एचडीएफसी बैंक ने धार्मिक संस्थाओं, सोसायटी के लिये शुरू की विशेष सेवा
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने संस्थागत कारोबार को आगे बढ़ाने के लिये धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं, क्लबों आदि के लिये एक विशेष मूल्यवर्धित सेवा की बृहस्पतिवार को शुरुआत की।
बैंक ने कहा कि इसके लिये संस्थाओं को विशेष रूप से तैयार मोबाइल एप दिया जायेगा जिसके जरिये उपयोगकर्ता दान दे सकेंगे, बिल भर सकेंगे तथा अन्य भुगतान कर सकेंगे।
बैंक ने कहा कि अभी 30 लाख से अधिक संस्थान हैं, अत: इस श्रेणी में कारोबार की अच्छी संभावनाएं हैं। संस्थानों का बैंक में बचत खाता, चालू खाता या फिर विशेष एस्क्रो खाता होना चाहिये। एचडीएफ़सी की इस नई सुविध के बाद खास कर मंदिरों में धन-प्रबंधन आसान होने की संभावना है।
मंदिर यहा अन्य संस्थानों में दान की बात करें तो भारत में लोग दान देने में कतई पीछे नहीं हैं। 2015 में प्रकाशित हुए एक रिपोर्ट में भारत में लोगों ने दान के मामले में लोगों ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया था।
एचडीएफ़सी की इस सेवा से दान आदि में पारदर्शिता भी बढ़ने की संभावना है। गौरतलब है की भारत के अनेकों मंदिरों में दिये जाने वाला दान कई मायनों में अधिक होता है, वहीं इस दान में कैश की मात्रा भी अधिक होती है।
बिल इत्यादि की बात करें तो देश में अभी यूपीआई को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है, लेकिन फिर भी देश के कई हिस्सों खास कर ग्रामीण अंचल तक अभी डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं पहुँच सकी है।
यूपीआई के साथ देश के सभी बड़े बैंक अपनी डिजिटल सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं। देश के शहरी क्षेत्रों में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए यूपीआई एक बड़ा रोल अदा कर रहा है। गौरतलब है कि डिजिटल पेमेंट से देश के बड़े हिस्से का परिचय सबसे पहले पेटीएम ने परिचय कराया था, लेकिन अब पेटीएम को भी इस क्षेत्र में कड़ी प्रतिद्वंदिता का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि यूपीआई ने देश के टियर 1 शहरों में बड़े स्तर पर पेमेंट के क्षेत्र में कब्जा कर कर रखा है, जबकि टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी यूपीआई की मदद से डिजिटल पेमेंट को लगातार बढ़ावा मिल रहा है।