यजनक उछाल लाने वाली है। वंदना नारन ने हनुमान चालीसा की छह अलग-अलग धुनों वाली एक सीडी भी लॉन्च की है। वह बताती हैं कि इस सीडी में हनुमान चालीसा की विभिन्न धुनों को एक साथ रखा गया है ताकि यह अलग-अलग आयु वर्गों के लोगों को वे मुग्ध कर सकें। वह कहती हैं कि पारम्परिक धुनें बुजुर्गों को अधिक आकर्षित करती हैं। इस सीडी में युवाओं के लिए आधुनिक संगीत से लयबद्ध हनुमान चालीसा है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक संगीत का उपयोग किया गया है। बोल निश्चित तौर पर वही हैं लेकिन प्रस्तुतियां विभिन्न धुनों पर की गई है। वंदना इससे पहले कई स्थानीय गीत प्रतियोगिताएं जीत चुकी हैं। उनकी अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियों ने तहलका मचा दिया है।
वंदना नारन ने बचपन से ही अमेरिका में अपनी बहन जागृति के साथ शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था। उस समय उनके पिता जगदीश अमेरिका में कार्यरत थे। जब वह दक्षिण अफ्रीका आईं, उसके बाद से उनकी संगीत में अभिरुचि और ज्यादा बढ़ गई। फिर तो उन्होंने अपना पूरा ध्यान गायिकी पर ही केन्द्रित कर दिया। साथ में उनकी बहन जागृति संगीत रचना करने लगीं। अब तो वंदना का पूरा परिवार ही संगीत की धुनों में डूबा रहता है। जोहान्सबर्ग के दक्षिण स्थित इंडियन टाउनशिप लेनासिया में पिछले दिनो जब वंदना संयुक्त हनुमान चालीसा कार्यक्रम में प्रस्तुतियां दे रही थीं, वहां देश भर के और भी कई भजन समूहों ने बीस-बीस मिनट के सत्र में लगातार बारह घंटे तक बिना रुके गायन-जाप किए।
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