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पाकिस्तान के हमले का जवाब देने के इरादे से हुआ था BSF का गठन

9 अप्रैल, 1965 को पाकिस्तान ने गुजरात के कच्छ में सरदार पोस्ट, बेरिया बेत और छार बेत पर हमला कर दिया था. तभी तत्कालीन भारत सरकार ने इस खास तरह के बॉर्डर सिक्योरिटीज फोर्स की स्थापना करने का फैसला किया जिसका नियंत्रण केंद्र सरकार के पास दिया गया.

पाकिस्तान के हमले का जवाब देने के इरादे से हुआ था BSF का गठन

Thursday December 01, 2022 , 3 min Read

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स(BSF) की स्थापना को आज 57 साल हो गए. बीएसएफ को देश की सीमा पर सुरक्षा  के मकसद से 1 दिसंबर, 1965 को बनाया गया था. पैरामिलिट्री फोर्स बीएसएफ भारत की 5 सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज में से एक है.

बीएसएफ के अंतर्गत इस समय 2.65 लाख जवान सभी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर 193 बटालियनों में तैनात हैं. BSF दूसरे देशों के साथ लगी सीमाओं के जरिए भारत में अवैध प्रवेश को रोकता है और सीमाओं के जरिए होने वाली अपराधिक गतिविधियों पर भी लगाम लगाता है. 

बीएसएफ स्मगलिंग जैसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए भी काम करता है. सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले लोगों के मन में काफी अनिश्चितता रहती है क्योंकि उन इलाकों में दूसरे देशों के घुसपैठियों के दाखिल होने का काफी डर रहता है.

बीएसएफ अपनी सतर्कता भरी सेवा के जरिए इन लोगों के मन में सुरक्षा भाव को सुनिश्चित करता है. गुजरात में 26 जनवरी, 2001 को जब भूकंप आया था तब पीड़ित लोगों को बचाने के लिए सबसे पहले बीएसएफ ने ही कमान संभाली थी.

इतिहास

9 अप्रैल, 1965 को पाकिस्तान ने गुजरात के कच्छ में सरदार पोस्ट, बेरिया बेत और छार बेत पर हमला कर दिया था. तभी तत्कालीन भारत सरकार ने इस खास तरह के बॉर्डर सिक्योरिटीज फोर्स की स्थापना करने का फैसला किया जिसका नियंत्रण केंद्र सरकार के पास दिया गया.

इस फोर्स को पाकिस्तान से लड़ाई करने के लिए ट्रेनिंग और हथियारबंद किया गया. सेक्रेटरीज की कमिटी के सुझावों के बाद बीएसएफ 1 दिसंबर, 1965 को अस्तित्व में आ गई. खुसरो फरामुर्ज रुस्तमजी इसके फाउंडिंग फादर और पहले चीफ थे.

चट्टान की तरह खड़ी रही है

BSF ने मई से जुलाई 1999 के दौरान कारगिल युद्ध के दौरान देश की संप्रभुता की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई है. BSF हर साल यूनाइटेड नेशंस मिशन के लिए अपने जवानों को भेजती है.

BSF जवानों ने गुजरात में सांप्रदायिक दंगों के दौरान लोगों के बीच आपसी भाईचारा दोबारा बहाल करने में भूमिका निभाई.

बीएसएफ जवान मणिपुर में इंटरनल सिक्योरिटी ड्यूटी भी करते हैं और पिछले दो सालों से इन इलाकों में उग्रवाद से निपटने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर में सीमा पर बाड़ लगाने का काम बीएसएफ ने अपने हाथ में ले लिया था. पाकिस्तान इस काम में बाधा पैदा करने की कोशिश कर रहा था इसके बावजूद बीएसएफ ने सफलतापूर्वक काम पूरा किया. इस साल BSF पहली बार पंजाब में और दूसरी बार दिल्ली के बाहर अपना अपना स्थापना दिवस मना रही है.


Edited by Upasana