Honda Cars ने Maruti Suzuki Toyotsu के साथ वाहन स्क्रैपिंग के लिए किया करार, ग्राहकों को मिलेंगे ये फायदे
कार्स इंडिया ने वाहनों की स्क्रैपिंग (कबाड़) के लिए टोयोत्सु इंडिया (एमएसटीआई) के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत होंडा के ग्राहकों को उनके पुराने वाहनों (ELV) को स्क्रैप करने की सुविधा दी जाएगी. इस करार के तहत ग्राहकों को अपनी पुरानी और बेकार गाड़ियों के स्क्रैपिंग के बाद सही दाम हासिल करने में मदद मिलेगी. यह जानकारी कंपनी ने सोमवार को दी.
इस समझौते के जरिए होंडा के ग्राहकों को उनके पुराने वाहनों (ईएलवी) को स्क्रैप करने के लिए एक समाधान की पेशकश की जाएगी. एचसीआईएल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ताकुया त्सुमुरा ने कहा, ‘कंपनी डीलरों के जरिये अपने ग्राहकों को उनकी पुरानी कारों को व्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से स्क्रैप करने के लिए एक समाधान पेश करेगी.’ होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ((HCIL)) ने एक बयान में कहा, ‘इस करार के तहत कंपनी अपने ग्राहकों को उनके ईएलवी (ऐसे वाहन जिनकी उम्र पूरी हो चुकी है) के लिए उचित मूल्य हासिल करने में मदद करेगी और अपने डीलरों के जरिये पंजीकरण खत्म करने तथा जमा / भंजन प्रमाण पत्र जारी करने की सुविधा उपलब्ध कराएगी.’
भारत में प्रदूषण की एक मुख्य वजह पुराने व खटारा वाहनों के सड़कों पर चलने और उनके निस्तारण की कोई व्यवस्था न होना माना जाता रहा है. नए वाहनों की तुलना में पुराने वाहन पर्यावरण को 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषित करते हैं. इसी के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी (Vehicle Scrappage Policy) को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. भारत में व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी का उद्देश्य पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाना है और इस तरह नए या नए वाहनों की मांग करने के लिए प्रोत्साहन भी देना है. इस पॉलिसी के तहत अब देश में एक तय सीमा से पुराने हो चुके वाहनों को अपना फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य होगा. इन फिटनेस केंद्रों में वाहनों का उत्सर्जन परीक्षण, ब्रेकिंग सिस्टम, सुरक्षा घटकों आदि का परीक्षण किया जाएगा. टेस्ट में फेल वाले वाहनों का पंजीकरण कैंसिल कर दिया जाएग और उन्हें स्क्रैप में भेज दिया जाएगा. यह प्रक्रिया ईंधन दक्षता में सुधार और प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा. पुराने वाहनों से प्राप्त धातु और प्लास्टिक के पुनर्चक्रण से ऑटो कंपोनेंट (Auto Component) की कीमतें काफी हद तक कम करने में भी मदद करेगी.
अगर कोई गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल होती है तो उसे देश भर में रजिस्टर्ड स्क्रैप फैसिलिटी में अपनी गाड़ी जमा करना है. पुरानी गाड़ी देने के बदले ग्राहक को एक डिपॉजिट सर्टिफिकेट मिलेगा जिसके बदले ऑटो कंपनियां ग्राहक को नई गाड़ी खरीदते समय एक्स-शोरूम प्राइस के 5% तक का डिस्काउंट देंगी. इसके अलावा नए व्हीकल की रजिस्ट्रेशन फीस शून्य हो जाएगी. वहीं राज्य सरकारें ग्राहकों को प्राइवेट व्हीकल के लिए 25% और कमर्शियल व्हीकल के लिए 15% तक रोड टैक्स रिबेट दे सकती हैं.
Edited by Prerna Bhardwaj