इस चीज की खेती से होगा तगड़ा मुनाफा, हेल्थ बेनेफिट्स के चलते बिकता है बहुत महंगा

बहुत से लोगों के मन में एक बड़ा सवाल ये आता है कि आखिर मखाना बनता कैसे है? क्या ये किसी पेड़ पर उगता है या फिर किसी फैक्ट्री में बनता है? मखाने की खेती से आप तगड़ा मुनाफा भी कमा सकते हैं.

इस चीज की खेती से होगा तगड़ा मुनाफा, हेल्थ बेनेफिट्स के चलते बिकता है बहुत महंगा

Thursday March 16, 2023,

3 min Read

मखाने के बारे में हर कोई जानता है. आपने भी इसके फायदों (Health Benefits of Makhana) के बारे में खूब सुना होगा. हालांकि, बहुत से लोगों के मन में एक बड़ा सवाल ये आता है कि आखिर मखाना बनता कैसे है? क्या ये किसी पेड़ पर उगता है या फिर किसी फैक्ट्री में बनता है? आप चाहे तो मखाने की खेती (Makhana Farming) कर के तगड़ी कमाई कर सकते हैं. आइए जानते हैं मखाने के खेती के बारे में सब कुछ. साथ ही समझते हैं कैसे की जाती है मखाने की खेती (How to do Makhana Farming) और कितना हो सकता है मुनाफा.

सुपरफूड कहा जाता है मखाने को

मखाना ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है, बल्कि इससे स्वास्थ्य को भी बहुत सारे फायदे (Health Benefits of Makhana) होते हैं. यही वजह है कि मखाने को सुपरफूड कहा जाता है. इसके फायदों की वजह से ही लोग इसे खूब खरीदते हैं. इसकी तगड़ी मांग होने की वजह से इसके अच्छे दाम मिलते हैं, जिससे किसानों की कमाई भी बढ़ती है. बता दें कि दुनिया के मखाने का करीब 80-90 फीसदी सिर्फ भारत में पैदा होता है. भारत में लगभग 15 हजार हेक्टेयर में मखाने की खेती होती है और इसका करीब 80-90 फीसदी उत्पादन सिर्फ बिहार में होता है. बिहार में तो मखाने का अनुसंधान केंद्र भी है. मखाने को कमल का बीज भी कहा जाता है.

कैसे की जाती है मखाने की खेती?

मखाने की खेती करने के दो तरीके होते हैं. एक तरीका होता है तालाब में इसकी खेती करना और दूसरा तरीका होता है खेतों में मखाने की खेती करना. साल में इसकी खेती दो बार की जाती है, पहली बार मार्च में लगाकर अगस्त-सितंबर हार्वेस्टिंग करना और दूसरा सितंबर-अक्टूबर में खेती शुरू कर के फरवरी-मार्च में हार्वेस्टिंग की जाती है. मखाने की खेती में पहले नर्सरी तैयारी की जाती है और उसके बाद उसे डेढ़ से दो फुट पानी वाले खेत में या फिर तालाब में लगाया जाता है. करीब 6 महीने में इसकी फसल तैयार हो जाती है.

कैसे बनता है मखाना?

पानी में मखाने का एक फल बनता है, जिसमें खूब सारे बीज होते हैं. ये बीज जब पककर फटता है तो उसके बीज निकल कर पानी में फैल जाते हैं. इन बीजों को इकट्ठा कर के साफ किया जाता है और फिर उसे सुखाया जाता है. सुखाने के बाद उसे कढ़ाई में गर्म किया जाता है. जब वह तेज गर्म हो जाता है तो उसे एक लकड़ी के पटरे पर रखकर लकड़ी के हथौड़े से पीटा जाता था. गरम बीज पर जब हथौड़ा पड़ता है तो वह फूटकर लावा बन जाता है. हमें बाजार में जो सफेद रंग का मखाना दिखता है वह दरअसल लावा ही होता है, जो काले या भूरे मखाने के फूटने के बाद निकलता है.

कितना खर्च और कितना मुनाफा?

1 हेक्टेयर में मखाने की खेती करने में आपको करीब 1 लाख रुपये खर्च करने होंगे. वहीं इतने से आप 1-1.5 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं अगर आप मखाने का लावा बनाकर उसे बाजार में बेचते हैं तो आपका मुनाफा 60-70 फीसदी बढ़ सकता है. वहीं अगर आप इसे पैकिंग भी कर देते हैं और बाजार में बेचते हैं तो मुनाफा और ज्यादा बढ़ जाएगा. बाजार में मखाना करीब 500-800 रुपये किलो तक बिकता है.